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निजी बस ऑपरेटर्स ने बसें चलाने से हाथ किये खड़े, नहीं मिल रही सवारियां - Una news

सरकार ने बसों में सौ प्रतिशत सवारी बिठाने की बात कही है. ऐसे में कोरोना और ज्यादा फैल सकता है. इसके चलते निजी बस ऑपरेटर्स ने सरकार को 100 फीसदी सवारियां बिठाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है.

Una Bus Stand
ऊना बस स्टैंड
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Published : Jun 29, 2020, 6:40 PM IST

ऊना: सरकार के बसों में सौ फीसदी सवारियां बिठाने की परमिशन मिलने के बावजूद भी निजी बस ऑपरेटर्स अभी भी बसें चलाने के हित में नहीं है. इसके कारण प्राइवेट बस न चलने के कारण ऊना बस अड्डा सुनसान पड़ा है.

ट्रांसपोर्टर्स के अनुसार कोरोना काल के चलते सवारियां नहीं मिल रही है. ऐसे में उन्हें निजी बसें चलाने पर नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के भय से लोग बसों में सफर करने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में सवारियों के न आने से निजी बस ऑपरेटरों को नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकारी बसों को बहुत कम यात्री मिल रहे हैं. ऐसे में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को यात्री कैसे मिलेंगे. ऐसे में बस चालक व परिचालक की सैलरी और अन्य किश्तें देने में असमर्थ हैं.

वीडियो

निजी बस ऑपरेटर्स के राज्य संघ के अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि सरकार ने बसों में सौ प्रतिशत सवारी बिठाने की बात कही है. ऐसे में कोरोना और ज्यादा फैल सकता है. इसके चलते निजी बस ऑपरेटर्स ने सरकार को 100 फीसदी सवारियां बिठाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है.

वहीं, डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा है कि निजी बसों की कुछ मांगों का मामला सरकार के पास है और इस पर सरकार ही फैसला लेगी.

ये भी पढ़ें: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ महिला कांग्रेस ने डीसी ऑफिस के बाहर किया धरना प्रदर्शन

ये भी पढ़ें: नागरिक सभा ने MC शिमला के खिलाफ खोला मोर्चा, 'भारी भरकम बिल और टैक्स थोप रहा नगर निगम'

ऊना: सरकार के बसों में सौ फीसदी सवारियां बिठाने की परमिशन मिलने के बावजूद भी निजी बस ऑपरेटर्स अभी भी बसें चलाने के हित में नहीं है. इसके कारण प्राइवेट बस न चलने के कारण ऊना बस अड्डा सुनसान पड़ा है.

ट्रांसपोर्टर्स के अनुसार कोरोना काल के चलते सवारियां नहीं मिल रही है. ऐसे में उन्हें निजी बसें चलाने पर नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के भय से लोग बसों में सफर करने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में सवारियों के न आने से निजी बस ऑपरेटरों को नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकारी बसों को बहुत कम यात्री मिल रहे हैं. ऐसे में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को यात्री कैसे मिलेंगे. ऐसे में बस चालक व परिचालक की सैलरी और अन्य किश्तें देने में असमर्थ हैं.

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निजी बस ऑपरेटर्स के राज्य संघ के अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि सरकार ने बसों में सौ प्रतिशत सवारी बिठाने की बात कही है. ऐसे में कोरोना और ज्यादा फैल सकता है. इसके चलते निजी बस ऑपरेटर्स ने सरकार को 100 फीसदी सवारियां बिठाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है.

वहीं, डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा है कि निजी बसों की कुछ मांगों का मामला सरकार के पास है और इस पर सरकार ही फैसला लेगी.

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