जबलपुर। महापौर की तरह ही नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव (Municipal president Election) भी प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाये जाने की मांग करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur high court) में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को सुनवाई के दौरान बताया कि 'पूर्व में इस संबंध में दायर याचिका खारिज हो चुकी है. युगलपीठ ने पूर्व में पारित आदेश को यथावत रहते हुए याचिका को खारिज कर दिया'.
नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करने की मांग: नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच (Madhya Pradesh Citizen Consumer Guidance Forum) के डॉ.पीजी नाजपांडे व एक अन्य की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि 'राज्य सरकार ने नगर पालिका नियम की धारा 9 में संशोधन कर नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली तथा नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों द्वारा कराने का निर्णय लिया है. इस संबंध में सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गयी है. याचिका में राहत चाही गयी थी कि महापौर की तरह नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएं'.
राज्य सरकार पर भेदभाव के आरोप: याचिका में कहा गया है कि 'दोनों की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं है. राज्य सरकार ने इस निर्णय में भेदभाव किया है'. प्रदेश में 16 नगर निगम में महापौर जनता द्वारा चुने जाएगें. 99 नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव पार्षद करेगें. याचिका में विधि एवं विधायी कार्य विभाग व नगरीय प्रशासन विभाग को अनावेदक बनाया गया था. याचिका की सुनवाई के बाद यह जानकारी पेश की थी, जिसके बाद युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.(MP Urban Body Election) (Jabalpur High Court Decision) (Petition for direct election of municipality president dismissed)