भोपाल। कोरोना वायरस की वजह से प्रदेश के समस्त शासकीय कार्यालयों के साथ-साथ अन्य सभी गतिविधियों पर सीधा असर पड़ा है. 70 दिन से ज्यादा बीत जाने के बाद भी यह संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिसके चलते अभी तक कई शासकीय कार्यालय खोले जाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, तो वहीं भोपाल, इंदौर और उज्जैन जिला अदालतों में भी कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है.
संक्रमण के खतरे को देखते हुए अब प्रदेश की जिला अदालतों में 13 जून 2020 का किसी भी रूप से नियमित काम नहीं किया जाएगा. भोपाल , इंदौर और उज्जैन में संक्रमण का असर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से अदालतों के कामकाज पर भी सीधा असर पड़ रहा है. लोग इस समय कोर्ट जाने से परहेज कर रहे हैं, तो वहीं एडवोकेट भी घर से ही काम करना पसंद कर रहे हैं, क्योंकि अगर अदालत में रोजमर्रा की तरह कामकाज शुरू होता है, तो फिर यहां प्रतिदिन हजारों लोगों का आना जाना रहेगा. ऐसी स्थिति में संक्रमण तेजी से बढ़ सकता है. यहीं वजह है कि हाईकोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया है.
भोपाल, इंदौर और उज्जैन की जिला अदालतों में 13 जून तक मुकदमों में नियमित सुनवाई नहीं हो पाएगी. हालांकि इन जिलों के अलावा प्रदेश भर की जिला अदालतों में 8 जून से नियमित कामकाज सीमित दायरे में शुरू हो जाएगा. तीन शहरों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते हाईकोर्ट ने इन जिलों के साथ ही प्रदेश की अन्य अदालतों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है.
3 जिलों में अति आवश्यक मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पहले की तरह जारी रहेगी. हाईकोर्ट के रजिस्टार जनरल राजेंद्र कुमार बानी ने इस संबंध में नई एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी के अनुसार प्रदेश में जो जिला अदालतें कंटेनमेंट क्षेत्र में आ रही है, उनमें न्यायाधीश महत्तवपूर्ण मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से घर से ही सुनवाई करेंगे.
दूसरी ओर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश में आगामी 11 जुलाई 2020 को होने वाली नेशनल लोक अदालत को निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव गिरिबाला सिंह ने इस संबंध में सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को नेशनल लोक अदालत नष्ट करने के संबंध में पत्र भेज दिया है.