भिंड(bhind)।कोरोना से लोगों को बचाने के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान (vaccination mahaabhiyan in mp)में भी बड़ी लापरवाही सामने आई हैं कई जगह तो लोगों को अलग- अलग वैक्सीन के डोज लगाए गए हैं. ताजा मामला भिंड जिले के गोहद ब्लॉक से सामने आया है जहां भगवासा निवासी धर्मेंद्र सिंह को दो अलग-अलग वैक्सीन लगा दी गई. मामले में स्वास्थ्य विभाग गलती मनाने की बजाए युवक पर ही दोष मढ़ने लगे.
पहला कोवैक्सीन दूसरा डोज कोविशील्ड का लगाया गया
जानकारी के मुताबिक बीते 9 जून को गोहद ब्लॉक के भगवासा निवासी धर्मेंद्र सिंह ने गोहद स्थित शासकीय कन्यशाला टीकाकरण केंद्र पर पहुंचकर वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था. पहली बार में उसे कोवैक्सीन(covaxin) का टीका लगाया गया जिसका सर्टिफिकेट धर्मेंद्र ने डाउनलोड किया. पहली वैक्सीन की समयविधि पूरी होने के बाद उसे 7 जुलाई को दूसरा टीका लगवाने का मैसेज आया तो वह दोबारा उसी केंद्र पर पहुंचा और दूसरा डोज लगाए जाने की जानकारी देते हुए बताया भी की उसे पहले कोवैक्सीन लगी है ऐसे में धर्मेंद्र को कहा गया की दूसरी वैक्सीन लगवाने से उसे दिक्कत नहीं होगी. जब धर्मेंद्र घर पहुंचा तो है उसके मोबाइल फोन पर कोविशील्ड (Covishield) का पहला डोज लगवाने का मैसेज आता है.
सीएम हेल्पलाइन ने भी शिकायत दर्ज करने से माना किया
अपने साथ हुई इस लापरवाही की शिकायत पीड़ित धर्मेंद्र ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से भी की. लेकिन अधिकारियों ने व्यक्ति की ही गलती होने की बात कहकर मामले को दबाने की कोशिश की. जिसके बाद पीड़ित ने सीएम हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत की.शिकायत की करने के बाद भी उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई.
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पीड़ित पर अलग अलग नम्बर देने का लगाया आरोप
धर्मेंद्र ने बताया की उसके साथ हुई इस बड़ी लापरवाही को लेकर जब शिकायत की तो गोहद बीएमओ डॉ आलोक शर्मा ने कहा पीड़ित ने दो अलग-अलग नंबर दिए थे. जिसके कारण यह समस्या हुई.पीड़ित का कहना था कि वेरिफिकेशन के समय अपना आधार नम्बर दोनों बार दिया था.साथ ही उसने बताया भी था की उसे पहले ही कोवैक्सीन लग चुकी है. इस पर बीएमओ ने यह कहते हुए फोन कट कर दिया की तुमको मैं समझा नहीं पाऊंगा.
फरियादी पर ही दोष मढ़ रहा स्वास्थ्य विभाग
पूरे मामले को लेकर जब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजीत मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बजाय पूरा दोष फरियादी पर ही मढ़ दिया. उन्होंने कहा की दोनों बार धर्मेंद्र ने अलग अलग मोबाइल नम्बर बताए जिसकी वजह से उसकी दो अलग अलग id बनी और उसी के तहत वैक्सीन लगी है. वही उनसे जब सवाल किया गया की आधार नम्बर से क्यूं मैच नही किया गया तो उनका कहना था की मोबाइल नम्बर और आधार नम्बर दोनों ही क्रायटेरिया का मिलन होने पर ही सही जानकारी उपलब्ध होती है.
कई बार आ चुके है इस तरह के मामले
वैक्सीनेशन में यह पहली लापरवाही नहीं है इससे पहले भी भिंड के बिक्रमपुरा केंद्र पर एक महिला को ड्यूटी नर्स ने एक साथ दो डोज लगा दिए थे तब भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी कार्रवाई की बजाय गलतियों पर पर्दा डालते नजर आए थे.