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बांग्लादेश को झटका देने की बड़ी तैयारी, मध्य प्रदेश ने निर्यात पर लगाया बैन, दिल्ली-तमिलनाडु भी साथ - MP INDUSTRIALISTS BAN EXPORTS

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए भारत के उद्योगपतियों ने बड़ा फैसला लिया है.मध्य प्रदेश के उद्योगपतियों ने निर्यात बैन किया

MP INDUSTRIALISTS BAN EXPORTS
मध्य प्रदेश ने निर्यात पर लगाया बैन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 7:13 PM IST

भोपाल: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध का एक तरीका ये भी है. बांग्लादेश से रिश्ते बिगड़ने के बाद अब देश के उद्योगपतियों ने बांग्लादेश को आर्थिक झटका देने की तैयारी कर ली है. इन उद्योगपतियों ने तय किया है कि वे भारत में बने उत्पादों का निर्यात बांग्लादेश में नहीं करेंगे. मध्य प्रदेश के उद्योगपति इनमें सबसे आगे हैं. रायसेन जिले के मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया के उद्योगपतियों ने बायकॉट बांग्लादेश के साथ सालाना 8 सौ करोड़ के निर्यात पर असर को मंजूर कर लिया, बांग्लादेश से कारोबार की साझेदारी पर फुल स्टॉप लगा दिया है. अब मध्य प्रदेश के इन उद्योगपतियों से प्रेरणा लेकर तमिलनाडु और दिल्ली की इंडस्ट्री एसोसिएशन भी बांग्लादेश को निर्यात बैन करने मन बना रही हैं.

बांग्लादेश को ऐसे झटका देने की है तैयारी

बांग्लादेश अपनी अर्थव्यवस्था के स्त्रोतों के लिए 70 से 80 फीसदी भारत पर निर्भर है. जाहिर है अगर भारत बांग्लादेश की जरूरतों को सप्लाई को तोड़ता है. तो ये सीधे तौर पर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दे जाएगा. मध्य प्रदेश के उद्योगपतियों ने नए साल की शुरुआत के साथ ही बायकॉट बांग्लादेश की अपने अमल पर फैसला शुरू कर दिया. एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया इंडस्ट्री मंडीदीप के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि "बांग्लादेश के बजाए हम रूस में अपना उत्पाद निर्यात करेंगे, जो कि यूरोप में बिल्कुल अकेला पड़ गया है."

BUSINESSMAN BAN EXPORTS BANGLADESH
बांग्लादेश जाने वाले किन उत्पादों पर लगा बैन (ETV Bharat)

बैन से असर कितना, अब किन देशों को निर्यात

एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया इंडस्ट्री मंडीदीप के मुताबिक इस बैन से सालाना करीब 800 करोड़ रुपए के निर्यात पर असर पड़ेगा. मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 450 इंडस्ट्रियल यूनिट हैं. जिनका सालाना टर्नओवर करीब 85 हजार करोड़ रुपए तक है. जिसमें से 21 फीसदी यानि करीब 18 हजार करोड़ निर्यात से आता है. उसमें भी अगर बांग्लादेश के निर्यात से ये राशि 4.5 प्रतिशत यानि करीब 800 करोड़ है. मंडीदीप के उद्योगपतियों ने फैसला लिया है कि ये उत्पाद अब ताइवान कतर दुबई के साथ भेजे जाएंगे. इन देशों के अलावा यूरोप में अलग-थलग पड़े रूस के साथ भी कारोबारी साझेदारी की संभावनाए हैं.

MP BUSINESSMAN BOYCOTT BANGLADESH
मंडीदीप के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल (ETV Bharat)

डायरेक्टर जनरल फॉरेन ट्रेड की रिपोर्ट कहती है कि "बीते वित्तीय वर्ष में मंडीदीप से बांग्लादेश को जो उत्पाद निर्यात किए गए, उनकी कीमत 784 करोड़ 41 लाख 52 हजार 901 रुपए की थी. एसोसिएशन के मुताबिक बांग्लादेश में बैन से केवल 5 फीसदी ही असर पड़ेगा. बांग्लादेश भारत के मुख्य निर्यातक देशों में शामिल नहीं है.

बांग्लादेश पर बैन के लिए आगे आए ये राज्य भी

एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया इंडस्ट्री मंडीदीप के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि "बांग्लादेश की जगह अब रूस निर्यात की तैयारी हम लोग कर रहे हैं. बांग्लादेश में निर्यात पर रोक के पीछे हमारा एक ही मकसद था, नेशन फर्स्ट अगर हमारे हिंदू शरणार्थियों के साथ वहां बदसलूकी की जा रही है तो हम कैसे उनसे कारोबार का रिश्ता रख सकते हैं, लेकिन मुझे खुशी है कि हमारे इस फैसले के बाद अब तमिलनाडु और दिल्ली राज्यों से भी मेरे पास फोन आए और वहां के उद्योगपति भी अब इस कदम पर आगे बढ़ने की तैयारी कर रहे हैं.

भोपाल: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध का एक तरीका ये भी है. बांग्लादेश से रिश्ते बिगड़ने के बाद अब देश के उद्योगपतियों ने बांग्लादेश को आर्थिक झटका देने की तैयारी कर ली है. इन उद्योगपतियों ने तय किया है कि वे भारत में बने उत्पादों का निर्यात बांग्लादेश में नहीं करेंगे. मध्य प्रदेश के उद्योगपति इनमें सबसे आगे हैं. रायसेन जिले के मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया के उद्योगपतियों ने बायकॉट बांग्लादेश के साथ सालाना 8 सौ करोड़ के निर्यात पर असर को मंजूर कर लिया, बांग्लादेश से कारोबार की साझेदारी पर फुल स्टॉप लगा दिया है. अब मध्य प्रदेश के इन उद्योगपतियों से प्रेरणा लेकर तमिलनाडु और दिल्ली की इंडस्ट्री एसोसिएशन भी बांग्लादेश को निर्यात बैन करने मन बना रही हैं.

बांग्लादेश को ऐसे झटका देने की है तैयारी

बांग्लादेश अपनी अर्थव्यवस्था के स्त्रोतों के लिए 70 से 80 फीसदी भारत पर निर्भर है. जाहिर है अगर भारत बांग्लादेश की जरूरतों को सप्लाई को तोड़ता है. तो ये सीधे तौर पर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दे जाएगा. मध्य प्रदेश के उद्योगपतियों ने नए साल की शुरुआत के साथ ही बायकॉट बांग्लादेश की अपने अमल पर फैसला शुरू कर दिया. एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया इंडस्ट्री मंडीदीप के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि "बांग्लादेश के बजाए हम रूस में अपना उत्पाद निर्यात करेंगे, जो कि यूरोप में बिल्कुल अकेला पड़ गया है."

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बांग्लादेश जाने वाले किन उत्पादों पर लगा बैन (ETV Bharat)

बैन से असर कितना, अब किन देशों को निर्यात

एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया इंडस्ट्री मंडीदीप के मुताबिक इस बैन से सालाना करीब 800 करोड़ रुपए के निर्यात पर असर पड़ेगा. मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 450 इंडस्ट्रियल यूनिट हैं. जिनका सालाना टर्नओवर करीब 85 हजार करोड़ रुपए तक है. जिसमें से 21 फीसदी यानि करीब 18 हजार करोड़ निर्यात से आता है. उसमें भी अगर बांग्लादेश के निर्यात से ये राशि 4.5 प्रतिशत यानि करीब 800 करोड़ है. मंडीदीप के उद्योगपतियों ने फैसला लिया है कि ये उत्पाद अब ताइवान कतर दुबई के साथ भेजे जाएंगे. इन देशों के अलावा यूरोप में अलग-थलग पड़े रूस के साथ भी कारोबारी साझेदारी की संभावनाए हैं.

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मंडीदीप के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल (ETV Bharat)

डायरेक्टर जनरल फॉरेन ट्रेड की रिपोर्ट कहती है कि "बीते वित्तीय वर्ष में मंडीदीप से बांग्लादेश को जो उत्पाद निर्यात किए गए, उनकी कीमत 784 करोड़ 41 लाख 52 हजार 901 रुपए की थी. एसोसिएशन के मुताबिक बांग्लादेश में बैन से केवल 5 फीसदी ही असर पड़ेगा. बांग्लादेश भारत के मुख्य निर्यातक देशों में शामिल नहीं है.

बांग्लादेश पर बैन के लिए आगे आए ये राज्य भी

एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया इंडस्ट्री मंडीदीप के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि "बांग्लादेश की जगह अब रूस निर्यात की तैयारी हम लोग कर रहे हैं. बांग्लादेश में निर्यात पर रोक के पीछे हमारा एक ही मकसद था, नेशन फर्स्ट अगर हमारे हिंदू शरणार्थियों के साथ वहां बदसलूकी की जा रही है तो हम कैसे उनसे कारोबार का रिश्ता रख सकते हैं, लेकिन मुझे खुशी है कि हमारे इस फैसले के बाद अब तमिलनाडु और दिल्ली राज्यों से भी मेरे पास फोन आए और वहां के उद्योगपति भी अब इस कदम पर आगे बढ़ने की तैयारी कर रहे हैं.

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