भोपाल। राजधानी में संघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय चिंतन बैठक चल रही है. इसमें आरएसएस चीफ मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) भी मौजूद हैं. चिंतन बैठक में हिंदुत्व पर मंथन हो रहा है. आज रविवार को बैठक में मोहन भागवत हिंदुत्व को लेकर अपने विचार सामने रखेंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि, कोविड महामारी के बाद हिंदू जीवन दर्शन और भारत की जीवन पद्धति के प्रति विश्व की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं. इसलिए हमारा कर्तव्य है कि वैश्विक संदर्भों में हिंदू अर्थशास्त्र, हिंदू जीवन दर्शन और भारत की कुटुंब व्यवस्था पर अध्ययन कर विश्व की अपेक्षा के अनुरूप उसकी रचना करें.
अध्ययन, अवलोकन और संवाद से होता है चिंतन प्रबल: उन्होंने आगे कहा कि भारत के अकादमिक जगत के लोगों को चाहिए कि वे भारतीय जीवन दर्शन के पाठ्यक्रम वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए विदेश के विश्वविद्यालयों को संबद्धता प्रदान करें. उन्होंने कहा अध्ययन, अवलोकन और संवाद से चिंतन प्रबल होता है. वर्तमान में हिन्दुत्व पर व्यापक विमर्श हो रहा है. इस विचार मंथन से जो अमृत निकलेगा वह इस विमर्श को अधिक सकारात्मक व रचनात्मक बनाएगा. इससे पहले बैठक का शुभारंभ संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मां सरस्वती के चित्र के सामने दीप प्रज्जवलित कर किया.
हिंदुत्व को बताया गतिशील: बैठक में रंगा हरि ने 'हिंदुत्व के मूल विचार' के बारे में बताया. उन्होंने हिंदुत्व का मतलब, इतिहास, विधिक और राजनीतिक व्याख्याएं तथा हिंदुत्व की विशेषताओं को रेखांकित किया. साथ ही उस पर संघ के विचार साझा किये. उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व गतिशील है, स्थितिशील नहीं. शिक्षाविद् इन्दुमति काटदरे ने कहा अंग्रेजी को यदि अंग्रेजीयत से मुक्त कर सको तो अंग्रेजी बोलने का साहस करना चाहिए. आईआईएम अहमदाबाद के प्रो. शैलेंद्र मेहता ने भारत के अतीत से विकास तथा शिक्षा की यात्रा के विषय और भारतीय ज्ञान के क्रियान्वयन पर विचार रखा. (Pragya pravah in bhopal) (All india contemplation meeting of rss) (RSS focus on Hindutva)