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भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान, हेमंत करकरे को देशभक्त मानने से किया इनकार - Madhya Pradesh Latest News

भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुंबई हमले में एटीएस के पूर्व प्रमुख शहीद हेमंत करकरे पर एक बार फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो भी सच्चा देशभक्त होगा वह करकरे को देशभक्त नहीं मानेगा.

BJP MP Pragya Singh Thakur
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का विवादित बयान
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Published : Jun 25, 2021, 9:55 PM IST

सीहोर। भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपने बयानों से मीडिया की सुर्खियों में बनी रहती हैं. शुक्रवार को उन्होंने महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर बयानबाजी की है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि वह हेमंत करकरे को देशभक्त नहीं मानती हैं.

सिहोर के टाउन हाल में शुक्रवार को आयोजित मीसाबंदी सम्मान समारोह में बोलते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि एक इमरजेंसी 1975 में लगी थी और दूसरी इमरजेंसी जैसी स्थिति 2008 में उस वक्त बनी थी, जब मालेगांव ब्लास्ट मामले में मुझे जेल में बंद किया गया था. मैंने खुद उस चीज को झेला और सहा है, क्योंकि उस देश भक्त हेमंत करकरे को लोग देशभक्त कहते हैं, लेकिन जो वास्तव में देशभक्त है वह उसको देश भक्त नहीं कहते हैं.

भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि हेमंत करकरे ने पूछताछ के दौरान मेरे आचार्य की ऊंगलियां तोड़ दी थी, जिन्होंने मुझे कक्षा आठ तक पढ़ाया था. उन्होंने कहा कि झूठे मामले को गढ़ने और झूठे सबूत इकट्ठा करने के लिए ऐसा किया गया था. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि सच्चे देशभक्त महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी करकरे को देशभक्त नहीं कहते हैं.

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पहले भी कर चुकी हैं बयानबाजी

यह पहला मौका नहीं है, जब हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा ने विवादित बयान दिया है. इससे पहले साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में शहीद हेमंत करकरे पर जेल में यातना देने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मैंने करकरे को श्राप दिया था, जिसके सवा महीने बाद आतंकवादियों ने उसे मार दिया. हालांकि, इस बयान से बीजेपी ने खुद को अलग कर लिया था और बाद में प्रज्ञा ठाकुर ने भी बयान वापस ले लिया था.

सीहोर। भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपने बयानों से मीडिया की सुर्खियों में बनी रहती हैं. शुक्रवार को उन्होंने महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर बयानबाजी की है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि वह हेमंत करकरे को देशभक्त नहीं मानती हैं.

सिहोर के टाउन हाल में शुक्रवार को आयोजित मीसाबंदी सम्मान समारोह में बोलते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि एक इमरजेंसी 1975 में लगी थी और दूसरी इमरजेंसी जैसी स्थिति 2008 में उस वक्त बनी थी, जब मालेगांव ब्लास्ट मामले में मुझे जेल में बंद किया गया था. मैंने खुद उस चीज को झेला और सहा है, क्योंकि उस देश भक्त हेमंत करकरे को लोग देशभक्त कहते हैं, लेकिन जो वास्तव में देशभक्त है वह उसको देश भक्त नहीं कहते हैं.

भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि हेमंत करकरे ने पूछताछ के दौरान मेरे आचार्य की ऊंगलियां तोड़ दी थी, जिन्होंने मुझे कक्षा आठ तक पढ़ाया था. उन्होंने कहा कि झूठे मामले को गढ़ने और झूठे सबूत इकट्ठा करने के लिए ऐसा किया गया था. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि सच्चे देशभक्त महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी करकरे को देशभक्त नहीं कहते हैं.

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पहले भी कर चुकी हैं बयानबाजी

यह पहला मौका नहीं है, जब हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा ने विवादित बयान दिया है. इससे पहले साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में शहीद हेमंत करकरे पर जेल में यातना देने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मैंने करकरे को श्राप दिया था, जिसके सवा महीने बाद आतंकवादियों ने उसे मार दिया. हालांकि, इस बयान से बीजेपी ने खुद को अलग कर लिया था और बाद में प्रज्ञा ठाकुर ने भी बयान वापस ले लिया था.

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