भोपाल। मुरैना में जहरीली शराब के कारण मौत का सिलसिला अभी भी जारी है. जहरीली शराब की मौत का मामला सामने आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एसआईटी गठन का आदेश दिया था. एसआईटी की जांच के लिए मुरैना भी पहुंची थी और 18 जनवरी तक जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को पेश करने की बात कही गई थी.
एसआईटी ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन सरकार इस रिपोर्ट को लेकर कोई भी खुलासा करने को तैयार नहीं है. आबकारी मंत्री जहां मुख्यमंत्री के पास रिपोर्ट होने की बात कर रहे हैं, तो गृहमंत्री सिर्फ रिपोर्ट आने के बारे में बता रहे हैं. कांग्रेस का आरोप है कि लीपापोती के लिए रिपोर्ट को छुपाया जा रहा है,उसे सार्वजनिक करना चाहिए.
अतिरिक्त प्रमुख सचिव गृह के निर्देशन में हुई थी एसआईटी जांच
मुरैना जहरीली शराब कांड की जांच गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा के निर्देशन में बनी एसआईटी ने की. एसआईटी टीम ने मुरैना में घटनास्थल और पीड़ित परिवारों से मिलकर अपनी रिपोर्ट तैयार की थी और 18 जनवरी को सरकार को सौंपने की बात कही थी. 18 जनवरी के लिए 3 दिन बीत गए हैं, लेकिन रिपोर्ट के बारे में अभी सरकार की तरफ से कोई खुलासा नहीं किया गया.
आबकारी मंत्री और गृह मंत्री ने साधी चुप्पी
आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा एसआईटी रिपोर्ट को लेकर कहते हैं कि रिपोर्ट मुख्यमंत्री को पेश की गई है, उस पर चर्चा कर विचार विमर्श किया जाएगा कि क्या कार्रवाई की जानी है. वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सिर्फ इतना बताते हैं कि रिपोर्ट आ गई है.
लीपापोती के लिए किया गया था एसआईटी का गठन
कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. आबकारी मंत्री का बयान जिस तरह से आ रहा है, वह बहुत ही चिंता बढ़ाने वाला है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कुछ और बात कर रहे हैं. इससे साफ है कि एसआईटी का गठन लीपापोती के लिए किया गया था. यदि ईमानदारी से बनाई है, तो सार्वजनिक कर दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए.