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रीवाः दूषित पानी के निराकरण से जूझ रहा जिला अस्पताल, वाटर फिल्टर लगाने की मांग

रीवा जिले के कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति जिला चिकित्सालय परिसर लंबे समय से प्रदूषित जल की समस्या से जूझ रहा है. इसके साथ ही अस्पताल के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए कोई भी फिल्टर प्लांट अस्पताल के अंदर नहीं लगाया गया है.

शासकीय अस्पतालों में वाटर फिल्टर लगाने की मांग
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Published : Jun 12, 2019, 7:45 PM IST

रीवा। प्रदेश में इन दिनों लोगों को पानी नहीं मिलने से हाहाकार मचा हुआ है. वहीं रीवा जिले के कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति जिला चिकित्सालय परिसर लंबे समय से प्रदूषित जल की समस्या से जूझ रहा है. इसके साथ ही अस्पताल के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए कोई भी फिल्टर प्लांट अस्पताल के अंदर नहीं लगाया गया है. वहीं इससे बेखबर प्रशासन इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

शासकीय अस्पतालों में वाटर फिल्टर लगाने की मांग

⦁ चिकित्सालय के अलावा जिले भर में संचालित कई अस्पताल अपने गंदे पानी को ट्रीट करने की कोई व्यवस्था नहीं कर सके है. दुष्प्रभाव को रोकने वाले संयंत्र संस्थानों में नहीं लगे हैं.
⦁ अस्पताल के अलग-अलग वार्ड से निकलने वाले दूषित पानी में ड्रग घुले होते हैं. जिसकी चपेट में आने से किसी के भी स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
⦁ जिले के किसी भी अस्पताल में वार्ड से निकलने वाले प्रदूषित जल को निष्प्रभावी बनाने के पुख्ता इंतजाम नहीं है.
⦁ जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि द्वारा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए सरकार से कई बार गुजारिश की गई, लेकिन किसी भी सरकार ने उनके इस प्रोजेक्ट पर ध्यान नहीं दिया.
⦁ हालांकि जिला चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया कि उनके द्वारा वार्डों से निकलने वाले हानिकारक और दूषित जल में केमिकल युक्त पाउडर का छिड़काव किया जाता है, पानी को डिसइनफेक्ट कर नाले में बहाया जाता है.

रीवा। प्रदेश में इन दिनों लोगों को पानी नहीं मिलने से हाहाकार मचा हुआ है. वहीं रीवा जिले के कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति जिला चिकित्सालय परिसर लंबे समय से प्रदूषित जल की समस्या से जूझ रहा है. इसके साथ ही अस्पताल के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए कोई भी फिल्टर प्लांट अस्पताल के अंदर नहीं लगाया गया है. वहीं इससे बेखबर प्रशासन इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

शासकीय अस्पतालों में वाटर फिल्टर लगाने की मांग

⦁ चिकित्सालय के अलावा जिले भर में संचालित कई अस्पताल अपने गंदे पानी को ट्रीट करने की कोई व्यवस्था नहीं कर सके है. दुष्प्रभाव को रोकने वाले संयंत्र संस्थानों में नहीं लगे हैं.
⦁ अस्पताल के अलग-अलग वार्ड से निकलने वाले दूषित पानी में ड्रग घुले होते हैं. जिसकी चपेट में आने से किसी के भी स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
⦁ जिले के किसी भी अस्पताल में वार्ड से निकलने वाले प्रदूषित जल को निष्प्रभावी बनाने के पुख्ता इंतजाम नहीं है.
⦁ जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि द्वारा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए सरकार से कई बार गुजारिश की गई, लेकिन किसी भी सरकार ने उनके इस प्रोजेक्ट पर ध्यान नहीं दिया.
⦁ हालांकि जिला चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया कि उनके द्वारा वार्डों से निकलने वाले हानिकारक और दूषित जल में केमिकल युक्त पाउडर का छिड़काव किया जाता है, पानी को डिसइनफेक्ट कर नाले में बहाया जाता है.

Intro:एंकर- कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय रीवा परिसर इन दिनों प्रदूषित जल की समस्या से जूझ रहा है.. तथा जिम्मेदार अफसर बेखबर बने बैठे हुए हैं. दरअसल अस्पताल की दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए कोई भी फिल्टर प्लांट अस्पताल के अंदर नहीं लगाया गया है....


Body:वी, ओ- रीवा का कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति जिला चिकित्सालय पिछले लंबे समय से प्रदूषित जल की समस्या से जूझ रहा हैं लेकिन प्रशासन को इसकी कोई खबर तक नहीं है जिला चिकित्सालय के अलावा जिले भर के भीतर संचालित हो रहे कई अस्पताल आज तक अपने गंदे पानी को ट्रीट करने की कोई व्यवस्था नहीं कर सके है जिसके कारण अब यहां गंभीर बीमारी फैलने की आशंका जताई जाने लगी ... दरअसल रीवा जिले के किसी भी अस्पताल में अस्पताल परिसर में वार्ड से निकलने वाले प्रदूषित जल को निष्प्रभावी बनाने के पुख्ता इंतजाम नहीं है प्रदूषित जल के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए जिस संयंत्र को लगाया जाता है वह इन संस्थानों में नहीं लगे हैं विशेष कर नियम के अनुसार अस्पताल में अलग अलग वार्ड से निकलने वाले दूषित जल में जो ड्रग खुले होते हैं उनमें से कई ऐसे होते हैं जिनका आम जन पर व्यापक दुष्प्रभाव होता है तथा इसकी चपेट में आने पर किसी को भी स्वास्थ्य की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अस्पताल के पास से निकलने वाली प्रदूषित जल को निष्प्रभावी बनाने वाला संयंत्र जिले के किसी भी अस्पताल पर नहीं है इसलिए परिसर के वातावरण में भी इसका प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है.... मामले पर जब हमने जिला चिकित्सा अधिकारी से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए सरकार से कई बार गुजारिश भी की गई परंतु किसी भी सरकार ने उनके इस प्रोजेक्ट पर ध्यान नहीं दिया तथा अब प्रदूषित पानी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.. हालांकि जिला चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया कि उनके द्वारा वार्डों से निकलने वाले जल में केमिकल युक्त पाउडर का छिड़काव किया जाता है जिससे पानी का प्रदूषण कम तौर पर फैले...

byte 1 संजीव शुक्ला
जिला चिकित्सा अधिकारी रीवा

Conclusion:...
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