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उपचुनाव 2020 : आगर विधानसभा क्षेत्र में लगा भैया जी का अड्डा, जानें क्या कहते हैं मतदाता - bhaiya jee ka adda

ETV भारत का खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' हर विधानसभा में पहुंचकर मतदाताओं के मन की बात जानने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में ETV भारत की टीम आगर विधानसभा में पहुंची, और मतदाताओं से चुनावी मुद्दों पर चर्चा की.

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Published : Oct 28, 2020, 6:38 PM IST

आगर। बीजेपी विधायक और कद्दावर नेता मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद खाली हुई आगर विधानसभा की सीट पर उपचुनाव होने वाला है. आगर विधानसभा में 2 लाख 17 हजार 335 मतदाता हैं. आगर विधानसभा सीट बीजेपी का दबदबा रहा है. बीजेपी ने मनोहर ऊंटवाल के बेटे मनोज ऊंटवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने विपिन वानखेड़े पर दाव लगाया है. उपचुनाव के लिए दोनों पार्टियों के प्रत्याशी जनता को लुभाने के लिए अपनी तरह से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, लेकिन यहां का मतदाता क्या सोचता हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने विधानसभा में भैयाजी का अड्डा लगाया. जहां वोटरों ने बताया कि वो उसे ही वोट करेंगे, जो क्षेत्र में रोजगार और विकास की केवल बात न करके धरातल पर काम करके दिखाएगा.

भैया जी का अड्डा

युवा मतदाता की मांग

भैया जी का अड्डा के जरिए युवाओं ने बताया कि सभी पार्टियां चुनाव के पहले रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बड़े-बड़े वादे तो करती है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वादों पर अमल नहीं किया जाता है. जैसे ही नेताजी जीतते हैं, उसके बाद दोबारा इस क्षेत्र में नहीं आते हैं, क्षेत्र में रोजगार के कोई अवसर प्रदान नहीं किये गए. बेरोजगारों की लंबी कतार लगी हुई है. बड़े उद्योग स्थापित करने की बात कही जाती है, लेकिन जिला बनने के बाद आज तक एक भी बड़ा उद्योग यहां स्थापित नहीं किया गया है. रोजगार न मिलने से पढ़ें-लिखे युवा पलायन कर रहे हैं. युवाओं का कहना है कि इस बार उसी पार्टी को हमारा समर्थन रहेगा जो युवाओं के हित में सोचेगा.

पढ़ें : ब्यावरा में 'भैय्या जी का अड्डा', छोटे व्यापारी नाराज, तो वहीं किसानों को कर्ज माफी की आस

फोरलेन सड़क की मांग

मतदाताओं का कहना है कि 2013 में जिला बनने के बाद शिवराज सरकार ने कई विकास कार्य किए. यहां सरकारी कार्यालयों का निर्माण हुआ. पढ़ाई के क्षेत्र में भी तेजी से विकास किया गया. यहां करोड़ों की लागत से पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण हुआ और यहां पढ़ाई भी आरम्भ की जा चुकी है. कलेक्टर कार्यालय के भव्य भवन के साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र, जिला न्यायालय का निर्माण आरम्भ हुआ. वहीं विकास की गति तो जारी रही, लेकिन वर्षों से चली आ रही फोरलेन की मांग आज तक पूरी नहीं हुई. वोटरों का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों ने हर बार फोरलेन के नाम पर वोट तो बटोर लिए लेकिन फोरलेन आज तक नहीं बनी. यदि फोरलेन बन जाती, तो कही न कही विकास की गति में और तेज हो जाती. क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा कही न कही फोरलेन ही है.

किसान कर्ज माफी का मुद्दा

वर्तमान में शिवराज की सरकार ने उज्जैन से झालावाड़ तक हिस्से को मेगा हाइवे बनाने की अनुमति तो दी है. जिसके आधार पर बीजेपी वोट मांग रही है. लेकिन जनता इस सौगात से बिल्कुल खुश नहीं है. कही न कही जनता क्षेत्र में फोरलेन ही चाहती है. वहीं कांग्रेस जीतने के बाद फोरलेन बनाने की बात पर इस समय जनता के बीच जा रही है. वहीं किसानों की बात की जाए तो कुछ किसान कमलनाथ की कर्जमाफी से खुश हैं, तो कुछ किसान ऐसे हैं जिनका कर्ज माफ नहीं हुआ है. वे अभी भी बीजेपी को ही वोट देने की बाद कर रहे हैं. हालांकि वोटरों की राय कुछ भी हो, लेकिन जनता ही तय करेगी कि वो किसे चुनती है.

आगर। बीजेपी विधायक और कद्दावर नेता मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद खाली हुई आगर विधानसभा की सीट पर उपचुनाव होने वाला है. आगर विधानसभा में 2 लाख 17 हजार 335 मतदाता हैं. आगर विधानसभा सीट बीजेपी का दबदबा रहा है. बीजेपी ने मनोहर ऊंटवाल के बेटे मनोज ऊंटवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने विपिन वानखेड़े पर दाव लगाया है. उपचुनाव के लिए दोनों पार्टियों के प्रत्याशी जनता को लुभाने के लिए अपनी तरह से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, लेकिन यहां का मतदाता क्या सोचता हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने विधानसभा में भैयाजी का अड्डा लगाया. जहां वोटरों ने बताया कि वो उसे ही वोट करेंगे, जो क्षेत्र में रोजगार और विकास की केवल बात न करके धरातल पर काम करके दिखाएगा.

भैया जी का अड्डा

युवा मतदाता की मांग

भैया जी का अड्डा के जरिए युवाओं ने बताया कि सभी पार्टियां चुनाव के पहले रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बड़े-बड़े वादे तो करती है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वादों पर अमल नहीं किया जाता है. जैसे ही नेताजी जीतते हैं, उसके बाद दोबारा इस क्षेत्र में नहीं आते हैं, क्षेत्र में रोजगार के कोई अवसर प्रदान नहीं किये गए. बेरोजगारों की लंबी कतार लगी हुई है. बड़े उद्योग स्थापित करने की बात कही जाती है, लेकिन जिला बनने के बाद आज तक एक भी बड़ा उद्योग यहां स्थापित नहीं किया गया है. रोजगार न मिलने से पढ़ें-लिखे युवा पलायन कर रहे हैं. युवाओं का कहना है कि इस बार उसी पार्टी को हमारा समर्थन रहेगा जो युवाओं के हित में सोचेगा.

पढ़ें : ब्यावरा में 'भैय्या जी का अड्डा', छोटे व्यापारी नाराज, तो वहीं किसानों को कर्ज माफी की आस

फोरलेन सड़क की मांग

मतदाताओं का कहना है कि 2013 में जिला बनने के बाद शिवराज सरकार ने कई विकास कार्य किए. यहां सरकारी कार्यालयों का निर्माण हुआ. पढ़ाई के क्षेत्र में भी तेजी से विकास किया गया. यहां करोड़ों की लागत से पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण हुआ और यहां पढ़ाई भी आरम्भ की जा चुकी है. कलेक्टर कार्यालय के भव्य भवन के साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र, जिला न्यायालय का निर्माण आरम्भ हुआ. वहीं विकास की गति तो जारी रही, लेकिन वर्षों से चली आ रही फोरलेन की मांग आज तक पूरी नहीं हुई. वोटरों का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों ने हर बार फोरलेन के नाम पर वोट तो बटोर लिए लेकिन फोरलेन आज तक नहीं बनी. यदि फोरलेन बन जाती, तो कही न कही विकास की गति में और तेज हो जाती. क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा कही न कही फोरलेन ही है.

किसान कर्ज माफी का मुद्दा

वर्तमान में शिवराज की सरकार ने उज्जैन से झालावाड़ तक हिस्से को मेगा हाइवे बनाने की अनुमति तो दी है. जिसके आधार पर बीजेपी वोट मांग रही है. लेकिन जनता इस सौगात से बिल्कुल खुश नहीं है. कही न कही जनता क्षेत्र में फोरलेन ही चाहती है. वहीं कांग्रेस जीतने के बाद फोरलेन बनाने की बात पर इस समय जनता के बीच जा रही है. वहीं किसानों की बात की जाए तो कुछ किसान कमलनाथ की कर्जमाफी से खुश हैं, तो कुछ किसान ऐसे हैं जिनका कर्ज माफ नहीं हुआ है. वे अभी भी बीजेपी को ही वोट देने की बाद कर रहे हैं. हालांकि वोटरों की राय कुछ भी हो, लेकिन जनता ही तय करेगी कि वो किसे चुनती है.

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