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ये कैसी सरकारी योजना! 9 माह से ग्रामीणों को नहीं मिल रहा राशन

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Published : May 14, 2021, 9:47 PM IST

बालाघाट के ग्रामीण इलाके में पिछले नौ महीने से राशन नहीं मिलने से लोग परेशान हैं. ग्रामीणों की इस समस्या पर अब मानवाधिकार आयोग भोपाल ने संज्ञान लिया है. आयोग ने उच्च अधिकारियों को 15 दिन के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

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राशन

बालाघाट। जनपद पंचायत परसवाड़ा अंतर्गत शैला और चालीसबोड़ी पंचायत के ग्रामीणों को नौ महीने से सरकारी उचित मूल्य की दुकान से राशन नहीं मिलने के मामले को मानव अधिकार आयोग भोपाल ने गंभीरता से लिया है. फल स्वरूप आयोग ने जबलपुर संभाग के कमिश्नर, बालाघाट कलेक्टर और जिला आपूर्ति अधिकारी से मामले की जांच कर 15 दिवस के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान.

पिछले नौ महीने से नहीं मिला राशन
बता दें कि जनपद पंचायत परसवाड़ा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत शैला के अंतर्गत आने वाले गांवों के उपभोक्ताओं को पिछले नौ महीने से राशन नहीं मिलने का मामला जिला पंचायत सदस्य दलसिंह पंद्रे द्वारा किए गए गांव के भ्रमण के दौरान सामने आया था. इस मामले को प्रमुखता से दिखाया गया था. इसके बाद मामले को मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया और अधिकारियों से आयोग ने जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

राशन नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान
वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन से न केवल ग्रामीण अंचलों में निवासरत लोगों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है, बल्कि अब पेट की आग शांत करने की जद्दोजहद भी जारी है। आलम यह है कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में निवासरत भोले-भाले आदिवासी दलिया, पेज पीकर या जंगलों के कंदमूलों को खाने के लिए बाध्य होने लगे हैं.

राशन की बाट जोह रहे ग्रामीण
ग्राम पंचायत शैला के अंतर्गत आने वाले ग्राम शैला, खापा, घाना, मालखेड़ी, मोहगांव के करीब 450 और चालीसबोड़ी के 150 राशन कार्ड धारियों को पिछले नौ महीनों से राशन नहीं मिल पा रहा है. यहां पर उचित मूल्य की दुकान पर ताला जड़ा है. ग्रामीण दुकान खुलने का इंतजार कर थक गए हैं. सरपंच दशरू सिंह धुर्वे ने बताया कि गांव में लंबे अंतराल से ग्रामीणों को उचित मूल्य दुकान से राशन नहीं मिल रहा है. इसके चलते ग्रामीण बहुत परेशान हैं. आलम यह है कि लोग कंदमूल खाने मजबूर हो गए हैं.

वनांचल के लोग परेशान
अलीदास सोनवाने ग्रामीण ने बताया था कि ग्राम में पिछले नौ महीने से उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिल रहा है. यहां पर 400-500 राशन कार्ड धारी निवासरत हैं, जो पूरी तरह उचित मूल्य की दुकान के राशन पर निर्भर रहते हैं. नौ महीने से राशन नहीं मिलने के कारण सभी बहुत परेशान हैं.

जिला प्रशासन को कराया अवगत
जिला पंचायत सदस्य दल सिंह पन्द्रे स्वयं दिव्यांग हैं. उन्होंने बताया कि गांव शैला के ग्रामीणों ने उन्हें नौ महीने से राशन नहीं मिलने की समस्या से अवगत कराया. इस संबंध में जिला प्रशासन को जानकारी दी गई है और राशन उपलब्ध कराने की मांग की है. राशन नहीं मिलना गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि दूरस्थ अंचलों में राशन की व्यवस्था में सुधार होना चाहिए.

ये महामारी और क्या दिन दिखाएगी, राशन के लिए आंचल फैला रही मां

इस मामले में तहसीलदार परसवाड़ा ने बताया की ग्राम पंचायत शैला और चालीसबोड़ी के रहने वाले उपभोक्ताओं को किसी कारणवश नाम कटने से राशन नहीं मिल पाया है. सवाल यह है कि नौ माह में भी खाद्य विभाग ने इस वनांचल के ग्रामीणों की सुध नहीं ली है.

बालाघाट। जनपद पंचायत परसवाड़ा अंतर्गत शैला और चालीसबोड़ी पंचायत के ग्रामीणों को नौ महीने से सरकारी उचित मूल्य की दुकान से राशन नहीं मिलने के मामले को मानव अधिकार आयोग भोपाल ने गंभीरता से लिया है. फल स्वरूप आयोग ने जबलपुर संभाग के कमिश्नर, बालाघाट कलेक्टर और जिला आपूर्ति अधिकारी से मामले की जांच कर 15 दिवस के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान.

पिछले नौ महीने से नहीं मिला राशन
बता दें कि जनपद पंचायत परसवाड़ा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत शैला के अंतर्गत आने वाले गांवों के उपभोक्ताओं को पिछले नौ महीने से राशन नहीं मिलने का मामला जिला पंचायत सदस्य दलसिंह पंद्रे द्वारा किए गए गांव के भ्रमण के दौरान सामने आया था. इस मामले को प्रमुखता से दिखाया गया था. इसके बाद मामले को मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया और अधिकारियों से आयोग ने जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

राशन नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान
वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन से न केवल ग्रामीण अंचलों में निवासरत लोगों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है, बल्कि अब पेट की आग शांत करने की जद्दोजहद भी जारी है। आलम यह है कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में निवासरत भोले-भाले आदिवासी दलिया, पेज पीकर या जंगलों के कंदमूलों को खाने के लिए बाध्य होने लगे हैं.

राशन की बाट जोह रहे ग्रामीण
ग्राम पंचायत शैला के अंतर्गत आने वाले ग्राम शैला, खापा, घाना, मालखेड़ी, मोहगांव के करीब 450 और चालीसबोड़ी के 150 राशन कार्ड धारियों को पिछले नौ महीनों से राशन नहीं मिल पा रहा है. यहां पर उचित मूल्य की दुकान पर ताला जड़ा है. ग्रामीण दुकान खुलने का इंतजार कर थक गए हैं. सरपंच दशरू सिंह धुर्वे ने बताया कि गांव में लंबे अंतराल से ग्रामीणों को उचित मूल्य दुकान से राशन नहीं मिल रहा है. इसके चलते ग्रामीण बहुत परेशान हैं. आलम यह है कि लोग कंदमूल खाने मजबूर हो गए हैं.

वनांचल के लोग परेशान
अलीदास सोनवाने ग्रामीण ने बताया था कि ग्राम में पिछले नौ महीने से उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिल रहा है. यहां पर 400-500 राशन कार्ड धारी निवासरत हैं, जो पूरी तरह उचित मूल्य की दुकान के राशन पर निर्भर रहते हैं. नौ महीने से राशन नहीं मिलने के कारण सभी बहुत परेशान हैं.

जिला प्रशासन को कराया अवगत
जिला पंचायत सदस्य दल सिंह पन्द्रे स्वयं दिव्यांग हैं. उन्होंने बताया कि गांव शैला के ग्रामीणों ने उन्हें नौ महीने से राशन नहीं मिलने की समस्या से अवगत कराया. इस संबंध में जिला प्रशासन को जानकारी दी गई है और राशन उपलब्ध कराने की मांग की है. राशन नहीं मिलना गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि दूरस्थ अंचलों में राशन की व्यवस्था में सुधार होना चाहिए.

ये महामारी और क्या दिन दिखाएगी, राशन के लिए आंचल फैला रही मां

इस मामले में तहसीलदार परसवाड़ा ने बताया की ग्राम पंचायत शैला और चालीसबोड़ी के रहने वाले उपभोक्ताओं को किसी कारणवश नाम कटने से राशन नहीं मिल पाया है. सवाल यह है कि नौ माह में भी खाद्य विभाग ने इस वनांचल के ग्रामीणों की सुध नहीं ली है.

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