किन्नौर के शलखर गांव में बाढ़ से तबाही का मंजर, फसलें तबाह, हालात असामान्य
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जिला किन्नौर के शुष्क क्षेत्रों में से एक शलखर गांव जिसकी आबादी करीब 500 के आसपास है और यह क्षेत्र अपने ऑर्गेनिक सेब व मटर की फसल के लिए देशभर मे जाना जाता है. लेकिन शलखर गांव में इस वर्ष आई बाढ़ से (flood in Shalakhar) लाखों की संपदा व नकदी फसल मिट्टी में मिल गई. कहते हैं कि मिट्टी, फसल उगाकर किसानों बागवानों की जिंदगी सवांरती है. लेकिन बाढ़ के साथ मलबे के रूप में आई मिट्टी ने नकदी फसलों को अपनी चपेट में ले लिया है. इस साल इस गांव में 2 से 3 बार बाढ़ आ गई है. बीते कल भी इस गांव में हल्की बारिश के बाद पहाड़ों पर बादल फटे और गांव की दोबारा लौट रही सुख शांति पर ग्रहण लगा दिया. एक बार फिर से इस गांव को तबाही (Cloudburst in Shalakhar village of Kinnaur) का रूप देखना पड़ा है. लगातार दो दिनों से ग्रामीण मकानों व खेतों से मलबा हटाने का काम कर रहे हैं. लेकिन मलबा इतना अधिक है कि किसानों व बागवानों को मलबा हटाने में कई दिन लग सकते हैं. वहीं, प्रशासन व बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की ओर से सड़कों से मलबा हटाने का काम जारी है, ताकि नेशनल हाइवे को खोला जा सके.