भोपाल। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिसके चलते प्रशासन ने ऐसे शहरी क्षेत्रों के लिए नई गाइडलाइन तय की है, ताकि संक्रमण को रोका जा सके. शहरी नई बस्तियों में कोविड-19 की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त फैज अहमद किदवई ने प्रदेश के सभी कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं.
इन्सिडेन्ट कमांडर नियुक्त करने के निर्देश
जारी निर्देशों के अनुसार स्थानीय निकायों को आवश्यक नियोजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. नई बस्तियों के भौगोलिक विस्तार एवं जनसंख्या के घनत्व को देखते हुए उपयुक्त एवं वरिष्ठ इन्सिडेन्ट कमांडर को चिन्हांकित किया गया है. वहीं कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये आवश्यक नियोजन सामग्री और वित्तीय प्रबंधन की व्यवस्थायें की जाएंगी. इसकी रिपोर्ट इन्सिडेन्ट कमांडर द्वारा म्यूनीसिपल कमिश्नर को दी जाएगी. इस दौरान इन्सिडेंट कमांडर द्वारा स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, आवास एवं नगरीय विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि विभागों के अधिकारियों तथा क्षेत्र में पूर्व से कार्यरत गैर शासकीय संस्थानों, स्थानीय नेताओं आदि से समन्वय स्थापित किया जाएगा.
स्वयंसेवी संस्थाओं का लिया जाए सहयोग
कोविड-19 के कंटेनमेंट के लिये शहरी डिस्पेन्सरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मी, एएनएम, शहरी आशा, शहरी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, म्यूनीसिपल स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य वॉलेन्टियर तथा अन्य स्वयं सेवक (NSS/NYK/NCC/NGO ) दलों का सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिये गए हैं. आवश्यकता अनुसार अन्य प्रशिक्षित लोगो को पदस्थ किया जा सकेगा.
50 साल से अधिक उम्र की पहचान के लिए निर्देश
वहीं जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगो को कोविड-19 के मरीजों की पहचान, लिस्टिंग और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के संबंध में ट्रेनिग और आवश्यक प्रश्नावली दी जाएगी. इसके साथ ही तापमान जांच के लिए नॉन टच थर्मामीटर दिया जाएगा. 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो और लंबी बीमारियों से ग्रस्त रोगियों की पहचान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
स्थानीय भाषा में लोगों को किया जाएगा जागरूक
स्थानीय जन-प्रतिनिधि, धर्म गुरू, गणमान्य नागरिक आदि का सहयोग कोविड-19 के सामुदायिक जागरूकता के लिये लिया जाएगा . रिस्क कम्युनिकेशन मनोसामाजिक मुद्दे एवं कोविड-19 से जुड़े कलंक और भ्रांतियों को दूर करने के लिये स्थानीय भाषा में सार्वजनिक स्थलों पर प्रसार सामग्री का प्रदर्शन किया जाएगा. साथ ही लोकल केवल टी.वी. चैनल्स का उपयोग तथा सोशल मीडिया के द्वारा उपयुक्त मेसेजिंग सुनिश्चित किया जाएगा. कोविड-19 के आम लक्षण तथा उच्च जोखिम संवर्ग विशेषकर बूढे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, फेफड़े-गुर्दे के रोगी की लिस्टिंग करने के निर्दश दिए गए हैं.
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई
कंटेनमेंट क्षेत्र में रहने वाले लोगो से लॉकडाउन का पालन कराने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में मिली शक्तियों का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. स्थानीय प्रशासन द्वारा आवश्यक सेवाएं और टीकाकरण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टी.बी. नियंत्रण, डायलिसिस तथा एन.सी.डी. जैसे आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखा जाएगा. इसके साथ ही राहत केन्द्रों की जीओ टैगिंग सुनिश्चित किये जाने एवं मोबाईल एप्लीकेशन के द्वारा आवश्यक सूचना जन समुदाय तक पहुंचाने के लिए कहा गया है.
फील्ड में तैनात दलों को PPE किट उपलब्ध कराने के निर्देश
जनसंख्या के घनत्व के आधार पर हर स्वास्थ्यकर्मी को निश्चित संख्या में हाउसहोल्ड विजिट करने और बड़े क्षेत्रों में अतिरिक्त वर्क फोर्स को तैनात किया जाएगा. इसके साथ ही जमीनी स्तर पर परीक्षण कर रहे दलों को उपयुक्त PPE किट उपलब्ध कराने के निर्देश हैं . साथ ही शासकीय संस्थाओं के अलावा निजी चिकित्सकों का भी सहयोग लेने के निर्देश दिये गये हैं .