जबलपुर। मध्यप्रदेश EOW की गिरफ़्त में आए जबलपुर के ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है. प्रेम चंद्र सिंह उर्फ़ पीसी सिंह को पर करोड़ों रुपए की आर्थिक अनियमितताओं के आरोप हैं. EOW के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि आर्थिक अपराध शाखा ने विदेश से लौटने पर सिंह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) सहित विभिन्न एजेंसियों की मदद ली. उन्होंने कहा, ''सिंह के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ के लिए उसे नागपुर हवाईअड्डे से हिरासत में लिया गया।'' ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 2004-05 और 2011-12 के बीच सोसायटी के विभिन्न संस्थानों द्वारा छात्रों की फीस के रूप में एकत्र किए गए 2.70 करोड़ रुपये कथित तौर पर धार्मिक संस्थानों में स्थानांतरित कर दिए गए, जिसका दुरुपयोग किया गया और बिशप द्वारा निजी जरूरतों के लिए खर्च किया गया.
जबलपुर कोर्ट में हुई पेशी: जर्मनी से जैसे ही बिशप पीसी सिंह भारत पहुंचे तब से ही जांच एजेंसियां उसे लगातार ट्रैक कर रही थीं. दिल्ली और बेंगलुरु होते हुए पीसी सिंह की नागपुर में जैसे ही आमद हुई तभी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी CISF की मदद से जबलपुर EOW की टीम ने बिशप को दबोच लिया. नागपुर से हिरासत में लेने के बाद बिशप को जांच टीम जबलपुर लेकर पहुंची जहां लगातार पूछताछ की जा रही है. माना जा रहा है कि EOW की पूछताछ में कई ऐसे राज भी सामने आएंगे जो अब तक सबकी नजरों से छुपे हुए थे. अब तक की पूछताछ में बिशप ने क्या-क्या राज उगला है इसके बारे में फिलहाल अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. जबलपुर के ईओडब्ल्यू के एसपी देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत के मुताबिक बिशप पीसी सिंह से कई बिंदुओं पर पूछताछ चल रही है.
बिशप के घर विदेशी करेंसी का जखीरा: EOW द्वारा बिशप द्वारा कथित रूप से धन की हेराफेरी करने और उसके घर से बेहिसाब नगदी बरामद करने के बाद गहराई से जांच कर रही है. पीसी सिंह द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायसिस के बिशप हैं. सिंह पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कई संस्थाओं का प्रमुख बनने और पैसों का गबन करने की शिकायत मिली थी. उन पर एक शैक्षणिक सोसायटी चलाने के दौरान वित्तीय कदाचार का आरोप लगाया गया था, जिसके वे अध्यक्ष हैं. तलाशी के दौरान 1.65 करोड़ रुपये नगदी के साथ ही 18,342 अमेरिकी डॉलर, 118 यूके पाउंड के अलावा 48 बैंक खातों और 17 संपत्तियों के दस्तावेज सहित अन्य संपत्तियां बरामद हुई थीं.
हो रही है त्रिस्तरीय जांच : सीएम शिवराज सिंह ने इस मामले में त्रिस्तरीय जांच किए जाने के निर्देश दिए थे. मामले की जांच धर्मांतरण के एंगल से भी की जा रही है. इसके अलावा ट्रस्ट को लीज पर दी गई जमीनों के व्यवसायिक उपयोग, लीज नवीनीकरण में स्टांप ड्यूटी में टैक्स चोरी और धांधली किए जाने की भी जांच की जा रही है. सीएम शिवराज ने छापे के बाद EOW सहित सहित गृह और पुलिस विभाग के अधिकारियों को सीएम हाउस तलब किया है. बिशप के खिलाफ धर्मांतरण, शासकीय जमीन का निजी उपयोग, छात्रों की फीस के दुरुपयोग संबंधी विभिन्न शिकायतों को लेकर जाच की जा रही है. (Bishop PC singh Arrest)
सभी मामले ईओडब्लू को सौंपे : मुख्यमंत्री ने बताया था कि ये सभी मामले भी ईओडब्ल्यू को सौंपे जा रहे हैं. धर्म के नाम पर धर्मांतरण या अन्य अवैध गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ईओडब्लू के अधिकारियों ने कहा है कि मामले में प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 2004-05 और 2011-12 के बीच सोसायटी के विभिन्न संस्थानों द्वारा छात्रों से फीस के रूप में एकत्र किए गए 2.70 करोड़ रुपये कथित तौर पर धार्मिक संस्थानों में स्थानांतरित कर दिए गए थे, जिसका दुरुपयोग और व्यक्तिगत जरूरतों के लिए बिशप द्वारा खर्च किया गया था.
छापे में क्या-क्या बरामद हुआ : अधिकारियों ने सीएम को बताया कि छापे में 17 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज, 48 बैंक खाते, 1 करोड़ 65 लाख से अधिक नगद राशि, 18,352 यूएस डॉलर, 118 पाउंड सहित 8 चार पहिया वाहन बरामद हुए हैं. बड़े स्तर पर धोखाधड़ी सामने आई है. इस मामले की तीन स्तर पर जांच की जा रही है. छापेमारी में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त धन का उपयोग धर्मांतरण, अवैधानिक कार्य या गैरकानूनी कार्यों में तो नहीं हो रहा है, इसकी जांच ईओडब्ल्यू और जिला प्रशासन मिलकर करेगा
इन मामलों की हो रही है जांच : इसके साथ ही शासन द्वारा ट्रस्ट की संस्थाओं को जो जमीन लीज पर दी गई है. इनका उपयोग स्कूल, अस्पताल या धर्मार्थ के कार्यों में न होकर अन्य व्यवासायिक कार्यों में हो रहा है तो इसकी जांच ईओडब्ल्यू एवं जिला प्रशासन करेगा. कई ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें ट्रस्ट की संस्थाओं के लीज संबंधी प्रकरण में धोखाधड़ी कर टैक्स नहीं चुकाने या नाम परिवर्तित कर दुरुपयोग होने या लीज नवीनीकरण में स्टांप ड्यूटी की धांधली की शिकायत आई है. इस बारे में भी ईओडब्ल्यू और जिला प्रशासन जांच करेगा. (Bishop PC singh Arrest)
अंडरवर्ल्ड से संबंधों की चर्चा : बिशप पीसी के साथ काम करने वाले सहयोगी इस समय काफी डरे हुए हैं. जबलपुर EOW बिशप की इस मामले में पूरी कुंडली तैयार कर रही है. माना जा रहा है दाऊद गैंग के खास गुर्गे से पीसी सिंह के संबंध हैं. इन्हीं संबंधों के चलते सायनड चर्च आफ नार्थ इण्डिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र लिखा है. यह जानकारी सामने आने के बाद पीसी सिंह को डॉन के रूप में देखा जा रहा है. अवैध गतिविधियों का उसे मुख्य सरगना माना जा रहा है. चर्च संगठनों का समूह बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया एक बार फिर चर्चाओं में है. देश की सबसे बड़ी ईसाई मिशनरी संस्था CNI में मॉडरेटर बिशप पीसी सिंह पर अब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के राइट हैंड रियाज भाटी के साथ संबंधों के आरोप लगे हैं. बिशप ने रियाज भाटी से जिमखाना का सौदा किया था. जिमखाना को लीज पर देने के बदले बिशप ने रियाज से करीब 3 करोड़ रुपए बतौर एडवांस भी लिए थे.