रांची: राजधानी के एक निजी स्कूल के 50 छात्रों की फीस जमा नहीं रहने से स्कूल प्रबंधन ने परीक्षा देने से वंचित कर दिया था. मामले में झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने बर्लिन स्कूल प्रबंधन से मिलकर पूरे मामले की जानकारी ली और स्कूल प्रबंधन से बच्चे को परीक्षा में शामिल होने देने की बात कही.
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अभिभावकों की चिंता दूर
झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल में बहुत सारे अभिभावकों को बेरोजगारी का शिकार होना पड़ा. इस मुश्किल घड़ी में उनके बच्चों को परीक्षा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. अजय राय ने एनसीपीसीआर और राज्य सरकार के आदेश के संबंध में भी चर्चा की और कहा कि आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी बच्चे को फीस के अभाव में क्लास या परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता. बातचीत के दौरान स्कूल के प्रिंसिपल सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जिस किसी अभिभावक के आवेदन में आर्थिक परेशानी का जिक्र है, उनके बच्चों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए.
अभिभावकों को नोटिस
झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन से बातचीत के बाद एक नोटिस सभी अभिभावकों को भी भेजा गया. जिसमें ये लिखा गया कि जो फीस जमा करने में अभी असमर्थ हैं, वो अभिभावक आवेदन दें और अपने बच्चों को परीक्षा में शामिल होने के लिए बेझिझक भेजें. इसी कड़ी में शुक्रवार को पेरेंट्स एसोसिएशन की पहल पर कई छात्र गणित विषय की परीक्षा में शामिल हुए. इसके अलावा जो भी छात्र एक विषय का परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उसके लिए अलग से उन्हें समय दिया जाएगा. बताते चलें कि इस मौके पर बलराम जायसवाल समेत कई पेरेंट्स मौजूद रहे.
कई निजी स्कूल सरकारी आदेश का कर रहे उल्लंघन
गौरतलब है कि जिले के कई ऐसे निजी स्कूल हैं, जो कोरोना काल के दौरान जारी राज्य सरकार के दिशा निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं. राज्य के निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया गया है, लेकिन कई स्कूल सरकारी आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. इस मामले को लेकर लगातार अभिभावक संघ चरणबद्ध तरीके से स्कूलों का निरीक्षण करेगी और जिन स्कूलों में सरकारी आदेश का उल्लंघन हो रहा है, उन पर सख्त कार्रवाई करने को लेकर सरकार से अपील भी करेगी.