भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी के हाथ से जब से सत्ता गई है. पार्टी में तब से ही संगठन बदलाव की खबरें सामने आती रही है. संगठन चुनाव के साथ बदलाव की कवायद शुरु भी हुई. पार्टी ने जिन 33 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की उससे इस बात के संकेत मिल गए कि प्रदेश बीजेपी में उपर से लेकर नीचे तक बड़ा बदलाव हो सकता है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी अपना सेनापति भी बदलेगी या पुराने चेहरे पर ही फिर दांव लगाएगी.
संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरु होते ही प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बैठने के लिए नेताओं ने ने जोर आजमाइश शुरु कर दी है. दावेदार भोपाल से दिल्ली की दौड़ लगाकर आला कमान को यह बताने में जुटे है कि वह इस पद के लिए फिट है. हालांकि मौजूदा अध्यक्ष राकेश सिंह का दावा सबसे मजबूत नजर आ रहा है. लेकिन कयासबाजी का दौर भी खूब चल रहा है कि राकेश की जगह इस पद पर किसी और की भी ताजपोशी हो सकती है.
क्योंकि दावेदारों में एक दो नहीं बल्कि कई दिग्गज शामिल हैं. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से लेकर कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, सांसद बीडी शर्मा और प्रभात झा इस पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं.
सियासी गलियारों में चर्चा है कि शिवराज आलाकमान को अपनी मंशा जता चुके हैं कि अगर वह प्रदेश अध्यक्ष बनते है तो कमलनाथ सरकार के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनकर सामने आएंगे. जबकि ऐसा न होने पर उन्होंने अपने खास पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का नाम भी आगे बढ़ाया है. कैलाश विजयवर्गीय, बीडी शर्मा और प्रभात झा संगठन में अपने अनुभव के आधार पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं. तो राकेश सिंह भी अपना पद बचाने में जुटे हैं.
हालांकि बीजेपी के नेता दावा करते दिखाई दे रहे है पार्टी में सबकुछ ठीक है. तो पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष पद पर चल रहे घमासान पर विपक्ष भी चुटकी लेने से नहीं चूक रहा है. अब नेता भले ही अपनी-अपनी दावेदारी कर रहे हों. लेकिन अब तक खुद को अनुशासित पार्टी कहने वाली बीजेपी के हाथ से 15 साल की सत्ता जाने के बाद नेताओं में इस तरह की खीचतान पहली बार नजर आ रही है. जहां देखना दिलचस्प होगा कि मध्य प्रदेश बीजेपी में राकेश सिंह की कुर्सी बचेगी या फिर या बीजेपी किसी नए सेनापति के भरोसे बीजेपी कमलनाथ सरकार को घेरेगी.