भोपाल। कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह वनकर्मियों के समर्थन में उतरे हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार से प्रदेश के वन कर्मियों की सेवा को वन सुरक्षा बल घोषित करने, सुरक्षा करने के दौरान मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा, साथ ही विशेष अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने की मांग की है.
अजय सिंह ने कहा कि जिस तरह जनता की सुरक्षा करते हुए जान गंवाने पर पुलिसकर्मियों को शहीद का दर्जा दिया जाता है. ठीक उसी तरह से वनों की सुरक्षा में लगे वन कर्मियों की जंगली जानवरों या वन माफियाओं के हमले से मौत होने पर उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए.
इसके साथ ही शहीद होने पर उनके परिवार को दी जाने वाली विशेष अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी जाए और पुलिस बल के जैसे वन कर्मियों की सेवा को वन सुरक्षा बल घोषित किया जाए.
मप्र विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि प्रदेश में जंगल और वन प्राणियों की सुरक्षा में लगे मैदानी कर्मियों पर लगातार खुलेआम हमले हो रहे हैं, जो चिंता का विषय हैं. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह की सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, सरकार के असंवेदनशील रवैया से वनरक्षक से लेकर रेंजर तक दुखी हैं.
बीजेपी के शासन में अमान्य वन अधिकार दावे जबरन मान्य किए जा रहे हैं, जिससे वन कर्मियों के साथ विवाद की घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज में पनपे वन माफिया के लोग कर्मियों पर जानलेवा हमाला कर रहे हैं, जिसके कारण वन विभाग के मैदानी अमले में गुस्सा है साथ ही वह चंदा इकठ्ठा कर के मृतकों के परिवार की आर्थिक सहायता कर रहे हैं.
अजय सिंह ने कहा कि पिछले 14 अगस्त को पन्ना में ड्यूटी के दौरान रेंजर विंदेश्वरी राम भगत शहीद हो गए थे, लेकिन उनके परिवार को 12 साल पुराने एक आदेश के अनुसार 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी गई, जो काफी कम है.
अजय सिंह ने बताया कि अन्य राज्यों में यह राशि 30 लाख दी जाती है, जिसका सीधा उदाहरण कर्नाटक है, उन्होंने कहा कि नौकरी के दौरान अपने घरों से लगातार दूर रहने वाले प्रदेश के वन विभाग के तमाम मैदानी अमले के प्रति शिवराज सिंह को संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए. ताकि वे अपनी ड्यूटी पूरे उत्साह, आत्मविश्वास और लगन से कर सकें