जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में यूजी नीट के प्रवेश में ओबीसी को आरक्षण अधिनियम एवं मध्य प्रदेश मेडीकल प्रवेश नियम 2018 के अनुरूप ओबीसी वर्ग के छात्रों को 27 फीसदी आरक्षण लागू नहीं किए जाने को चुनौती दी गई है. मामले में जस्टिस शील नागू व जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी (MP High court News)की युगलपीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है.
OBC आरक्षण लागू न करने के कारण प्रवेश से वंचित
हाईकोर्ट में यह मामला याचिकाकर्ता उमा कहार की ओर से दायर किया गया है, जिसमें कहा गया है कि वह ओबीसी वर्ग में आती हैं तथा मेडीकल में प्रवेश लेकर डॉक्टर बनना चाहती है. ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण लागू न करने के कारण वह प्रवेश से वंचित हो रही हैं. मामले में न्यायालय ने अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी आधिवक्ता विनायक शाह, रामेश्वर ठाकुर, उदय कुमार, परमानंद साहू पैरवी कर रहे हैं.
ग्वालियर पुलिस को कोर्ट की फटकार
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आपराधिक प्रकरणों में पुलिस विवेचना के दौरान महत्वपूर्ण तथ्यों को गायब करने की पुलिस की हरकत पर गहरी नाराजगी जताई है. न्यायमूर्ति जी एस अहलुवालिया ने इस मामले में इंदरगंज थाने के प्रभारी मिर्जा आसिफ बेग और विवेचना अधिकारी आर एस कुशवाह पर तत्काल कार्रवाई करने के एसपी अमित सांघी को निर्देश दिए हैं. मामले पर एसपी ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि जल्द ही दोनों पुलिस अधिकारियों को निलंबित करके कोर्ट को अवगत कराएंगे.