सोलन: एशिया की 45 फीसदी दवा निर्यात करने वाले हिमाचल के फार्मा उद्योगों की दवाएं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के जारी होने वाले ड्रग अलर्ट में फेल हो रही हैं. मई के ड्रग अलर्ट में देशभर की फेल 25 दवाओं में से हिमाचल के फार्मा उद्योगों की 6 दवाएं इसमें शामिल हैं. इनमें औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की 4, परवाणु और सिरमौर की एक-एक उद्योग की दवा है.
फेल दवाओं में मेडिपोल फार्मास्यूटिकल भुड्ड बद्दी की अलप्राजोलम, मोरपैन लैबोरेट्रीज सेक्टर-2 परवाणू की रि-जर्मीना, बे-बेरी फार्मास्यूटिकल हिमुडा इंडस्ट्रियल एरिया भटौलीकलां की एटोरफर्स्ट-10, यूनिटल फार्मेशन ईपीआईपी फेस-1 झाड़माजरी बद्दी की डेक्सामैथासोन इंजेक्शन, एसबीएस बायोटेक मौजा रामपुरा जट्टां नाहन रोड कालाअंब सिरमौर की लेवेटाईरोसीटाम, नूतन फार्मास्यूटिकल टिपरा बरोटीवाला की सेफपोडॉक्सीम दवा शामिल है.
ये दवाएं जीएबीए की क्रिया को बढ़ाकर नींद को सामान्य करने, संक्रामक व जीवाणुनाशक संबंधित दस्त, लिपोप्रोटीन या खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने, श्वास रोग, मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं की असामान्य व अत्यधिक गतिविधियों को नियंत्रित करके दौरे व मिर्गी नियंत्रित करने में इस्तेमाल होती हैं. सहायक राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि उद्योगों को नोटिस जारी कर फेल सैंपलों के बैच मार्केट से हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
बता दें कि बद्दी एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है. यहां से देश के कोने-कोने के साथ विदेश में दवाओं का निर्यात होता है. यहां पर बनाई जाने वाली 58 प्रतिशत फार्मा उत्पादाें का निर्यात किया जाता है. यहां पर इस सेक्टर में 35000 कराेड़ के उत्पाद तैयार किए जाते है. इसमें 86 प्रतिशत फार्मा यूनिट एमएसएमई सेक्टर में है. बद्दी में सरकार फार्मा उद्योग के लिए बल्क ड्रग पार्क बनाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में अब 6 दवाओं समेत देशभर में 25 सैंपल फेल होना अपने आप में एक बड़ा सवाल है.