चंडीगढ़। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया, जो कि विश्व की नंबर दो महिला हॉकी टीम रही, उन्हें 1-0 से हराकर क्योंकि ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश कर दिया है. भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार अंतिम चार में पहुंच चुकी है. टीम ने यह इतिहास रच दिया है. मैच का एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने दागा, लेकिन पूरी टीम ने जोरदार प्रदर्शन किया. इसके अलावा वंदना कटारिया, सुशीला चानू और मोनिका मलिक ने भी अपना विशेष योगदान दिया है. मोनिका मलिक के घर में इस समय जश्न का माहौल है, लेकिन अभी अंतिम मैच का इंतजार कर रहे हैं जब गोल्ड मेडल भारत की महिला हॉकी टीम के पास होगा.
बचपन से था गोल्ड मेडल का सपना
चंडीगढ़ की रहने वाली मोनिका मलिक बचपन से ही हॉकी में देश का नाम ऊंचा करना चाहती थीं, और ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का उनका सपना था. अपने सपने से मोनिका अबे कुछ ही पल की दूरी पर हैं. भारतीय महिला हॉकी टीम जैसे ही सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई की वैसे ही मोनिका मलिक के घर में भी बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया. फोन कॉल और मैसेजेस आने शुरू हो गए.
पांच महीनों से घर नहीं आईं मोनिका
मोनिका के बड़े भाई आशीष मलिक ने बताया कि पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है. हर कोई बहन की इस उपलब्धि से काफी ज्यादा खुश है. यह उम्मीद लगा कर बैठे हैं कि इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम गोल्ड मेडल लेकर ही वापस आएंगे. मोनिका मलिक पिछले 5 महीनों से घर नहीं आई है. बेंगलुरु में ही कैंप में प्रैक्टिस कर रही थी. घरवालों से जब बात होती थी तो उसके अंदर आत्मविश्वास नजर जरूर आता था. उन्होंने बताया कि मोनिका अपनी मां के बेहद करीब है. हमेशा उनके बारे में फोन करके पूछती थी. इससे पहले मोनिका ने रियो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया था, जिसके बाद उसका सिलेक्शन टोक्यो ओलंपिक के लिए हुआ.
पिता चाहते थे कुश्ती में आगे बढ़े मोनिका
मोनिका स्कूल व कॉलेज के समय से ही हॉकी में राज्य व राष्ट्रीय स्तर की कई उपलब्धियां अपने नाम कर चुकी हैं. सोनीपत जिले के गोहाना खंड के गांव गामडी की मूल निवासी मोनिका का जन्म 5 नवंबर 1993 को हुआ. बचपन से ही पिता तकदीर सिंह से खेलों के लिए मिले प्रोत्साहन से मोनिका ने आठवीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान ही हॉकी की ओर कदम बढ़ा दिए. उनके पिता उन्हें कुश्ती में आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन बेटी की इच्छा को देखते हुए मोनिका को हॉकी में ही आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
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टोक्यो से मोनिका मलिक ने परिवार को वीडियो कॉल की. उन्होंने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि हर कोई बेहद खुश है, लेकिन अभी अगले मैच की तैयारी करनी है. उन्होंने कहा कि यह एक टीम वर्क है. उम्मीद नहीं थी कि ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हरा पाएंगे, लेकिन सबने अपना बेस्ट दिया. उन्होंने कहा कि अब उम्मीद है सेमी फाइनल में अर्जेंटीना से मैच हो और भारत एक नई उपलब्धि अपने नाम करे, वह भी लंबे समय बाद. उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत बधाइयां आ रही है. इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि हॉकी को प्रमोट करें और उनका प्रोत्साहन बढ़ाएं