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सत्ता से बाहर होते ही बीजेपी की सहयोग निधि में लगी नजर, पार्टी ने जनप्रतिनिधियों को दिया नोटिस

प्रदेश की सत्ता हाथ से जाते ही बीजेपी के सहयोग निधि पर भी असर हुआ है. अब तो पार्टी के सांसद और विधायकों ने भी इसमें रुचि लेना कम कर दिया है.

बीजेपी की सहयोग निधि में लगी नजर
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Published : Sep 8, 2019, 11:32 AM IST

भोपाल। सत्ता से बेदखल होने के बाद बीजेपी की सहयोग निधि पर भी असर पड़ रहा है. खास बात ये है कि अब तो पार्टी के सांसद और विधायकों ने भी इसमें रुचि लेना कम कर दिया है. सहयोग निधि के प्रदेश प्रभारी कृष्ण मुरारी मोघे का कहना है कि संस्था निधि का काम ठीक चल रहा है और अभी पिछली बार के लक्ष्य की तरह इस बार भी पार्टी लक्ष्य पूरा करने के करीब है. पिछली बार सात करोड़ का लक्ष्य पार्टी ने रखा था और अभी तक पांच करोड़ तक पहुंच गया है.

बीजेपी की सहयोग निधि में लगी नजर

सहयोग निधि को लेकर अब पार्टी संगठन ने जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में भ्रमण कर आजीवन सहयोग निधि के काम को गति देने के निर्देश दिए हैं. यही नहीं इनके रुचि न लेने की वजह से सदस्यता अभियान में भी दो दर्जन से अधिक जिले पिछड़ गए हैं. इससे नाराज संगठन अब जिलों के प्रभारियों और अध्यक्षों को नोटिस देने की तैयारी में है. बीजेपी की आजीवन सहयोग निधि की परंपरा पुरानी है, पार्टी इसके लिए 500 से लेकर पांच हजार रुपए के कूपन जारी करती है. ये कूपन कार्यकर्ताओं के अलावा समान विचारधारा वाले लोगों को देखकर उनसे राशि लेते हैं. इस बार बीजेपी के सत्ता में नहीं होने के कारण विधायक सांसद और अन्य पदाधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं.

सहयोग निधि के प्रमुख कृष्ण मुरारी मोघे का कहना है कि सहयोग निधि को लेकर काम अच्छा चल रहा है और अभी तक करीब पांच करोड़ सहयोग निधि जमा हो चुकी है. वहीं कई जिलों में सहयोग निधि को लेकर अच्छा काम हुआ है. अब देखना ये होगा कि जिन जिलों में सहयोग निधि को लेकर नेताओं ने रुचि नहीं ली है क्या संगठन उन्हें नोटिस देकर कोई कार्रवाई करेगा.

भोपाल। सत्ता से बेदखल होने के बाद बीजेपी की सहयोग निधि पर भी असर पड़ रहा है. खास बात ये है कि अब तो पार्टी के सांसद और विधायकों ने भी इसमें रुचि लेना कम कर दिया है. सहयोग निधि के प्रदेश प्रभारी कृष्ण मुरारी मोघे का कहना है कि संस्था निधि का काम ठीक चल रहा है और अभी पिछली बार के लक्ष्य की तरह इस बार भी पार्टी लक्ष्य पूरा करने के करीब है. पिछली बार सात करोड़ का लक्ष्य पार्टी ने रखा था और अभी तक पांच करोड़ तक पहुंच गया है.

बीजेपी की सहयोग निधि में लगी नजर

सहयोग निधि को लेकर अब पार्टी संगठन ने जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में भ्रमण कर आजीवन सहयोग निधि के काम को गति देने के निर्देश दिए हैं. यही नहीं इनके रुचि न लेने की वजह से सदस्यता अभियान में भी दो दर्जन से अधिक जिले पिछड़ गए हैं. इससे नाराज संगठन अब जिलों के प्रभारियों और अध्यक्षों को नोटिस देने की तैयारी में है. बीजेपी की आजीवन सहयोग निधि की परंपरा पुरानी है, पार्टी इसके लिए 500 से लेकर पांच हजार रुपए के कूपन जारी करती है. ये कूपन कार्यकर्ताओं के अलावा समान विचारधारा वाले लोगों को देखकर उनसे राशि लेते हैं. इस बार बीजेपी के सत्ता में नहीं होने के कारण विधायक सांसद और अन्य पदाधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं.

सहयोग निधि के प्रमुख कृष्ण मुरारी मोघे का कहना है कि सहयोग निधि को लेकर काम अच्छा चल रहा है और अभी तक करीब पांच करोड़ सहयोग निधि जमा हो चुकी है. वहीं कई जिलों में सहयोग निधि को लेकर अच्छा काम हुआ है. अब देखना ये होगा कि जिन जिलों में सहयोग निधि को लेकर नेताओं ने रुचि नहीं ली है क्या संगठन उन्हें नोटिस देकर कोई कार्रवाई करेगा.

Intro:सत्ता से बेदखल होने के बाद बीजेपी की सही उम्र निधि पर भी असर पड़ रहा है खास बात यह है कि अब तो पार्टी के सांसद और विधायक इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं इसकी वजह से संगठन से नाराज है हालांकि सदस्यता नहीं के प्रदेश प्रभारी कृष्ण मुरारी मोघे का कहना है कि संस्था निधि का काम ठीक चल रहा है और अभी पिछली बार के लक्ष्य की तरह इस बार भी हम लक्ष्य पूरा करने के करीबी हैं और पिछली बार 7 करोड़ का लक्ष्य पार्टी रखा था ,और अभी तक हम 5 करोड़ तक पहुँच गए है


Body:सहयोग निधि को लेकर अब पार्टी संगठन को अपने इन जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में भ्रमण कर आजीवन सहयोग निधि के काम को गति देने के निर्देश देने पड़ रहे हैं यही नहीं इनके रुचि न लेने की वजह से सदस्यता अभियान में भी 2 दर्जन से अधिक जिले पिछड़ गए हैं इससे नाराज संगठन अब इन जिलों के प्रभारियों और अध्यक्षों को नोटिस देने की तैयारी में है बीजेपी की आजीवन सहयोग निधि की परंपरा पुरानी है पार्टी इसके लिए ₹500 से लेकर 5000 की कूपन जारी करती है यह कूपन कार्यकर्ताओं के अलावा समान विचारधारा वाले लोगों को देखकर उनसे राशि लेते हैं पर इस बार बीजेपी के सत्ता में नहीं होने के कारण विधायक सांसद और अन्य पदाधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं


Conclusion:सहयोग निधि के प्रमुख कृष्ण मुरारी मुखी का कहना है कि सहयोग निधि को लेकर काम अच्छा चल रहा है और अभी तक करीब 5 करोड़ सहयोग निधि जमा हो चुकी है और कई जिलों में सहयोग निधि को लेकर अच्छा काम हुआ है हम अपने लक्ष्य को लेकर बहुत करीब हैं अब देखना यह होगा कि जिन जिलों में सहयोग निधि को लेकर नेताओं ने रुचि नहीं लेती ली है क्या संगठन उन्हें नोटिस देकर कोई कार्यवाही करेगा

बाइट- कृष्ण मुरारी मोघे, bjp सहयोग निधि प्रभारी
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