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शासकीय कर्मचारियों को सौगात, आश्रितों को तीन लाख तक की आय पर मिलेगा चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ

कमलनाथ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को सौगात दी है. कर्मचारियों पर आश्रित सदस्यों की आय सीमा एक लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दी है.

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Published : Jun 11, 2019, 6:57 PM IST

कमलनाथ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दी सौगात

भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी अब अपने पेंशनर और अन्य साधनों से कमाई करने वाले माता-पिता का इलाज कराकर चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ ले सकते हैं. लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम में बदलाव कर आश्रित सदस्यों की आय सीमा एक लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दी है.

कमलनाथ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दी सौगात

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश चिकित्सा परिचर्या नियम में पूर्ण आश्रित सदस्य की वार्षिक आय सीमा पहले एक लाख रूपये थी, जिसके चलते परिवार के सदस्य माता-पिता, पति-पत्नी या बच्चे जो 8,300 रुपये प्रति माह से अधिक कमाते थे, उन्हें शासकीय सेवक पर पूर्णतः आश्रित नहीं माना जाता था. लिहाजा, उनके इलाज पर खर्च होने वाली राशि की प्रतिपूर्ति शासकीय सेवकों को नहीं की जाती थी, जिससे शासकीय सेवक को अपने परिवार के सदस्यों का महंगा इलाज कराने में परेशानी होती थी.

लक्ष्मी नारायण बताते हैं कि मध्यप्रदेश शासन ने ये बहुत अच्छा निर्णय लिया है. जो चिकित्सा परिचर्या नियम 1998 है, उसमें बदलाव कर परिवार के आश्रित सदस्यों की वार्षिक आय सीमा को एक लाख से तीन लाख कर दिया गया है, अब अगर माता-पिता की पेंशन, या अन्य साधनों को मिलाकर 3 लाख रुपये तक आमदनी होती है तो उनका इलाज सरकारी और निजी अस्पताल में होगा और सरकार इलाज में खर्च रकम चिकित्सा प्रतिपूर्ति देगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी अब अपने पेंशनर और अन्य साधनों से कमाई करने वाले माता-पिता का इलाज कराकर चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ ले सकते हैं. लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम में बदलाव कर आश्रित सदस्यों की आय सीमा एक लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दी है.

कमलनाथ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दी सौगात

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश चिकित्सा परिचर्या नियम में पूर्ण आश्रित सदस्य की वार्षिक आय सीमा पहले एक लाख रूपये थी, जिसके चलते परिवार के सदस्य माता-पिता, पति-पत्नी या बच्चे जो 8,300 रुपये प्रति माह से अधिक कमाते थे, उन्हें शासकीय सेवक पर पूर्णतः आश्रित नहीं माना जाता था. लिहाजा, उनके इलाज पर खर्च होने वाली राशि की प्रतिपूर्ति शासकीय सेवकों को नहीं की जाती थी, जिससे शासकीय सेवक को अपने परिवार के सदस्यों का महंगा इलाज कराने में परेशानी होती थी.

लक्ष्मी नारायण बताते हैं कि मध्यप्रदेश शासन ने ये बहुत अच्छा निर्णय लिया है. जो चिकित्सा परिचर्या नियम 1998 है, उसमें बदलाव कर परिवार के आश्रित सदस्यों की वार्षिक आय सीमा को एक लाख से तीन लाख कर दिया गया है, अब अगर माता-पिता की पेंशन, या अन्य साधनों को मिलाकर 3 लाख रुपये तक आमदनी होती है तो उनका इलाज सरकारी और निजी अस्पताल में होगा और सरकार इलाज में खर्च रकम चिकित्सा प्रतिपूर्ति देगी.

Intro:भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारी अब अपने पेंशनर और अन्य साधनों से कमाई करने वाले माता-पिता का भी इलाज कराकर चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकेंगे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम 1958 के नियम दो खंड खंड 2 में पूर्णता आश्रित सदस्यों की आय सीमा 1लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दी है।


Body:मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश चिकित्सा परिचर्या नियम में पूर्ण आश्रित सदस्य की वार्षिक आय सीमा 1 लाख रूपये थी। जिसके चलते परिवार के सदस्य माता-पिता, पत्नी पति अथवा बच्चे जो 8300 प्रति माह से अधिक कमाते थे। वह शासकीय सेवक पर पूर्णता आश्रित नहीं माने जाते थे और उनके इलाज पर खर्च होने वाली राशि की प्रतिपूर्ति शासकीय सेवकों नहीं की जाती थी। जिससे शासकीय सेवक को अपने परिवारों के सदस्यों का महंगा इलाज कराने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर राज्य शासन के अधिकारी कर्मचारियों को प्रदेश सरकार द्वारा सातवां वेतनमान देने से आय में वृद्धि होने के बावजूद महंगाई एवं चिकित्सा दलों में अत्याधिक वृद्धि होने के दृष्टिगत सदस्यों की सीमा को एक लाख से बढ़ाकर तीन लाख किए जाने की मांग की थी।


Conclusion:इस मामले में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने परिपत्र जारी कर सरकारी कर्मचारियों के माता-पिता जिनकी अधिकतम आय पेंशन एवं अन्य साधनों को शामिल करते हुए रु 25000 अर्थात 3 लाख रूपये वार्षिक है। उनको शासकीय सेवक पर पूर्णतया आश्रित मान लिया है।जिसके चलते अब शासकीय सेवा माता-पिता का इलाज कराकर चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस मामले में लक्ष्मी नारायण शर्मा का कहना है कि मध्यप्रदेश शासन ने यह बहुत अच्छा निर्णय लिया है।जो चिकित्सा परिचर्या नियम 1998 है। उसमें नियमों के अनुसार परिवार के आश्रित सदस्यों की वार्षिक आय की सीमा को एक लाख से बढ़ाकर तीन लाख कर दिया है।अब अगर मेरे माता-पिता आज इनकी पेंशन या अन्य साधनों से आए 3 लाख तक है। मैं उनका उपचार शासकीय और निजी चिकित्सालय में उनके उपचार पर होगा। उसकी चिकित्सा प्रतिपूर्ति सरकार उपलब्ध कराएगी।
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