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पीएम पर कांग्रेस का पलटवार, 'DRDO पहले ही विकसित कर चुका है सेटेलाइट को मार गिराने की तकनीक'

कांग्रेस की मीडिया सेल के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने पीएम मोदी के संदेश पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने पीएम के संदेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस मिसाइल और तकनीक के सारे पैमाने 10 फरवरी 2010 को तिरूअनंतपुरम में घोषित किए जा चुके थे. लेकिन चुनावी समय में उन्होेंने इसे एक इंवेट बनाने की कोशिश की है.

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
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Published : Mar 27, 2019, 5:53 PM IST

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर देश को बड़ा संदेश देने की बात कही थी. इसके बाद उन्होंने देश के नाम संदेश भी दिया और कहा कि भारत दुनिया की चौथी महाशक्ति बन गया है, तीन मिनट में ए सेट मिसाइल से जिंदा सेटेलाइट को मार गिराया है. लेकिन कांग्रेस ने उनके संदेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीएम जिस तकनीक की बात कर रहे हैं, उस तकनीक के बारे में 10 फरवरी 2010 को ही घोषणा कर दी गई थी.

पीएम मोदी के संदेश पर कांग्रेस

कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने पीएम मोदी के संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये देश के लिए गौरव पूर्ण क्षण है, देश के वैज्ञानिको को हार्दिक बधाई. इसके बाद उन्होंने पीएम के संदेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस मिसाइल और तकनीक के सारे पैमाने 10 फरवरी 2010 को तिरूअनंतपुरम में घोषित किए जा चुके थे. इस बात की घोषणा तत्कालीन डीआरडीओ महानिदेशक वीके सारस्वत ने की थी.

सारस्वत ने कहा था कि लो किलो आर्बिट में लगभग 300 किलोमीटर के क्षेत्र में सैटेलाइट को मार गिराने की मिसाइल भारत में निर्मित कर ली है, आज उसका परीक्षण किया गया है, जो साथ स्वागत योग्य है. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से इवेंट बनाकर इसको घोषित करने की चेष्टा की गई, वह दुखद है क्योंकि डीआरडीओ ने अभी तक इस बारे में कोई ट्वीट नहीं किया है. इससे ऐसा लगता है कि जैसे डीआरडीओ को रोका गया हो.

पीएम के ट्वीट से लगा था कि वे दाऊद इब्राहिम के पकड़े जाने या फिर मसूद अजहर और हाफिज सईद के मारे जाने की खबर सुना सकते हैं. लेकिन इस बात की हैरानी हुई कि प्रधानमंत्री ने 10 साल पहले जिस तकनीक के बारे में 97 वीं विज्ञान कांग्रेस में भारत के वैज्ञानिकों ने कर दी थी, उसकी घोषणा आज की गई है. इस पर विचार किया जाना चाहिए.

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर देश को बड़ा संदेश देने की बात कही थी. इसके बाद उन्होंने देश के नाम संदेश भी दिया और कहा कि भारत दुनिया की चौथी महाशक्ति बन गया है, तीन मिनट में ए सेट मिसाइल से जिंदा सेटेलाइट को मार गिराया है. लेकिन कांग्रेस ने उनके संदेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीएम जिस तकनीक की बात कर रहे हैं, उस तकनीक के बारे में 10 फरवरी 2010 को ही घोषणा कर दी गई थी.

पीएम मोदी के संदेश पर कांग्रेस

कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने पीएम मोदी के संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये देश के लिए गौरव पूर्ण क्षण है, देश के वैज्ञानिको को हार्दिक बधाई. इसके बाद उन्होंने पीएम के संदेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस मिसाइल और तकनीक के सारे पैमाने 10 फरवरी 2010 को तिरूअनंतपुरम में घोषित किए जा चुके थे. इस बात की घोषणा तत्कालीन डीआरडीओ महानिदेशक वीके सारस्वत ने की थी.

सारस्वत ने कहा था कि लो किलो आर्बिट में लगभग 300 किलोमीटर के क्षेत्र में सैटेलाइट को मार गिराने की मिसाइल भारत में निर्मित कर ली है, आज उसका परीक्षण किया गया है, जो साथ स्वागत योग्य है. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से इवेंट बनाकर इसको घोषित करने की चेष्टा की गई, वह दुखद है क्योंकि डीआरडीओ ने अभी तक इस बारे में कोई ट्वीट नहीं किया है. इससे ऐसा लगता है कि जैसे डीआरडीओ को रोका गया हो.

पीएम के ट्वीट से लगा था कि वे दाऊद इब्राहिम के पकड़े जाने या फिर मसूद अजहर और हाफिज सईद के मारे जाने की खबर सुना सकते हैं. लेकिन इस बात की हैरानी हुई कि प्रधानमंत्री ने 10 साल पहले जिस तकनीक के बारे में 97 वीं विज्ञान कांग्रेस में भारत के वैज्ञानिकों ने कर दी थी, उसकी घोषणा आज की गई है. इस पर विचार किया जाना चाहिए.

Intro:भोपाल।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर देश को बड़ा संदेश देने की बात कही थी और अपने संदेश में उन्होंने बताया कि भारत दुनिया की चौथी महाशक्ति बन गया है और तीन मिनिट में ए सेट मिसाइल से लाइव सेटेलाइट को मार गिराया है। हालांकि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से ट्वीट किया था।उससे लग रहा था कि कोई चुनाव घोषणा या बड़ा खुलासा कर सकते हैं। लेकिन पीएम के इस एलान के बाद कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस उपलब्धि पर देश के वैज्ञानिकों को बधाई है, हमें उम्मीद थी कि कोई बड़ा खुलासा कर सकते हैं। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि इस तकनीक के बारे में 10 फरवरी 2010 को ही घोषणा कर दी थी।


Body:मध्यप्रदेश के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि देश के वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई देते हुए में गौरवपूर्ण क्षण का स्वागत करता हूं। हालांकि इस मिसाइल और तकनीकी मैन्युफैक्चरिंग के सारे पैमाने 10 फरवरी 2010 को तिरुअनंतपुरम में घोषित किए जा चुके थे। जब हमारे देश के डीआरडीओ के महानिदेशक वी के सारस्वत ने इस बात की घोषणा कर दी थी कि लो किलो आर्बिट में लगभग 300 किलोमीटर के क्षेत्र में सैटेलाइट को मार गिराने की मिसाइल भारत में निर्मित कर ली है, आज उसका परीक्षण किया गया है, जो साथ स्वागत योग्य है, इस देश के वैज्ञानिकों को बधाई है कि उनका 2010 का परिश्रम आज परीक्षण के बाद दुनिया के रिकॉर्ड में आया है। लेकिन मैं यह भी कहना चाहता हूं कि जिस तरह से इवेंट बनाकर इसको घोषित करने की चेष्टा की गई, वह दुखद है क्योंकि डीआरडीओ ने अभी तक इस बारे में कोई ट्वीट नहीं किया है। इससे ऐसा लगता है कि जैसे डीआरडीओ को रोका गया हो। वहीं जिस तरह ट्वीट के माध्यम से पीएम ने अपील की थी, उससे प्रतीत हुआ था कि वह दाऊद इब्राहिम के पकड़े जाने या फिर मसूद अजहर और हाफिज सईद के मारे जाने की खबर सुना सकते हैं। लेकिन इस बात पर सबको हैरानी हुई कि प्रधानमंत्री ने 10 साल पहले जिस तकनीक के बारे में 97 वीं विज्ञान कांग्रेस में भारत के वैज्ञानिकों ने कर दी थी, उसकी घोषणा आज की गई है। यह बहुत सुखद क्षण है, लेकिन ऐन चुनाव के वक्त पर इस तरह के इवेंट करना एक विमर्श का विषय है। भारत की जनता को इस बारे में विचार करना चाहिए।


Conclusion:...

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