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वकीलों ने दिया धरना, कहा- जब पूरा देश अनलॉक हो गया, तो कोर्ट बंद क्यों ?

ग्वालियर में वकीलों ने कोर्ट नियमित रूप से खोले जाने की मांग को लेकर एक दिन का धरना दिया. वकीलों की मांग है कि, लॉकडाउन के बाद से ही, कोर्ट नियमित रुप से नहीं खुल रही है. जिससे वकीलों को नुकसान हो रहा है.

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ग्वालियर न्यूज
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Published : Aug 26, 2020, 6:39 PM IST

Updated : Aug 26, 2020, 7:05 PM IST

ग्वालियर। कोरोना काल में कोर्ट भी नियमित रुप से नहीं खुल रही हैं. जिससे परेशान वकीलों ने बुधवार को जिला न्यायालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इन वकीलों की मांग है कि, वे पिछले चार महीनों से आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. दो वकीलों की इस दौरान असामयिक मौत हो चुकी है. वकीलों का कहना है कि, जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो कोर्ट को सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के भरोसे क्यों छोड़ा जा रहा है.

ग्वालियर में वकीलों ने दिया धरना

वकीलों का कहना है कि, अदालतों में भी सीमित दायरे में कोर्ट की कार्यवाही शुरू की जा सकती है. अधिकांश वकील ऐसे हैं, जो रोजाना कमाते हैं और अपना घर चलाते हैं. सिर्फ 10 फीसदी वकील ही साधन संपन्न हैं. अधिवक्ताओं का दर्द है कि, उन्होंने कोर्ट की कार्रवाई को नियमित कराने के लिए प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश एवं मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और स्थानीय जनप्रतिनिधि को दो बार मांग पत्र भेजा, लेकिन किसी ने भी उनकी सुनवाई नहीं की है.

मंजूर की जाए दो करोड़ रुपए की राशि

अधिवक्ताओं का कहना है कि, ग्वालियर शहर के लिए दो करोड़ रुपए की सहायता राशि मंजूर कराई जाए. ताकि वकीलों को 10 -10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा सके. फिलहाल वकील जिला न्यायालय के बाहर एक दिवसीय धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि, अभी भी सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की है. वो धरना प्रदर्शन को नियमित करने पर विचार करेंगे. गौरतलब है कि, पिछले 15 दिनों के भीतर ही कुमार गौरव शर्मा और नरेंद्र सिंह किरार नामक अधिवक्ताओं की मौत हो गई थी. इनमें कुमार गौरव ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी, जबकि नरेंद्र सिंह को ब्रेन हेमरेज होने के बाद दिल्ली भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई.

ग्वालियर। कोरोना काल में कोर्ट भी नियमित रुप से नहीं खुल रही हैं. जिससे परेशान वकीलों ने बुधवार को जिला न्यायालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इन वकीलों की मांग है कि, वे पिछले चार महीनों से आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. दो वकीलों की इस दौरान असामयिक मौत हो चुकी है. वकीलों का कहना है कि, जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो कोर्ट को सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के भरोसे क्यों छोड़ा जा रहा है.

ग्वालियर में वकीलों ने दिया धरना

वकीलों का कहना है कि, अदालतों में भी सीमित दायरे में कोर्ट की कार्यवाही शुरू की जा सकती है. अधिकांश वकील ऐसे हैं, जो रोजाना कमाते हैं और अपना घर चलाते हैं. सिर्फ 10 फीसदी वकील ही साधन संपन्न हैं. अधिवक्ताओं का दर्द है कि, उन्होंने कोर्ट की कार्रवाई को नियमित कराने के लिए प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश एवं मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और स्थानीय जनप्रतिनिधि को दो बार मांग पत्र भेजा, लेकिन किसी ने भी उनकी सुनवाई नहीं की है.

मंजूर की जाए दो करोड़ रुपए की राशि

अधिवक्ताओं का कहना है कि, ग्वालियर शहर के लिए दो करोड़ रुपए की सहायता राशि मंजूर कराई जाए. ताकि वकीलों को 10 -10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा सके. फिलहाल वकील जिला न्यायालय के बाहर एक दिवसीय धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि, अभी भी सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की है. वो धरना प्रदर्शन को नियमित करने पर विचार करेंगे. गौरतलब है कि, पिछले 15 दिनों के भीतर ही कुमार गौरव शर्मा और नरेंद्र सिंह किरार नामक अधिवक्ताओं की मौत हो गई थी. इनमें कुमार गौरव ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी, जबकि नरेंद्र सिंह को ब्रेन हेमरेज होने के बाद दिल्ली भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई.

Last Updated : Aug 26, 2020, 7:05 PM IST
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