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उज्जैन की 14 साल की लड़की ने चुनी सबसे कठिन राह, मां-बाप के साथ मनाया आखिरी जन्मदिन! जानिए क्यों?

उज्जैन के महिदपुर की रहने वाली 14 साल की रिदम कोचर (ridam Kochhar will become a Sadhvi) ने सांसारिक मोह-माया त्याग कर साध्वी बनने का फैसला किया है. 14 फरवरी को श्री शत्रुंजय तीर्थ धाम में मुक्ति सागर जी के सानिध्य में दीक्षा होगी. जिसके बाद रिदम मोह माया से दूर होकर सयंम की राह पर चलेगी.

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Published : Feb 3, 2022, 4:58 PM IST

ridam Kochhar Sadhvi
दीक्षा लेने को तैयार रिदम कोचर

उज्जैन। इस दुनिया में हर कोई ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है. ऐशो आराम की जिंदगी जीने के लिए लोग दिन-रात एक कर देते हैं. पर कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें इस लोभ-मोह वाली दुनिया से कोई मतलब नहीं. इन्हीं लोगों में से एक हैं उज्जैन के महिदपुर की रिदम कोचर. (ridam Kochhar will become a Sadhvi) रिदम अभी केवल 14 साल की हैं, उन्होंने 8वीं क्लास तक पढ़ाई की है. 14 फरवरी को श्री शत्रुंजय तीर्थ धाम में मुक्ति सागर जी के सानिध्य में दीक्षा होगी. जिसके बाद वह मोह माया से दूर होकर सयंम की राह पर चलेगी. रिदम पिछले 8 वर्षो से गर्म जल ही ग्रहण कर रही हैं, उन्होंने आज तक जमीकंद (आलू प्याज लहुसन) नहीं खाया है.

सन्यास की राह पर उज्जैन की रिदम कोचर

धूमधाम से मनाया आखिरी सांसारिक जन्मदिन

14 वर्षीय रिदम कोचर उज्जैन के महिदपुर की रहने वाली हैं. रिदम ने मंगलवार को अपना अंतिम सांसारिक जन्मदिन (celebrates last earthly birthday) मनाया. महिदपुर में हुई इस जन्मदिन पार्टी में परिवार वालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी. इस दौरान महिदपुर में उसका सम्मान कर डोली निकाली गई. खुली कार में रिदम को घर से आराधना भवन लाया गया. इस दौरान कई खेलों का भी आयोजन किया गया. अब आने वाली 14 फरवरी को श्री शत्रुंजय तीर्थ धाम में मुक्ति सागर जी के सानिध्य में दीक्षा लेकर साध्वी का जीवन ग्रहण करेंगी.

अब दर्शन ही नहीं खजराना गणेश मंदिर में मिलेगी विशेष शिक्षा, पढ़िए कैसे

दीक्षा के बाद बदल जाएगी रिदम की दुनिया

उज्जैन से 50 किलोमीटर दूर महिदपुर की रिदम कोचर को पढ़ने लिखने के साथ-साथ पूजा पाठ में भी बचपन से रूचि थी. धर्म की तरफ झुकाव होने की बाद रिदम ने सांसारिक सुखों को त्याग कर पूरे जीवन धर्म की राह पर चलने का निर्णय लिया. 14 फरवरी के बाद वो पैदल विहार, गोचरी, केश लोच, संथारे पर सोना, सांसारिक सुखों का कठिन त्याग करेंगी. कम उम्र में ही अपने माता पिता और परिवार से उसका साथ छूट जाएगा. उसका कहना है कि भले ही जन्म देने वाले माता पिता का साथ छूटेगा, लेकिन मुझे बहुत बड़ा परिवार मिलेगा.

9 फरवरी से 14 फरवरी तक चलेंगे कार्यकम

महिदपुर में 14 फरवरी को महिदपुर के श्री शत्रुंजय तीर्थ धाम में मुक्ति सागर सूरी जी रिदम को दीक्षा देंगे. दीक्षा से पहले कई मांगलिक कार्यक्रम होंगे. 9 फरवरी से ही कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे सबसे पहले हल्दी लगेगी, 10 फरवरी को मेहंदी, 12 फरवरी को मुक्तिसागर जी महाराज का नगर प्रवेश होगा, 13 फरवरी को भव्य वर वर्षीदान वर घोड़ा निकलेगा जिसको भव्य रूप में निकालने की तयारी रिदम के पिता विशाल कोचर और उनके परिवार ने कर ली है. रात को अंतिम विदाई होगी और फिर अगले दिन दीक्षा का कार्यक्रम होगा. वहीं रिदम के पिता विशाल कोचर ने बताया की बेटी को विदा करने का दुःख तो है लेकिन धर्म की राह पर चलेगी इस बात की खुशी भी है. 39 साल बाद महिदपुर में यह मौका आ रहा है जब कोई दीक्षा ले रहा है.

उज्जैन। इस दुनिया में हर कोई ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है. ऐशो आराम की जिंदगी जीने के लिए लोग दिन-रात एक कर देते हैं. पर कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें इस लोभ-मोह वाली दुनिया से कोई मतलब नहीं. इन्हीं लोगों में से एक हैं उज्जैन के महिदपुर की रिदम कोचर. (ridam Kochhar will become a Sadhvi) रिदम अभी केवल 14 साल की हैं, उन्होंने 8वीं क्लास तक पढ़ाई की है. 14 फरवरी को श्री शत्रुंजय तीर्थ धाम में मुक्ति सागर जी के सानिध्य में दीक्षा होगी. जिसके बाद वह मोह माया से दूर होकर सयंम की राह पर चलेगी. रिदम पिछले 8 वर्षो से गर्म जल ही ग्रहण कर रही हैं, उन्होंने आज तक जमीकंद (आलू प्याज लहुसन) नहीं खाया है.

सन्यास की राह पर उज्जैन की रिदम कोचर

धूमधाम से मनाया आखिरी सांसारिक जन्मदिन

14 वर्षीय रिदम कोचर उज्जैन के महिदपुर की रहने वाली हैं. रिदम ने मंगलवार को अपना अंतिम सांसारिक जन्मदिन (celebrates last earthly birthday) मनाया. महिदपुर में हुई इस जन्मदिन पार्टी में परिवार वालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी. इस दौरान महिदपुर में उसका सम्मान कर डोली निकाली गई. खुली कार में रिदम को घर से आराधना भवन लाया गया. इस दौरान कई खेलों का भी आयोजन किया गया. अब आने वाली 14 फरवरी को श्री शत्रुंजय तीर्थ धाम में मुक्ति सागर जी के सानिध्य में दीक्षा लेकर साध्वी का जीवन ग्रहण करेंगी.

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दीक्षा के बाद बदल जाएगी रिदम की दुनिया

उज्जैन से 50 किलोमीटर दूर महिदपुर की रिदम कोचर को पढ़ने लिखने के साथ-साथ पूजा पाठ में भी बचपन से रूचि थी. धर्म की तरफ झुकाव होने की बाद रिदम ने सांसारिक सुखों को त्याग कर पूरे जीवन धर्म की राह पर चलने का निर्णय लिया. 14 फरवरी के बाद वो पैदल विहार, गोचरी, केश लोच, संथारे पर सोना, सांसारिक सुखों का कठिन त्याग करेंगी. कम उम्र में ही अपने माता पिता और परिवार से उसका साथ छूट जाएगा. उसका कहना है कि भले ही जन्म देने वाले माता पिता का साथ छूटेगा, लेकिन मुझे बहुत बड़ा परिवार मिलेगा.

9 फरवरी से 14 फरवरी तक चलेंगे कार्यकम

महिदपुर में 14 फरवरी को महिदपुर के श्री शत्रुंजय तीर्थ धाम में मुक्ति सागर सूरी जी रिदम को दीक्षा देंगे. दीक्षा से पहले कई मांगलिक कार्यक्रम होंगे. 9 फरवरी से ही कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे सबसे पहले हल्दी लगेगी, 10 फरवरी को मेहंदी, 12 फरवरी को मुक्तिसागर जी महाराज का नगर प्रवेश होगा, 13 फरवरी को भव्य वर वर्षीदान वर घोड़ा निकलेगा जिसको भव्य रूप में निकालने की तयारी रिदम के पिता विशाल कोचर और उनके परिवार ने कर ली है. रात को अंतिम विदाई होगी और फिर अगले दिन दीक्षा का कार्यक्रम होगा. वहीं रिदम के पिता विशाल कोचर ने बताया की बेटी को विदा करने का दुःख तो है लेकिन धर्म की राह पर चलेगी इस बात की खुशी भी है. 39 साल बाद महिदपुर में यह मौका आ रहा है जब कोई दीक्षा ले रहा है.

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