पंचायत व्यवस्था से विकास की इबारत लिख रहा ग्रामीण भारत, 46 सालों बाद पूरा हुआ था सपना - पंचायती राज
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1947 में गुलामी की बेड़ियों से तो मुल्क आजाद हो गया, लेकिन आजादी के बाद देश के हर तबके तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी सबसे पहली और बड़ी चुनौती थी. आजादी के बाद भारत में संसाधन सीमित थे. ऐसे में हर व्यक्ति की आवाज सरकार तक पहुंचनी मुश्किल थी. ऐसे में भारत के पहले प्रधानंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी ने देश में पंचायती राज व्यवस्था का सपना देखा था.