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MP Mission 2023: कांग्रेस के टारगेट पर रहेंगे सिंधिया, बदला लेने के लिए पार्टी ने ऐसी बनाई रणनीति

कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए ग्वालियर चंबल-अंचल में सिंधिया को टारगेट कर रही है. सिधिंया को टक्कर देने के लिए उनके कट्टर विरोधी दिग्विजय सिंह और डॉ गोविंद सिंह को मैदान में उतारा गया है. अंचल के दोनों कांग्रेसी नेता अपने समर्थकों के साथ मिलकर सिंधिया और उनके समर्थक को घेरने की तैयारी में हैं. (mp mission 2023) (congress targeted scindia)

Congress mp mission 2023
एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस के टारगेट पर रहेंगे सिंधिया
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Published : Apr 30, 2022, 8:25 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए ग्वालियर चंबल-अंचल में कांग्रेस सिंधिया को घेरने की रणनीति तैयार कर रही है, यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने सिंधिया के दोनों ही कट्टर विरोधी दिग्विजय सिंह और डॉ गोविंद सिंह को ग्वालियर चंबल अंचल की कमान सौंप दी है. बताया जा रहा है कि अंचल के दोनों कांग्रेसी नेता अपनी टीम के साथ मिलकर सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों को घेरने की रणनीति बनाएंगे.(mp mission 2023) (congress targeted scindia)

एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस के टारगेट पर रहेंगे सिंधिया

सिंधिया से बदला लेने के लिए कांग्रेस की रणनीति: साल 2018 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों ने कमलनाथ सरकार को गिराया था, इसी का बदला लेने के लिए कांग्रेस पार्टी अब 2023 के विधानसभा चुनाव में अपनी रणनीति तैयार कर रही है. कांग्रेस के द्वारा चंबल अंचल में सिर्फ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को टारगेट किया जा रहा है, इसलिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से सीधे टक्कर लेने वाले नेता कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह है को मैदान में उतारा गया है.

क्षेत्र में इन दोनों नेताओं की अच्छी पकड़: ग्वालियर चंबल अंचल में दिग्विजय सिंह और डॉ गोविंद सिंह के पास समर्थकों की एक बड़ी फौज है, इसके साथ ही क्षेत्र में इन दोनों नेताओं की अच्छी पकड़ है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चंबल अंचल में अच्छा खासा वर्चस्व रखते हैं, इसके साथ ही डॉक्टर गोविंद सिंह भी अपने जिले भिंड के अलावा ग्वालियर और मुरैना में भी खासा प्रभाव डालते हैं, क्योंकि यहां पर सबसे अधिक क्षत्रिय वोट बैंक है.अबकी बार 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ग्वालियर चंबल अंचल में कमजोर नहीं होना चाहती है इसलिए अबकी बार कांग्रेस का टारगेट सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं.

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कांग्रेस के पास ऊर्जावान युवा नेता की कमी: कांग्रेस के पास कई बड़े नेता इस अंचल से आते हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा युवा और ऊर्जावान नेता की कमी को पूरा करने के लिए कांग्रेस के पास अभी कोई ऐसा नेता नहीं है. हालांकि सिंधिया के विकल्प में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह है और वह लगातार ग्वालियर चंबल अंचल में सक्रिय है. जयवर्धन कांग्रेस के आंदोलन, प्रदर्शन में लगातार हिस्सा लेते रहते हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा अबकी बार ग्वालियर चंबल अंचल में जयवर्धन को भी उतारा जाएगा, जिससे युवा वोटर पर पकड़ बना सकें.

पिछले विधानसभा में कांग्रेस का रहा था शानदार प्रदर्शन: पिछले विधानसभा चुनाव में चंबल अंचल में कांग्रेस ने बीजेपी को यहां से बुरी तरह हराया था, ग्वालियर चंबल अंचल की 34 सीटों में से 26 सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, तो वहीं एक सीट पर बसपा का कब्जा हुआ था लेकिन उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता के चलते कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. फिलहाल इस बार कांग्रेस के विरोध में खुद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया है, अब देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी अबकी बार विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल से कितनी सीट लाती है.

सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से नहीं आया कोई बदलाव: कांग्रेस का दावा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद अंचल में कोई बदलाव नहीं आया है. पार्टी का कहना है कि पिछले चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं बल्कि कांग्रेस पर अंचल की जनता ने भरोसा किया था, यही वजह है कि अंचल की जनता ने बीजेपी को बुरी तरह हराया था.

सिंधिया समर्थक मंत्री ओपीएस भदौरिया का बड़ा बयान, कहा सिंधिया को हराने की साजिश कमलनाथ के दफ्तर में रची गई थी

"सिंधिया गद्दार" के नारे के साथ आगे बढ़ रही कांग्रेस: कांग्रेस का कहना है कि अबकी बार ग्वालियर चंबल अंचल में पार्टी के निशाने पर सबसे ज्यादा सिंधिया है. यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी अबकी बार 'सिंधिया गद्दार' के नारे को लेकर घर घर पहुंचेगी. घर-घर पहुंचकर कांग्रेस जनता को बताएगी कि सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी और जनता के भरोसे से कितनी गद्दारी की है, क्योंकि पिछली विधानसभा में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी पर भरोसा जताया था लेकिन सिंधिया ने गद्दारी करके कमलनाथ सरकार को गिरा दिया. कांग्रेस का कहना है कि अबकी बार प्रदेश की जनता सिंधिया के भरोसे में नहीं आएगी और शिवराज सरकार के साथ-साथ सिंधिया को भी जड़ से उखाड़ फेंकेगी.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए ग्वालियर चंबल-अंचल में कांग्रेस सिंधिया को घेरने की रणनीति तैयार कर रही है, यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने सिंधिया के दोनों ही कट्टर विरोधी दिग्विजय सिंह और डॉ गोविंद सिंह को ग्वालियर चंबल अंचल की कमान सौंप दी है. बताया जा रहा है कि अंचल के दोनों कांग्रेसी नेता अपनी टीम के साथ मिलकर सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों को घेरने की रणनीति बनाएंगे.(mp mission 2023) (congress targeted scindia)

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सिंधिया से बदला लेने के लिए कांग्रेस की रणनीति: साल 2018 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों ने कमलनाथ सरकार को गिराया था, इसी का बदला लेने के लिए कांग्रेस पार्टी अब 2023 के विधानसभा चुनाव में अपनी रणनीति तैयार कर रही है. कांग्रेस के द्वारा चंबल अंचल में सिर्फ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को टारगेट किया जा रहा है, इसलिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से सीधे टक्कर लेने वाले नेता कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह है को मैदान में उतारा गया है.

क्षेत्र में इन दोनों नेताओं की अच्छी पकड़: ग्वालियर चंबल अंचल में दिग्विजय सिंह और डॉ गोविंद सिंह के पास समर्थकों की एक बड़ी फौज है, इसके साथ ही क्षेत्र में इन दोनों नेताओं की अच्छी पकड़ है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चंबल अंचल में अच्छा खासा वर्चस्व रखते हैं, इसके साथ ही डॉक्टर गोविंद सिंह भी अपने जिले भिंड के अलावा ग्वालियर और मुरैना में भी खासा प्रभाव डालते हैं, क्योंकि यहां पर सबसे अधिक क्षत्रिय वोट बैंक है.अबकी बार 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ग्वालियर चंबल अंचल में कमजोर नहीं होना चाहती है इसलिए अबकी बार कांग्रेस का टारगेट सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं.

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कांग्रेस के पास ऊर्जावान युवा नेता की कमी: कांग्रेस के पास कई बड़े नेता इस अंचल से आते हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा युवा और ऊर्जावान नेता की कमी को पूरा करने के लिए कांग्रेस के पास अभी कोई ऐसा नेता नहीं है. हालांकि सिंधिया के विकल्प में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह है और वह लगातार ग्वालियर चंबल अंचल में सक्रिय है. जयवर्धन कांग्रेस के आंदोलन, प्रदर्शन में लगातार हिस्सा लेते रहते हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा अबकी बार ग्वालियर चंबल अंचल में जयवर्धन को भी उतारा जाएगा, जिससे युवा वोटर पर पकड़ बना सकें.

पिछले विधानसभा में कांग्रेस का रहा था शानदार प्रदर्शन: पिछले विधानसभा चुनाव में चंबल अंचल में कांग्रेस ने बीजेपी को यहां से बुरी तरह हराया था, ग्वालियर चंबल अंचल की 34 सीटों में से 26 सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, तो वहीं एक सीट पर बसपा का कब्जा हुआ था लेकिन उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता के चलते कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. फिलहाल इस बार कांग्रेस के विरोध में खुद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया है, अब देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी अबकी बार विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल से कितनी सीट लाती है.

सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से नहीं आया कोई बदलाव: कांग्रेस का दावा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद अंचल में कोई बदलाव नहीं आया है. पार्टी का कहना है कि पिछले चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं बल्कि कांग्रेस पर अंचल की जनता ने भरोसा किया था, यही वजह है कि अंचल की जनता ने बीजेपी को बुरी तरह हराया था.

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"सिंधिया गद्दार" के नारे के साथ आगे बढ़ रही कांग्रेस: कांग्रेस का कहना है कि अबकी बार ग्वालियर चंबल अंचल में पार्टी के निशाने पर सबसे ज्यादा सिंधिया है. यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी अबकी बार 'सिंधिया गद्दार' के नारे को लेकर घर घर पहुंचेगी. घर-घर पहुंचकर कांग्रेस जनता को बताएगी कि सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी और जनता के भरोसे से कितनी गद्दारी की है, क्योंकि पिछली विधानसभा में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी पर भरोसा जताया था लेकिन सिंधिया ने गद्दारी करके कमलनाथ सरकार को गिरा दिया. कांग्रेस का कहना है कि अबकी बार प्रदेश की जनता सिंधिया के भरोसे में नहीं आएगी और शिवराज सरकार के साथ-साथ सिंधिया को भी जड़ से उखाड़ फेंकेगी.

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