भोपाल। इस बार राजधानी भोपाल में सार्वजनिक स्थानों पर गणेश उत्सव के आयोजन पर प्रतिबंध लगा हुआ है. ऐसे में किस तरीके से लोग घरों में इको फ्रेंडली मिट्टी से बने गणेश जी अपने घर में स्थापित करें. इसको लेकर मूर्ति प्रमोटर सुहाग धोटे ने करीब 76 जड़ी बूटियों के अर्क से गणेश जी की छोटी-छोटी प्रतिमाएं बनाई हैं. यही नहीं इनको बनाते समय मंत्र उच्चारण भी किया गया है. शास्त्रोक्त और इको फ्रेंडली मिट्टी से यह गणेश की प्रतिमाएं बनाई गई हैं.
यानी इस बार गणेश उत्सव में आपको कई प्रकार की जड़ी बूटियों के अर्क से बनी गणेश प्रतिमाएं मिलेंगी. दरअसल, माटी गणेश के नाम से कैंपेनिंग चला रहे सुभाष धोटे का कहना है कि मौजूदा समय में कई बार केमिकल द्वारा मूर्तियों को बनाया जाता है, जिनसे पर्यावरण भी दूषित होता है और विसर्जन के बाद कई बार मूर्तियां पानी में बहती हुई नजर आती हैं.
ऐसे में उन्होंने इस बार माटी गणेश के नाम से अभियान चलाया है. जिसके तहत वह ईको फ्रेंडली माटी गणेश बनाकर लोगों को उपलब्ध कराएंगे. यही नहीं मौजूदा समय में चल रहे पूर्ण संक्रमण को देखते हुए गणेश जी की मूर्ति के साथ एक मास्क और सेनिटाइजर भी दिया जाएगा.
मूर्ति के निर्माण को लेकर सुहाग धोटे का कहना है कि दरअसल निर्माण का कंसेप्ट शंकराचार्य की प्रेरणा से आया है. जिसके बाद से प्रतिमा बनाने के लिए तीर्थ स्थलों की मिट्टी और वहां का जल और 76 जड़ी बूटियों का अर्क डाला गया है.
भगवान की आंख तिलक और दांत के अलावा मूर्ति पर कहीं रंग नहीं किया जाता. शास्त्रोक्त होने के कारण इस वर्ष उनके द्वारा बनाई पहली माटी गणेश प्रतिमा अयोध्या में राम मंदिर की भूमि पूजन में विराजी थी.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोक सभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ,सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के घर भी यह मिट्टी गणेश की प्रतिमा भेंट कर चुके हैं. दरअसल हर साल गणेश उत्सव के दौरान काफी धूमधाम देखी जाती है, लेकिन इस बार कोरोना में त्योहारों का रंग जरूर फीका कर दिया है, जिसका असर गणेश उत्सव पर भी पड़ेगा.
माटी गणेश के बारे में जानना हम सभी के लिए बेहद जरूरी है. क्योंकि जो प्रतिमा आप देख रहे हैं. वह रंगहीन जरूर है. लेकिन जब आपको पता चलेगा कि यह प्रतिमा 75 प्रकार की जड़ी बूटियां सात पवित्र नदियों का जल, चार पांच प्रकार की मिट्टी के मिश्रण से तैयार है, ऐसे में ये गणेश प्रतिमा पर्यावरण और आस्था के प्रति एक बड़ी कड़ी साबित होगी.
कोरोना वायरस के चलते सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ति बिठाने पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसे में मिट्टी से बनीं इन गणेश मूर्तियों की स्थापना कर लोग घर में गणेश उत्सव मना सकते हैं. जिससे पर्यावरण के साथ-साथ वह शास्त्र और जड़ी बूटियों के बारे में भी जान सकेंगे.