भोपाल। सरकार ने लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए शराब दुकान खोलने का निर्णय लिया है, तो दूसरी तरफ शराब दुकानों के ठेकेदार सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि सरकार के राजस्व, आबकारी और पुलिस विभाग के सहयोग से दुकानों का संचालन होता है, वहीं कोरोना वायरस बड़ी चुनौती है. इन परिस्थितियों में ये विभाग शराब दुकानों का संचालन कराएंगे कि जनता को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए काम करेंगे. शराब ठेकेदारों का कहना है कि हमारा जो सरकार से अनुबंध था और उसकी जो शर्तें थीं, वो मौजूदा परिस्थितियों में अपना जमीन खो चुकी हैं और हम लोगों ने शामिल सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए शराब दुकानें बंद करने का निर्णय लिया था. हम सरकार के फैसले के खिलाफ हैं और सरकार अगर हमें दुकान खोलने के लिए मजबूर करेगी, तो हम हाईकोर्ट की शरण लेंगे.
आबकारी ठेकेदार राहुल जायसवाल का कहना है कि शराब दुकानों के संचालन में पुलिस, आबकारी, राजस्व विभाग के अधिकारियों का सहयोग जरूरी होता है. अब इस समय प्रशासन कोरोना का ध्यान करें कि आमजनों की समस्याओं पर ऊर्जा और बाल केंद्रित करें या फिर शराब दुकानें संचालित करने में पुलिस, आबकारी और राजस्व विभाग की ड्यूटी लगाई जाए. हमारे सामने समस्या ये है कि हम लाइसेंस कंडीशन के कारण दुकानें खोलने के लिए बाध्य हैं. हमने सरकार के सामने अपना प्रेजेंटेशन दिया है कि इन शर्तों को शिथिल किया जाए. सरकार हमारा अनुरोध नहीं मानेगी, तो हम न्यायालय की शरण में जाएंगे. दुकानें बंद करने का फैसले हमने सामाजिक जिम्मेदारी को देखते हुए लिया है. हम हाईकोर्ट जाएंगे और माननीय न्यायालय जो आदेश देगी, उसका पालन करेंगे.