छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा के किसान दोहरी मार झेल रहे हैं. जिले में अतिवृष्टि के कारण खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है. मक्का, सोयाबीन सहित अन्य फसलें भी खराब हो गई हैं. ज्यादा बारिश से फसलें पीली पड़ने के साथ नष्ट हो गई हैं. कई गांवों में फसलें बोनी के बाद बढ़ ही नहीं पाईं इससे फसलों का उत्पादन शून्य होगा.
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण ने उठाया मुद्दा: वरिष्ठ कांग्रेस नेता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना के नेतृत्व में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण ने उक्त मुद्दे को उठाया. जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने कहा कि - "फसलों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन शासन ने अभी तक फसलों का सर्वे करवाकर उन्हें मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की है." कांग्रेस नेताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन दिया. तीन सूत्रीय ज्ञापन में किसानों की क्षतिग्रस्त फसलों का तुरंत सर्वे करवाकर मुआवजा दिये जाने, खाद की कालाबाजारी रोकने और किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने एवं फसल बीमा का लाभ किसानों को दिलाने की बात कही.
कृषि मंत्री के प्रभार वाला है छिंदवाड़ा जिला: छिंदवाड़ा जिला, मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के प्रभार वाला जिला भी है. अभी हाल में यहां के अधिकारी सरकारी दफ्तर में पार्टी करते नजर आये थे, उन्हें किसानों की चिंता बिल्कुल नहीं है. छिंदवाड़ा में कृषि उपसंचालक जितेंद्र कुमार सिंह का जन्मदिन का मौका था. सारे अधिकारी-कर्मचारियों ने दफ्तर को ही होटल में तब्दील कर दिया. दफ्तर में बकायदा जहां पर सरकारी फाइलों पर साइन किया जाता था, वहां पर लजीज व्यंजन के भोजन रखें हुए थे. जिन कुर्सियों पर बैठकर अधिकारी फाइलें निपटाते हैं, वहां पर मिठाईयां खाई जा रही थी. इतना ही नहीं, डीजे की धुन भी बजाई जा रही थी. (Chhindwara farmers Protest) (Chhindwara farmers demanded compensation)