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16 साल से फरार आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, धोखाधड़ी का था आरोप

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Published : Jan 25, 2020, 1:03 PM IST

Updated : Jan 25, 2020, 2:19 PM IST

बालाघाट के वारासिवनी में लोगों से धोखाधड़ी करने के मामले में16 साल से फरार चल रहे आरोप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

Absconding accused arrested
16 साल से फरार आरोपी गिरफ्तार

बालाघाट। जिले की वारासिवनी में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में 16 साल से फरार चल रहे आरोप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी को छिंदवाड़ा जिले के चांदामेटा थाना क्षेत्र के ग्राम जाटा छापर बस्ती गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है.

16 साल से फरार आरोपी गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने पहले ही 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन सुदेश राय पिछले 16 साल से फरार चल रहा था. जिस पकड़ ने में पुलिस ने सफलता हासिल कर ली है. मामले की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी अनुराग प्रकाश ने बताया की वारासिवनी पुलिस थाने में 2 नवंबर 2004 में शिकायत दर्ज की गई थी. आरोपियों ने भोपाल रेलवे में टिकट कलेक्टर, रेल्वे में कालबॉय, स्वास्थ्य विभाग में नर्स की नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से करीब 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी थी.

शिकायत पर पुलिस ने धर्मानंद, लक्ष्मी कोरी, दिलशाह खान, योगेश राय और मो. शिराज को 13 मार्च 2005 को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं एक अन्य आरोपी मुकेश बिसेन की 15 मार्च 2005 को सडक दुर्घटना में मौत हो गई थी. वहीं आज मुखबिर की सूचना पर फरार आरोपी सुदेश राय को छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किया है.

बालाघाट। जिले की वारासिवनी में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में 16 साल से फरार चल रहे आरोप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी को छिंदवाड़ा जिले के चांदामेटा थाना क्षेत्र के ग्राम जाटा छापर बस्ती गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है.

16 साल से फरार आरोपी गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने पहले ही 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन सुदेश राय पिछले 16 साल से फरार चल रहा था. जिस पकड़ ने में पुलिस ने सफलता हासिल कर ली है. मामले की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी अनुराग प्रकाश ने बताया की वारासिवनी पुलिस थाने में 2 नवंबर 2004 में शिकायत दर्ज की गई थी. आरोपियों ने भोपाल रेलवे में टिकट कलेक्टर, रेल्वे में कालबॉय, स्वास्थ्य विभाग में नर्स की नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से करीब 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी थी.

शिकायत पर पुलिस ने धर्मानंद, लक्ष्मी कोरी, दिलशाह खान, योगेश राय और मो. शिराज को 13 मार्च 2005 को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं एक अन्य आरोपी मुकेश बिसेन की 15 मार्च 2005 को सडक दुर्घटना में मौत हो गई थी. वहीं आज मुखबिर की सूचना पर फरार आरोपी सुदेश राय को छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किया है.

Intro:धोखाधडी के मामले का 16 वर्षो से फरार आरोपी गिरफ्तार
न्यायालय ने भेजा जेल
4 आरोपियों को हो चुकी है सजा
एक आरोपी की सडक़ दुर्घटना में हो चुकी है मौत
वारासिवनी ( बालाघाट)-- जिले की वारासिवनी पुलिस ने 16 वर्ष पूर्व हुए सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी के मामले में फरार एक आरोपी को
छिंदवाड़ा जिले के चांदामेटा थाना क्षेत्र के ग्राम जाटा छापर बस्ती से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। जिसे शुक्रवार को न्यायालय में
पेश किया गया, जहॉ से उसे जेल भेज दिया गया है।
विदित हो कि सरकारी संस्थाओं में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार नौजवानों से धोखाधड़ी का यह मामला वर्ष 2004 का है, जो पुलिस केस मे धर्मानंद कांड के नाम से मशहूर है। इस मामले में मीडिया से जुड़े हुए लोग
शामिल होने के कारण यह मामला तत्कालीन समय में बेहद ही सनसनीखेज बन गया
था। जिसमें पहले तो पुलिस भी हाथ डालने से कतराते रही। जिसके कारण आरोपियों को इधर-उधर होने का पर्याप्त मौका मिला था। लेकिन फिर अंतत: पुलिस को कार्यवाही करनी पड़ी और उसमें शामिल आरोपियों में से कुछ गिरफ्तार हुए, कुछ ने उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत करवाई।
मामले की जानकारी देते हुए वारासिवनी थाना प्रभारी अनुराग प्रकाश ने बताया कि वारासिवनी पुलिस थाने में 2 नवंबर 2004 को वारासिवनी निवासी शैलेश कुमार घोडेश्वर व अन्य आवेदकों ने धर्मानंद,लक्ष्मी कोरी, मदनमोहनअवस्थी, दीपक अवस्थी के विरुद्ध आवेदकों को भोपाल रेल्वे में टिकिट कलेक्टर, रेल्वे में कालबॉय, स्वास्थ्य विभाग में नर्स की नौकरी दिलाने एवं अन्य व्यवसायिक लाभ दिलाने के नाम पर लगभग 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर जालसाजी करने की शिकायत की थी। जिस पर वारासिवनी पुलिस थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा शिकायत जांच उपरांत आरोपी मोहम्मद शिराज, दीपक विश्वकर्मा, सुदेश राय, मुकेश बिसेन, मदन मोहन अवस्थी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 299/04 भादवि की धारा 420, 467, 468, 34 का अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई थी।
इस प्रकरण के आरोपी धर्मानंद, लक्ष्मी कोरी, दिलशाह खान, योगेश राय व मो शिराज को 13 मार्च 2005 को गिरफ्तार किया गया और प्रकरण न्यायालय में पेश किया गया था। वहीं अन्य आरोपीगण मदनमोहन अवस्थी, सुदेश राय, मुकेशबिसेन एवं दीपक विश्वकर्मा के विरुद्ध भादवि की धारा 173(8) जाफौ में विवेचना जारी रखी गई थी। प्रकरण में आरोपी मदनमोहन अवस्थी को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने पर उन्होंने 5 अप्रैल 2005 को गिरफ्तार कर जमानत मुचलके पर रिहा कर दिया गया था। वहीं एक अन्य आरोपी मुकेश बिसेन की 15 मार्च 2005 को सडक़ दुर्घटना में मौत हो गई। लेकिन सुदेश राय व दीपक विश्वकर्मा के खिलाफ विवेचना जारी रखी गई। इस दौरान दीपक विश्वकर्मा उर्फ दीपक अवस्थी पिता स्वर्गीय हीरालाल विश्वकर्मा 41 वर्ष को जबलपुर के ओमती थाना अंतर्गत मकान नम्बर 517 मढ़ाताल सिविक सेंटर से 1 मई 2018 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था। उसके विरुद्ध पूरक अभियोग पत्र 26 जुलाई 18 को न्यायालय में पेश किया गया और आरोपी सुदेश राय के खिलाफ जॉच जारी रखी गई।
इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि फरार आरोपी सुदेश राय पिता स्वर्गीय नीलकंठ राय 55 वर्ष निवासी जाटा छापर बस्ती वार्ड नं. 1 रेल्वे स्टेशन एकलहरा के पीछे थाना चांदामेटा जिला छिंदवाड़ा में रहता है। जिस पर वहॉ पर दबिश देकर उसे 24 जनवरी 20202 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया
गया। जहॉ से न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया है।
नगर निरीक्षक अनुराग प्रकाश ने बताया कि इस प्रकरण में 4 आरोपियों क्रमश: धर्मानंद, मदन मोहन अवस्थी, मुकेश बिसेन एवं दीपक विश्वकर्मा को न्यायालय द्वारा सजा सुनाई जा चुकी है। जिसमें मुकेश बिसेन की एक सडक़ दुर्घटना में मौत हो गई थी। वहीं शेष धर्मानंद, मदनमोहन अवस्थी व दीपक विश्वकर्मा जमानत पर चल रहे है।Body:बयान-- अनुराग प्रकाश टीआई वारासिवनीConclusion:
Last Updated : Jan 25, 2020, 2:19 PM IST
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