खूंटीः जिले के रनिया में पांच नाबालिग आदिवासी लड़कियों के साथ हुई गैंगरेप की घटना पर सीडब्ल्यूसी ने संज्ञान लिया है. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष तनुश्री सरकार ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करने में अक्षम साबित हो रहे हैं. इस कारण जिले में लगातार समाज को शर्मसार करने वाली घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह नाबालिग लड़कियों के साथ किशोरों ने गैंगरेप किया है यह न केवल पुलिस प्रशासन के लिए चिंता का विषय है, बल्कि समाज के लोगों पर भी बड़ा सवाल है. तनुश्री सरकार ने रनिया और तोरपा थाना क्षेत्र में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर दुखद बताया है.
पॉक्सो एक्ट के तहत चल रही कानूनी प्रक्रिया
खूंटी बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष तनुश्री सरकार ने बताया कि पॉक्सो एक्ट की धारा 19 के तहत कानूनी प्रक्रिया की जा रही है और पुलिस ने 24 घंटे के अंदर पॉक्सो एक्ट के तहत बाल कल्याण समिति को जानकारी दी. साथ ही बाल कल्याण समिति ने स्वत: संज्ञान लेकर मामले की गंभीरता को समझा. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना काफी लज्जाजनक, दुखदायी और अफसोसजनक है. इस तरह की घटना से हमारे ऊपर भी सवाल उठते हैं. कहीं न कहीं हम सभी प्रशासनिक पदाधिकारी अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन करने में अक्षम साबित हो रहे हैं.
गैंगरेप की घटना से समाज और प्रशासन लज्जित
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने में हमलोग नाकामयाब रहे हैं. हमें और काम करने की जरूरत है. तनुश्री सरकार ने कहा कि जिन लोगों के द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है वे भी इसी समाज के हैं और नाबालिग हैं. उनपर अब कानूनी प्रक्रियाएं चलेगी. उन्हें शायद अपने कृत्यों को लेकर अफसोस नहीं होगा, लेकिन उनके कृत्यों के लिए हमारा समाज, प्रशासन लज्जित हुआ है. उन्हें जेजे एक्ट के तहत कानूनी प्रक्रियाओं में जाना होगा.
विकृत मानसिकता को बदलने की जरूरत
उन्होंने कहा कि ऐसी विकृत मानसिकता को सिर्फ प्रशासन की पहल से बदला नहीं जा सकता है, बल्कि इसके लिए समाज के लोगों को भी आगे आना होगा. स्कूलों में जागरुकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत है. साथ ही ग्रामीणों और अभिभावकों को भी ऐसे अपराधों के खिलाफ सजग रहने की जरूरत है.
नशे पर नकेल कसने की जरूरत
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष तनुश्री सरकार ने कहा कि खूंटी जिले में वर्षों से अफीम की खेती की जा रही है. शराब और हड़िया का सेवन बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी करते हैं. नशापान से हमारे समाज में आपराधिक और नकारात्मक गतिविधियां बढ़ी हैं. समाज को नशामुक्त बनाकर ही दुष्कर्म जैसे घृणित वारदातों पर अंकुश लगाया जा सकता है.
नशामुक्त गांव-समाज बनेगा तो नाबालिगों द्वारा किए जाने वाले कुकृत्यों में कमी आएगी और सुधार आएगा. नशामुक्ति के लिए अभियान चलाना होगा. यह सिर्फ प्रशासन द्वारा नहीं होगा, बल्कि समाज को भी इसपर चिंतन करने की आवश्यकता है. बच्चे नशे में होते हैं. अभिभावक भी नशा करते हैं. ऐसे में हम हमारे बच्चों को सही रास्ता नहीं दिखा सकते. माता-पिता जिम्मेवार होंगे तो समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा.
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