भोपाल। एमपी नगर थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने बताया कि भोपाल के खानूगांव मैं रहने वाले शब्बीर हसन ने शिकायत की थी कि 4 दिसंबर 2004 को उन्होंने एमपी नगर स्थित इंडसइंड बैंक में 3 लाख 18 हजार 116 रुपए की एफडीआर कराई थी. अक्टूबर 2021 में पैसों की जरूरत होने पर वह बैंक पहुंचे तो पता चला कि अप्रैल 2021 में उनकी एफडीआर तुड़वाई जा चुकी है. शिकायत की जांच के दौरान पता चला कि आरोपी सुरेंद्र सिंह बुंदेला (32) ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उक्त एफडीआर तुड़वाई है.
आरोपी ने जुर्म स्वीकारा : सुरेंद्र मूलतः बबीना जिला झांसी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और वह फिलहाल सिल्वर वर्टिका स्टेट कटारा हिल्स में रहता है. पुलिस ने जब सुरेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपनी जुर्म स्वीकार कर लिया.आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. टीआई अरजरिया ने बताया कि नौकरी छूटने के बाद सुरेंद्र ने कम वेतन पर काम करना शुरू किया लेकिन शाही रहन-सहन के चलते खर्चे बढ़े हुए थे. जिससे गुजारा मुश्किल हो रहा था. तब उसके दिमाग में इस प्रकार के अपराध का खयाल आया. आरोपी ने करीब तीस लाख रुपये जुटाए थे, लेकिन जल्द अमीर बनने के चक्कर में उसने शेयर मार्केट में पैसा लगाया, जो डूब गया. इस पूरे मामले में बैंक के अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
इस प्रकार दिया वारदात को अंजाम : पुलिस के मुताबिक बैंक में काम करने के दौरान आरोपी सुरेंद्र सिंह बुंदेला बैंक की सभी प्रक्रियाओं के बारे में जानता था. आरोपी ने इंडसइंड बैंक में काम करने के दौरान ग्राहकों का रिकॉर्ड चेक किया तो पता चला कि शब्बीर हसन की एफडीआर में 9 लाख 54 हजार रुपए जमा हैं. इसके बाद आरोपी ने अपने पुराने बैंक के एक ग्राहक कृष्णापाल सिंह तोमर की फोटो निकाली और फरियादी शब्बीर के बेटे जुनैद हसन के नाम का फर्जी आधार कार्ड, पैनकार्ड समेत अन्य दस्तावेज तैयार कर लिए. इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर उसने मंडीदीप स्थित एचडीएफसी बैंक में एकाउंट खुलवाया और 19 लाख 85 हजार 82 रुपए का लोन ले लिया. उसके बाद शब्बीर की एफडी तुड़वाई और इंडसइंड बैंक से मिला चेक एचडीएफसी बैंक से क्लीयर करवा लिया और रकम शेयर बाजार में लगा दी.