छिंदवाड़ा। सीएम शिवराज सिंह चौहान रामाकोना सभा को संबोधित करने पहुंचे थे, इस दौरान बैतूल जिले की युवती सीएम साहब से मिलने पहुंची. लेकिन पुलिस प्रशासन ने युवती को सीएम से नहीं मिलने दिया, वह फूट-फूट कर अपना दुख दर्द मीडिया के सामने बयां करती रही, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी एक ना सुनी. मीना चौकीकर ने बताया कि, "युवती ने सन् 2018-19 में बीएससी नर्सिंग कॉलेज छिंदवाड़ा में एडमिशन लेना था, इसके लिए उसे साढ़े चार लाख रुपए का लोन चाहिए था. तब से अब तक उसे किसी ने लोन नहीं दिया तो अब वह सीएम से मिलने के लिए बैतूल से छिंदवाड़ा आई. यहां भी पुलिस ने मंच के सामने से उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया.(MP Education Loan)
कलेक्टर ने कहा- पढ़ लिख कर क्या करोगी: युवती का कहना है कि, एजुकेशन लोन के लिए पहले कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे के पास गई तो उन्होंने मुझे मदद करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ नहीं किया. फिर बैतूल कलेक्टर के पास गई तो कलेक्टर साहब ने कह दिया कि,"पढ़ लिखकर तुम क्या कर लोगी." युवती का कहना है कि "मैं 5 साल से बहुत परेशान हूं, मेरे पास रहने का घर नहीं है. कोई मदद नहीं कर रहा. पूरा कैरियर खराब हो गया. 5 साल से सभी लोगों के चक्कर लगा रही हूं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है."
2017 से भटक रही मामा की भांजी: मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची युवती को मिलने नहीं दिया गया, आवेदन लेकर उसमें मोबाईल नंबर डालने की बात कहते हुए आवेदन ले लिया गया. इसके बाद पुलिस ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया. युवती ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि, "मेरे पापा का पैर टूट गया है. उनसे कुछ काम नहीं होता है. सन 2017 से इधर उधर भटक रही हूं. लेकिन कोई नहीं सुन रहा."(MP Education Loan)