उज्जैन। कहते हैं मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है. इस बात को साबित किया है उज्जैन के रहने वाले सुधीर भाई ने, जो पिछले कई वर्षों से अपने सेवाधाम आश्रम में 364 ऐसे बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जिनका ना घर है ना ठिकाना. सुधीर भाई ने ऐसे लोगों को अपनाया, जिन्हें हर किसी ने दुत्कार दिया.
सुधीर भाई के सेवाधाम आश्रम में ऐसे बच्चें हैं, जिनके परिजन नहीं हैं या घर से प्रताड़ित किए गए हैं. किसी को जन्म के साथ ही जंगल मे छोड़ दिया गया तो किसी को बेड़ियों में सालों तक जकड़े रखा गया. बच्चो में 60 प्रतिशत संख्या दिव्यांगों की है. सुधीर भाई ऐसे लोगों को भी अपने आश्रम में शरण देते हैं, जो आज के समय में भटक गए हैं.
उन्होंने ऐसे लोगों को भी अपनाया जो नशे की लत में लिप्त थे, लेकिन वह आज नया जीवन जी रहे हैं. सुधीर भाई एक पिता की भूमिका निभा रहे है. 364 बच्चों के आधार कार्ड पर पिता की जगह सुधीर भाई का नाम ही लिखा है.
कौन हैं सुधीर भाई गोयल
सुधीर भाई का पुरा नाम सुधीर गोयल है. जिनकी पत्नी का नाम कांताजी है. उनकी दो बेटियां एक गौरी व एक मोनिका हैं, जो सुधीर भाई के साथ बच्चों की देख-रेख करते हैं. सुधीर भाई पिछले कई सालों से आश्रम में दिव्यांग, नशे में लिप्त, लावरिस, प्रताड़ित, भटके हुए बच्चे, बुजुर्ग व युवाओं को संभाल रहे हैं.
एक परिवार है सेवाधाम आश्रम
सुधीर भाई के सेवाधाम आश्रम में रहने वाला हर शख्स एक परिवार के सदस्य की तरह रहता है. यहां जाति-धर्म-मजहब नहीं देखा जाता है. यहां सब एक समान हैं, एक साथ खाना खाते हैं, एकसाथ रहते हैं, खेलते हैं, गो सेवा करते हैं. इसके अलावा सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, कंप्यूटर, हस्तशिप व अन्य कलाओं में निपुण हो रहे हैं.
सुधीर भाई बताते हैं कि आश्रम में बच्चों को चाय, नाश्ता, दूध, फल, भोजन समय पर बिना किसी भेदभाव के दिया जाता है. यहां रहने वाले 20 राज्यों से अधिक के लोग हैं. सबकी अपनी-अपनी भाषा है, लेकिन सभी में अटूट प्रेम है.
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सुधीर भाई ने बेटियों का किया कन्यादार
आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि आश्रम में बड़े हुए बच्चों की शादी भी सुधीर भाई ने करवाई है. उज्जैन में सुधीर भाई ने दो बेटियों का कन्यादान किया, जो नारी निकेतन की बेटियां थी. आज उनके बच्चे सुधीर भाई को नाना कहते हैं.
सुधीर भाई ने 10 वर्षों से जंजीरों में जकड़े युवक को मुक्त कराया. वह युवक मानसिक स्थिति से उबरते हुए आश्रम में गो सेवा करता है. एक बच्ची है, जिसकी उम्र 15 वर्ष है और वह डॉक्टर बनना चाहती है. वह बच्ची जंगल में मिली थी. सुधीर भाई उस बच्ची की पढ़ाई-लिखाई की पूरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
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कहां है सुधीर भाई का सेवाधाम आश्रम
उज्जैन से 17 किलोमीटर दूर सेवाधाम आश्रम में 364 लोग रहते हैं. ग्राम अमोदिया में सेवाधाम आश्रम स्थित है. यहां पर सुधीर भाई गोयल और उनकी टीम द्वारा अनाथ, बेसहारा लोगों की मदद की जाती है.