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तेलंगाना सुरंग हादसा: झारखंड के मजदूरों के परिजन मौक पर पहुंचे, सभी के सुरक्षित वापसी की जताई उम्मीद - TELANGANA TUNNEL ACCIDENT

तेलंगाना के एसएलबीसी सुरंग हादसे में फंसे झारखंड के मजदूरों के परिजन श्रीशैलम पहुंच चुके हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके परिजन सही सलामत होंगे.

TELANGANA TUNNEL ACCIDENT
एसएलबीसी सुरंग (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 25, 2025, 9:56 PM IST

हैदराबाद: एसएलबीसी सुरंग में फंसे झारखंड के चार मजदूरों के परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. प्रशासन ने उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी है. फंसे हुए मजदूर संदीप साहू, जगदा जेस, संतोष साहू और अंजू साहू के परिजन एसएलबीसी पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें हादसे के दिन ही सूचना दे दी गई थी. जिला प्रशासन उन्हें लेकर श्रीशैलम पहुंचा है. मजदूरों के परिजनों को उम्मीद है कि उनके अपनों को लेकर वापस लौट आएंगे. ईटीवी भारत के संवाददाता स्वामी किरण ने मजदूरों के परिजनों से बातचीत की.

श्रीशैलम की सुरंग में फंसे 8 लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान तेज हो गया है. पानी और कीचड़ जैसी बाधाओं के बीच सरकार वैकल्पिक रास्ते तलाश रही है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और एनजीआरआई ने ऊपर या किनारे से सुरंग में प्रवेश की संभावना पर विशेषज्ञ की मदद भी मांगी है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर बचावकर्मी आगे बढ़ रहे हैं. इसके अलावा भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ प्रायोगिक तौर पर दुर्घटना स्थल पर पहुंचने की कोशिश करेगी.

झारखंड के मजदूरों के परिजनों का बयान (ईटीवी भारत)

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय नौसेना, भारतीय सेना, हाइड्रा और रैट होल माइनर्स सहित कई सहायता टीमें श्रीशैलम बाएं तट नहर सुरंग मार्ग में लक्ष्य क्षेत्र तक पहुंचने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं, जहां 8 लोग फंसे हुए हैं. अभी तक राहत टीमें साढ़े तेरह किलोमीटर तक ही पहुंच पाईं हैं. रैट माइनर्स की टीम ने बताया कि बांस की बल्लियों और थर्माकोल की चादरों से वहां जाने की कोशिश की जा रही है. जहां पर हादसा हुआ है वहां करीब छह फीट की ऊंचाई तक मोटी मिट्टी जमा हो गई. उस बैरियर को पार करने के बाद ही हादसे में शामिल टीबीएम के अगले हिस्से और उसमें फंसे 8 लोगों तक पहुंचा जा सकेगा. रैट माइनर्स की टीम टनल में 40 मीटर तक ही आगे पहुंच सके.

घटनास्थल पर बचाव कर्मी से बात करते संवाददाता स्वामी किरण (ईटीवी भारत)

सुरंग में फंसे झारखंड के चार मजदूर संदीप साहू, जगदा जेस, संतोष साहू, अंजू साहू के परिजन भी एसएलबीसी पहुंचे. उन्होंने कहा कि उन्हें हादसे के दिन ही सूचना मिल गयी थी और जिला प्रशासन सारा खर्च वहन करते हुए उन्हें यहां ले आया. उन्होंने चल रहे राहत प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 17 दिनों के बाद 41 लोगों को सुरक्षित बचाया गया था. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगर बचाव अभियान सफल रहा तो उनके परिवार के सदस्य भी जीवित बच जाएंगे.

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हैदराबाद: एसएलबीसी सुरंग में फंसे झारखंड के चार मजदूरों के परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. प्रशासन ने उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी है. फंसे हुए मजदूर संदीप साहू, जगदा जेस, संतोष साहू और अंजू साहू के परिजन एसएलबीसी पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें हादसे के दिन ही सूचना दे दी गई थी. जिला प्रशासन उन्हें लेकर श्रीशैलम पहुंचा है. मजदूरों के परिजनों को उम्मीद है कि उनके अपनों को लेकर वापस लौट आएंगे. ईटीवी भारत के संवाददाता स्वामी किरण ने मजदूरों के परिजनों से बातचीत की.

श्रीशैलम की सुरंग में फंसे 8 लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान तेज हो गया है. पानी और कीचड़ जैसी बाधाओं के बीच सरकार वैकल्पिक रास्ते तलाश रही है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और एनजीआरआई ने ऊपर या किनारे से सुरंग में प्रवेश की संभावना पर विशेषज्ञ की मदद भी मांगी है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर बचावकर्मी आगे बढ़ रहे हैं. इसके अलावा भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ प्रायोगिक तौर पर दुर्घटना स्थल पर पहुंचने की कोशिश करेगी.

झारखंड के मजदूरों के परिजनों का बयान (ईटीवी भारत)

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय नौसेना, भारतीय सेना, हाइड्रा और रैट होल माइनर्स सहित कई सहायता टीमें श्रीशैलम बाएं तट नहर सुरंग मार्ग में लक्ष्य क्षेत्र तक पहुंचने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं, जहां 8 लोग फंसे हुए हैं. अभी तक राहत टीमें साढ़े तेरह किलोमीटर तक ही पहुंच पाईं हैं. रैट माइनर्स की टीम ने बताया कि बांस की बल्लियों और थर्माकोल की चादरों से वहां जाने की कोशिश की जा रही है. जहां पर हादसा हुआ है वहां करीब छह फीट की ऊंचाई तक मोटी मिट्टी जमा हो गई. उस बैरियर को पार करने के बाद ही हादसे में शामिल टीबीएम के अगले हिस्से और उसमें फंसे 8 लोगों तक पहुंचा जा सकेगा. रैट माइनर्स की टीम टनल में 40 मीटर तक ही आगे पहुंच सके.

घटनास्थल पर बचाव कर्मी से बात करते संवाददाता स्वामी किरण (ईटीवी भारत)

सुरंग में फंसे झारखंड के चार मजदूर संदीप साहू, जगदा जेस, संतोष साहू, अंजू साहू के परिजन भी एसएलबीसी पहुंचे. उन्होंने कहा कि उन्हें हादसे के दिन ही सूचना मिल गयी थी और जिला प्रशासन सारा खर्च वहन करते हुए उन्हें यहां ले आया. उन्होंने चल रहे राहत प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 17 दिनों के बाद 41 लोगों को सुरक्षित बचाया गया था. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगर बचाव अभियान सफल रहा तो उनके परिवार के सदस्य भी जीवित बच जाएंगे.

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