भोपाल। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव की पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात क्या हुई, पार्टी के अंदर ही हलचल मच गई है. प्रदेश के तमाम बड़े नेता इस खोज-खबर में लग गए हैं, कि आखिर दोनों की मुलाकात में किन मुद्दों पर चर्चा हुई है. ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश की सियासत में कांग्रेस के अंदर खाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और यह बात गाहे-बगाहे सामने भी आ जाती है. पार्टी में ओबीसी का बड़ा चेहरा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव हैं.
अरूण यादव पार्टी में OBC का बड़ा चेहरा: अरुण यादव जब पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हुआ करते थे, तो उन्होंने जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, इस बात से हर कोई वाकिफ है. यादव की मेहनत का लाभ पार्टी को वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी मिला. ज्ञात हो कि राज्य में अरुण यादव के बाद कमल नाथ को प्रदेश की कमान सौंपी गई थी, जिन्होने यादव के जमीनी स्तर पर किए गए काम को बेहतर आकार दिया और जब वर्ष 2018 का चुनाव कमल नाथ की अगुवाई में लड़ा गया, तो कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचने में मदद मिली.
मुलाकात की कोशिश में लगे थे यादव: अरुण यादव की गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में रही है और लगता है कि उसी की कीमत उन्हें अदा करनी पड़ रही है. पिछले कुछ समय से यादव को प्रदेश की सियासत में साइड लाइन कर दिया गया हैं और उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी भी नहीं सौंपी गई है. इसे भी पार्टी के अंदर खाने चलने वाली खींचतान का नतीजा माना जाता रहा है. सूत्रों की माने तो यादव काफी समय से सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी से भी मुलाकात करने की कोशिशों में लगे थे और उसी के तहत बीते दिनों यादव की दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात हुई.
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मुलाकात की वजह जानने की पार्टी नेताओं में जिज्ञासा: सोनिया गांधी और अरुण यादव के बीच लगभग 40 मिनट बातचीत चली, जिसमें प्रदेश की पार्टी की स्थिति के अलावा आगामी वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई. यादव और सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद से ही पार्टी के कई नेताओं में यह जानने की जिज्ञासा बढ़ गई है, कि आखिर दोनों के बीच बातचीत किस विषय पर हुई. सूत्रों की माने तो यादव की सोनिया गांधी से हुई मुलाकात के बाद दिल्ली में मौजूद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उन्हें रात्रि भोज पर भी आमंत्रित किया.
मुलाकात से बदल सकते हैं प्रदेश की सियासत में समीकरण: दिग्विजय सिंह के रात्रि भोज आमंत्रण मिलने तक अरुण यादव भोपाल के लिए निकल चुके थे. लिहाजा दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई. सियासी तौर पर लोग मानते हैं कि आने वाले दिनों में पार्टी के भीतर ही यादव को एक तरफ जहां बड़े नेता घेरने की कोशिश करेंगे, तो वहीं जमीनी स्तर का कार्यकर्ता यादव के करीब आने की कोशिश करेगा. कुल मिलाकर प्रदेश की सियासत में आने वाले दिनों में समीकरण भी बदलते नजर आ सकते हैं.
इनपुट - आईएएनएस