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नगर पालिका ने 500 से ज्यादा गोवंश को भिजवाया गो अभयारण्य

रविवार को आगर मालवा और आस-पास के क्षेत्र की 500 से अधिक गायों को जिले के सुसनेर तहसील के ग्राम सालरिया स्थित एशिया के सबसे बड़े कामधेनु गो अभयारण्य में छोड़ा गया है.

More than 500 cows were sent by the municipality to the cow sanctuary
500 से अधिक गोवंश को नगर पालिका ने भिजवाया गो अभयारण्य
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Published : Aug 9, 2020, 10:37 PM IST

आगर मालवा। रविवार को शहर के साथ ही आसपास के क्षेत्र की 500 से अधिक गायों को जिले के सुसनेर तहसील के ग्राम सालरिया स्थित एशिया के सबसे बड़े कामधेनु गो अभयारण्य में छोड़ा गया है. इन गोवंश को नगर पालिका के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत से ट्रक में भरकर गो अभयारण्य पहुंचाया है. गायों को पंहुचाने का काम सुबह से शुरू हुआ जो कि शाम तक जारी रहा. इस दौरान बजरंग दल के नेताओं ने भी गायों को गो अभयारण्य पहुंचाने में सहयोग किया.

बता दें कि शहर में बड़ी संख्या आवारा गाय हर कहीं विचरण करती हुई दिखाई दे जाती हैं, वहीं बारिश के दौरान हाइवे पर जगह-जगह गाये झुंड बनाकर बैठ जाती हैं और यातायात को जमकर प्रभावित करती हैं. कई बार तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में भी ये गायें आ जाती हैं, जिनसे इनकी मृत्यु तक हो जाती है. दोपहिया वाहन सवार भी इन गायों के चलते दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं.

गत दिनों हाइवे पर ट्रक की टक्कर से गाय की मौत हो जाने के बाद बजरंग दल व विहिप के नेताओं ने हाइवे पर धरना दे दिया था. अधिकारियों द्वारा गायों को सुध लिए जाने के आश्वासन के बाद इन नेताओं ने धरना खत्म किया था. जिले की सुसनेर तहसील के सालारिया में एशिया का सबसे बड़ा गो अभयारण्य है. यहां गायों को रखने की पर्याप्त व्यवस्था होने बावजूद जिले में ही गायों की काफी बुरी स्थिति रहती है.

आगर मालवा। रविवार को शहर के साथ ही आसपास के क्षेत्र की 500 से अधिक गायों को जिले के सुसनेर तहसील के ग्राम सालरिया स्थित एशिया के सबसे बड़े कामधेनु गो अभयारण्य में छोड़ा गया है. इन गोवंश को नगर पालिका के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत से ट्रक में भरकर गो अभयारण्य पहुंचाया है. गायों को पंहुचाने का काम सुबह से शुरू हुआ जो कि शाम तक जारी रहा. इस दौरान बजरंग दल के नेताओं ने भी गायों को गो अभयारण्य पहुंचाने में सहयोग किया.

बता दें कि शहर में बड़ी संख्या आवारा गाय हर कहीं विचरण करती हुई दिखाई दे जाती हैं, वहीं बारिश के दौरान हाइवे पर जगह-जगह गाये झुंड बनाकर बैठ जाती हैं और यातायात को जमकर प्रभावित करती हैं. कई बार तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में भी ये गायें आ जाती हैं, जिनसे इनकी मृत्यु तक हो जाती है. दोपहिया वाहन सवार भी इन गायों के चलते दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं.

गत दिनों हाइवे पर ट्रक की टक्कर से गाय की मौत हो जाने के बाद बजरंग दल व विहिप के नेताओं ने हाइवे पर धरना दे दिया था. अधिकारियों द्वारा गायों को सुध लिए जाने के आश्वासन के बाद इन नेताओं ने धरना खत्म किया था. जिले की सुसनेर तहसील के सालारिया में एशिया का सबसे बड़ा गो अभयारण्य है. यहां गायों को रखने की पर्याप्त व्यवस्था होने बावजूद जिले में ही गायों की काफी बुरी स्थिति रहती है.

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