भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी अब अपने पेंशनर और अन्य साधनों से कमाई करने वाले माता-पिता का इलाज कराकर चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ ले सकते हैं. लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम में बदलाव कर आश्रित सदस्यों की आय सीमा एक लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दी है.
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश चिकित्सा परिचर्या नियम में पूर्ण आश्रित सदस्य की वार्षिक आय सीमा पहले एक लाख रूपये थी, जिसके चलते परिवार के सदस्य माता-पिता, पति-पत्नी या बच्चे जो 8,300 रुपये प्रति माह से अधिक कमाते थे, उन्हें शासकीय सेवक पर पूर्णतः आश्रित नहीं माना जाता था. लिहाजा, उनके इलाज पर खर्च होने वाली राशि की प्रतिपूर्ति शासकीय सेवकों को नहीं की जाती थी, जिससे शासकीय सेवक को अपने परिवार के सदस्यों का महंगा इलाज कराने में परेशानी होती थी.
लक्ष्मी नारायण बताते हैं कि मध्यप्रदेश शासन ने ये बहुत अच्छा निर्णय लिया है. जो चिकित्सा परिचर्या नियम 1998 है, उसमें बदलाव कर परिवार के आश्रित सदस्यों की वार्षिक आय सीमा को एक लाख से तीन लाख कर दिया गया है, अब अगर माता-पिता की पेंशन, या अन्य साधनों को मिलाकर 3 लाख रुपये तक आमदनी होती है तो उनका इलाज सरकारी और निजी अस्पताल में होगा और सरकार इलाज में खर्च रकम चिकित्सा प्रतिपूर्ति देगी.