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विश्राम अवस्था में है माता रानी की यह अनोखी मूर्ति, संसार रूपी बालक को करा रही है स्तनपान

जिले में स्थित कंकाली माता को लेकर श्रद्धालुओं में काफी आस्था है. यहां माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. इसकी स्थापना साल 1990 में हुई थी.

कंकाली माता
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Published : Apr 9, 2019, 1:15 PM IST

दमोह। जिले में स्थित कंकाली माता का अनोखा दरबार लोगों की आस्था का केंद्र है. यह दरबार इसलिए भी खास है, क्योंकि इस तरह की प्रतिमाएं प्रदेश में केवल 3 स्थानों पर होने का दावा किया जाता है. इस मंदिर में कंकाली माता विश्राम अवस्था में संसार रूपी बालक को स्तनपान कराती हुई भक्तों को दर्शन देती हैं.

कंकाली माता


साल 1990 में दमोह के इस वीरान क्षेत्र में भरत चौरसिया पंडा द्वारा कंकाली माता की स्थापना की गई थी. दमोह के सुदूर अंचल में माता की प्रतिमा की स्थापना के बाद यहां पर हर साल अब लोगों भारी भीड़ माता के दर्शन के लिए आती है. मंदिर की स्थापना से लेकर यहां के क्रियाकलापों को संपादित करने वाले भरत पंडा कहते हैं कि माता का दरबार अपने आप में अनोखा है. माता की प्रेरणा से ही उन्होंने यह दरबार स्थापित किया था और यह प्रतिमा अपने आप में अनोखी भी है, क्योंकि यह प्रतिमा प्रदेश में केवल 3 स्थानों पर है. एक प्रतिमा रायसेन जिले में स्थित है, तो दूसरी प्रतिमा पन्ना जिले में स्थित है.


प्रदेश में केवल तीन स्थानों पर इस तरह की प्रतिमाओं का पाया जाना और उन स्थानों में दमोह का नाम होना यहां के भक्तों के लिए गौरव की बात है. यही कारण है कि नवरात्र के समय कंकाली माता का यह स्थान लोगों की आस्था और भक्ति का केंद्र बन जाता है. सुबह और शाम के समय होने वाली आरती में भक्त शामिल होते हैं.

दमोह। जिले में स्थित कंकाली माता का अनोखा दरबार लोगों की आस्था का केंद्र है. यह दरबार इसलिए भी खास है, क्योंकि इस तरह की प्रतिमाएं प्रदेश में केवल 3 स्थानों पर होने का दावा किया जाता है. इस मंदिर में कंकाली माता विश्राम अवस्था में संसार रूपी बालक को स्तनपान कराती हुई भक्तों को दर्शन देती हैं.

कंकाली माता


साल 1990 में दमोह के इस वीरान क्षेत्र में भरत चौरसिया पंडा द्वारा कंकाली माता की स्थापना की गई थी. दमोह के सुदूर अंचल में माता की प्रतिमा की स्थापना के बाद यहां पर हर साल अब लोगों भारी भीड़ माता के दर्शन के लिए आती है. मंदिर की स्थापना से लेकर यहां के क्रियाकलापों को संपादित करने वाले भरत पंडा कहते हैं कि माता का दरबार अपने आप में अनोखा है. माता की प्रेरणा से ही उन्होंने यह दरबार स्थापित किया था और यह प्रतिमा अपने आप में अनोखी भी है, क्योंकि यह प्रतिमा प्रदेश में केवल 3 स्थानों पर है. एक प्रतिमा रायसेन जिले में स्थित है, तो दूसरी प्रतिमा पन्ना जिले में स्थित है.


प्रदेश में केवल तीन स्थानों पर इस तरह की प्रतिमाओं का पाया जाना और उन स्थानों में दमोह का नाम होना यहां के भक्तों के लिए गौरव की बात है. यही कारण है कि नवरात्र के समय कंकाली माता का यह स्थान लोगों की आस्था और भक्ति का केंद्र बन जाता है. सुबह और शाम के समय होने वाली आरती में भक्त शामिल होते हैं.

Intro:दमोह में स्थित है जगत जननी मां कंकाली माता का अनोखा दरबार

विश्राम अवस्था में है माता रानी की यह अनोखी मूर्ति संसार रूपी बालक को करा रही है स्तनपान

मध्य प्रदेश में केवल 3 स्थानों पर है इस तरह के कंकाली माता के मंदिर

Anchor. नवरात्र पर्व की धूम जहां चारों ओर देखी जा रही वहीं दमोह में स्थित जगत जननी मां कंकाली माता का अनोखा दरबार लोगों की आस्था का केंद्र है. यह दरबार इसलिए भी खास है क्योंकि इस तरह की प्रतिमाएं प्रदेश में केवल तीन स्थानों पर स्थित होने का दावा किया जाता है, और इसलिए भी खास क्योंकि कंकाली माता विश्राम अवस्था में संसार रूपी बालक को स्तनपान कराती हुई भक्तों को दर्शन देती है. नवरात्र पर्व के दौरान विशेष पूजा आराधना के लिए कंकाली माता का दरबार भक्तों की आस्था विश्वास एवं भक्ति का केंद्र बना हुआ है.


Body:Vo. साल 1990 में दमोह के इस वीरान क्षेत्र में भरत चौरसिया पंडा द्वारा कंकाली माता की स्थापना की गई थी. दमोह के सुदूर अंचल में माता की प्रतिमा की स्थापना के बाद यहां पर हर साल ही अब लोगों के आने जाने का दौर लगातार जारी रहता है. नवरात्र के समय यहां पर भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है. मंदिर की स्थापना से लेकर यहां के क्रियाकलापों को संपादित करने वाले भरत पंडा कहते हैं कि माता का दरबार अपने आप में अनोखा है. माता की प्रेरणा से ही उन्होंने यह दरबार स्थापित किया था, और यह प्रतिमा अपने आप में अनोखी भी है, क्योंकि यह प्रतिमा प्रदेश में केवल 3 स्थानों पर है. एक प्रतिमा रायसेन जिले में स्थित है तो दूसरी प्रतिमा पन्ना जिले में स्थित है, और तीसरी प्रतिमा दमोह जिले में यह कंकाली माता का दरबार है. अन्य स्थानों पर भी बहुत कम ही स्थान ऐसे हैं जहां पर माता रानी का विश्राम करने वाला स्वरूप भक्तों को दर्शन देता है. साथ ही माता रानी संसार रूपी बालक को स्तनपान कराकर भक्तों की मनोकामना को पूरा करती है.

बाइट भरत चौरसिया पंडा कंकाली माता मंदिर

Vo. कंकाली माता के दरबार में अनेक वर्षों से सेवादार के रूप में काम करने वाले एवं भक्त बनकर मनौती मांगने वाले लोगों का स्पष्ट कहना है कि वे जब से इस स्थान पर आ रहे हैं. उनको हमेशा माता रानी का आशीष मिलता है. भारत में बहुत ही कम कंकाली माता के स्थान है. उनमें से दमोह का यह स्थान देश भर के लोगों की आस्था का केंद्र है.

बाइट पंडित राम जी

बाइट खिलान यादव पंडा

बाइट राजेश चौरसिया भक्त


Conclusion:Vo. कंकाली माता का स्थान भले ही देश भर के लोगों की आस्था का केंद्र हो. लेकिन प्रदेश में केवल तीन स्थानों पर इस तरह की प्रतिमाओं का पाया जाना और उन स्थानों में दमोह का नाम होना दमोह के भक्तों के लिए गौरव की बात है. यही कारण है कि नवरात्र के समय कंकाली माता का यह स्थान लोगों की आस्था श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बन जाता है. सुबह एवं शाम के समय होने वाली आरती में भक्त शामिल होते हैं. इन भक्तों में वही लोग शामिल होते हैं जो अपनी मनोकामनाएं लेकर के आते हैं, और इस मंदिर के पंडा भरत चौरसिया उनको उपाय बताकर उनकी मनोकामना को पूरा करने में सहयोग करते हैं. भरत चौरसिया का कहना है कि माता की कृपा हर भक्त पर यूं ही बनी रहती है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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