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Nahan Assembly Seat: नाहन सीट से बिंदल लगाएंगे जीत की हैट्रिक ? या अजय सोलंकी मारेंगे बाजी? - who is Ajay Solanki

हिमाचल में 14वीं विधानसभा के लिए 12 नवंबर को वोटिंग हो चुकी है. अब 8 दिसंबर को नजीते आने हैं. नाहन विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां इस बार 81.45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी और भाजपा से डॉ. राजीव बिंदल चुनावी समर में हैं. (Nahan Assembly Constituency) (Himachal Pradesh elections result 2022)

Nahan Assembly Seat
नाहन विधानसभा सीट
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Published : Nov 18, 2022, 1:42 PM IST

नाहन: सिरमौर जिले की नाहन विधानसभा सीट लगातार तीसरी बार हॉट सीट बनी हुई है. यहां पर सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है. हिमाचल भाजपा के चाणक्य मानें जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. राजीव बिंदल यहां से लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. वहीं, कांग्रेस ने अजय सोलंकी को चुनाव में उतारा है. सोलंकी ने 2017 के चुनाव में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था जिसमें वह हार गए थे. 2 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार नाहन विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार 81.45 प्रतिशत मतदान रहा. ऐसे में अब जनता ने किस प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है ये तो 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. (Nahan Assembly Seat) (Congress and BJP Candidate in Nahan)

कौन है भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल- भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल अब तक 5 बार विधायक रहे चुके हैं. तीन मर्तबा सोलन व 2 बार नाहन से विधायक चुने गए. अब वह लगातार छठी बार चुनावी मैदान में हैं. 12 जनवरी 1955 को वैद्य बालमुकंद के घर में जन्में डॉ. राजीव बिंदल का जन्म सोलन में हुआ था. 2012 में सोलन से नाहन आए डॉ. बिंदल की शैक्षणिक योग्यता जीएएमएस (आयुर्वेदाचार्य) है. 67 वर्षीय डॉ. बिंदल के पिता स्व. वैद्य बालमुकंद भी क्षेत्र के जाने माने वैद्य एवं समाजसेवी रहे. आयुर्वेद व युनानी-चिकित्सा पद्धति के माध्यम से लाखों रोगियों को लाभ पहुंचाने वाले, अपने समय के श्रेष्ठ चिकित्सक रह चुके हैं.

डॉ. बिंदल को हिमाचल भाजपा में चाणक्य के तौर पर जाना जाता है. वह धूमल सरकार में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उनके नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं. चुनावी मैनेजमेंट के लिए भी पार्टी में उनकी एक अलग पहचान है. यही वजह है कि उन्हें न केवल हिमाचल बल्कि अन्य कई राज्यों में भी चुनावी प्रचार में अहम जिम्मेदारियां सौंपी जाती रही हैं. राजनीतिज्ञों की मानें तो बिंदल की खास बात यह है कि प्रतिदिन कोई भी समय हो, वह एक्टिव मोड़ में देखे जा सकते हैं. यहीं कुछ वजह है, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है. (who is Rajeev Bindal) (Himachal Pradesh elections result 2022)

राजीव बिंदल के पास है इतनी संपत्ति- इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग को सौंपे शपथ पत्र के मुताबिक डॉ. राजीव बिंदल 4.35 करोड़ की अचल संपत्ति के मालिक हैं. उनके पास 60 हजार कैश है. इसके अलावा बैंक डिपोजिट, एफडीआर, एलआईसी, गाड़ी और जेवरात की कीमत 93 लाख 93 हजार 783 रूपए है. जबकि डॉ. बिंदल पर 15 लाख 90 हजार 845 रूपए की देनदारियां हैं. इससे पहले वर्ष 2017 में उनके पास चल संपत्ति 80 लाख व अचल संपत्ति 4 करोड़ रूपए थी. (Voting in Nahan) (Rajeev Bindal VS Ajay Solanki)

कौन है कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी- कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी को 2022 में पार्टी ने लगातार दूसरी बार नाहन सीट से चुनावी मैदान में उतारा हैं. हालांकि वह पिछला चुनाव हार गए थे. 1971 में मदन पाल सिंह के घर में पैदा हुए अजय सोलंकी ने बीए प्रथम वर्ष तक की शिक्षा ग्रहण की है. 1991 में उन्होंने अपना राजनीतिक करियर छात्र संगठन एनएसएसयूआई से शुरू किया. 1992 से 1998 तक वह जिला यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे. (Candidate in Nahan) (who is Ajay Solanki)

2010 में सोलंकी को पार्टी ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव के पद की जिम्मेदारी सौंपी. 2013 से 2020 तक सोलंकी जिला सिरमौर कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं. 2021 से 2022 तक पार्टी ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वर्तमान में वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व नाहन से पार्टी के प्रत्याशी है. सोलंकी मिलनसार स्वभाव व तेजतर्रारी की वजह से क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. (Himachal Pradesh poll result) (Himachal Pradesh elections Exit Polls)

अजय सोलंकी के पास है इतनी संपत्ति- निर्वाचन आयोग को सौंपे शपथ पत्र के मुताबिक अजय सोंलकी के पास 50 हजार रूपए कैश है. जबकि 2 लाख 8 हजार 132 रूपए बैंक खाते व 29927 रूपए की एफडीआर भी उनके नाम हैं. इसके अलावा वह करीब 22 लाख रूपए की अचल संपत्ति के मालिक हैं. वहीं अजय सोलंकी पर कोई देनदारी नहीं है.

नाहन सीट पर 2022 में 81.45 प्रतिशत मतदान- 12 नवंबर को संपन्न हुई मतदान प्रक्रिया में सिरमौर जिला की पांच सीटों में से नाहन विधानसभा क्षेत्र मतदान प्रतिशतता में दूसरे नंबर पर रहा. इस चुनाव में यहां 81.45 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. नाहन विस में कुल 84545 मतदाता हैं, जिसमें 42936 पुरूष, 41607 महिला व 2 थर्ड जेंडर मतदान शामिल हैं. इस बार मतदान प्रक्रिया में कुल मतदाताओं में से 69121 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसमें एक थर्ड जेंडर के अलावा 35167 पुरूष व 33953 महिलाओं ने अपने मत डाले. फिलहाल भारतीय सेना के जवानों के पोस्टल बैलेट मत पत्र आना अभी शेष हैं. लिहाजा इस सीट पर मत प्रतिशतता 1 या 2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. इससे पहले 2017 के चुनाव में नाहन विधानसभा क्षेत्र में 82.61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.

ये रहे नाहन में स्टार प्रचारक- भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल के पक्ष में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, सांसद दीया कुमारी चुनावी प्रचार के लिए यहां पहुंचे थे. जबकि कांग्रेस की तरफ से मिश्रवाला में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ही जनसभा की. इसके अलावा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत केवल प्रैसवार्ता करने के लिए ही नाहन पहुंचे थे.

ये थे नाहन से जनता के मुद्दे- नाहन सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल पिछले 5 सालों में क्षेत्र में करवाए अभूतपूर्व विकास को लेकर चुनाव के दौरान जनता के बीच रहे, तो कांग्रेस प्रत्याशी विकास कार्यों को पूर्व की कांग्रेस सरकार की देन करार देते रहे. कांग्रेस चुनाव के लिए प्रदेश की जनता के लिए 10 गारंटियों के मुद्दे को भी यहां खूब भुनाते नजर आए. इसके अलावा हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के मामले में नाराज चल रहे गुर्जर समुदाय पर भी दोनों ही पार्टियों की नजरें टिकी रही.

हालांकि डॉ. बिंदल ने केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की जनसभा करवाकर गुर्जर समुदाय को उनके अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए आश्वास्त करने का प्रयास किया, तो वहीं इस समुदाय के वोट बैंक में सेंधमारी करने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम पार्टी आलाकमान को भेजा था. मगर उनका कालाअंब दौरा तय नहीं हुआ. पूरे चुनाव में मतदाता खुलकर कुछ नहीं बोले. अलबत्ता उन्होंने अपना फैंसला ईवीएम में बंद कर दिया है.

बिंदल छठी बार, तो सोलंकी दूसरी बार प्रत्याशी- भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल लगातार छठी मर्तबा विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं. नाहन से पहले वह तीन बार सोलन से विधायक रह चुके हैं. 2012 में डॉ. बिंदल सोलन से नाहन आए. इस सीट पर अब वह लगातार तीसरी बार पार्टी प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी लगातार दूसरी बार नाहन से डॉ. बिंदल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले चुनाव में सोलंकी को डॉ. राजीव बिंदल को शिकस्त मिली थी. (himachal assembly election 2022 result)

यह रहा अब तक का इतिहास- नाहन विधानसभा क्षेत्र के इतिहास पर एक नजर दौड़ाए तो हिमाचल प्रदेश के गठन से पहले टेरिटोरियल काउंसिल के जमाने में 1952, 1962 व 1967 में तपेंद्र सिंह ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 1957 में हितेंद्र सिंह ठाकुर यहां से विधायक बने. हिमाचल प्रदेश के गठन के बाद 1972 में सुंदर सिंह चौहान पहली बार यहां से विधायक चुने गए. 1977, 1982 व 1990 में श्यामा शर्मा, 1985 में कंवर अजय बहादुर सिंह, 1993, 1998 व 2007 में हिमाचल निर्माता के सपुत्र कुश परमार, 2003 में सदानंद चौहान यहां से विधायक रहे चुके हैं. इसके अलावा 2012 व 2017 में डॉ. राजीव बिंदल यहां से विधायक बने और 2022 में लगातार तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी के तौर पर हैट्रिक लगाने के मकसद से अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

70 सालों में अब तक नाहन सीट से 8 विधायक निर्वाचन हुए, जिसमें राजपूत, ब्राहमण व वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जनप्रतिनिधि ही चुने गए हैं. नाहन से सुंदर सिंह चौहान व श्यामा शर्मा जीतकर जहां राज्य मंत्री बने थे. 2017 में जयराम सरकार में डॉ. राजीव बिंदल विधानसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए. मगर कुछ ही समय बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपकर विधानसभा अध्यक्ष के पद से भारमुक्त कर दिया. हालांकि किन्हीं कारणों से कोरोना काल में डॉ. बिंदल को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था.

हिमाचल भाजपा के चाणक्य मानें जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. राजीव बिंदल यहां से लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. लिहाजा इस सीट पर भी चुनावी नतीजों के लिए सभी की नजरें टिकी हुई हैं. दरअसल हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के गृह जिले की नाहन सीट का इतिहास रोचक रहा है. अब तक यहां से कोई भी विधायक जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाया है. हिमाचल निर्माता के सपुत्र कुश परमार ही एकमात्र ऐसे विधायक रहे हैं, जो प्रदेश के गठन के बाद इस सीट पर तीन बार विधानसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. (Nahan Assembly Constituency)

लेकिन कुश परमार भी यहां से जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाए हैं. वहीं, प्रदेश के गठन से पहले तपेंद्र सिंह भी तीन बार विधायक रह चुके हैं. राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल गूंज रहा है कि क्या इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल के सर नाहन सीट से हैट्रिक लगाकर जीत का ताज सजेगा या फिर कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी बाजी मारकर इतिहास को बरकरार रखेंगे? अलबत्ता पिछले 70 सालों से यह सीट हैट्रिक का इंतजार कर रही हैं. (HP election 2022) (Himachal Pradesh Election news)

कुल मिलाकर नाहन सीट का इतिहास रोचक रहा है. इस सीट पर प्रत्याशियों का भाग्य यहां की जनता ईवीएम में कैद कर चुकी हैं. अब 8 दिसंबर को निकलने वाले चुनावी परिणाम ही यह तय करेंगे कि जनता नाहन से डॉ. राजीव बिंदल की हैट्रिक लगवाकर एक नया रिकार्ड बनाएगी या फिर अजय सोलंकी को विधानसभा में पहुंचाकर अब तक चल रहे राजनीति के इतिहास को बरकरार रखेगी. अलबत्ता दोनों के बीच यहां कांटे की टक्कर मानी जा रही है. (Himachal Pradesh Election date) (Himachal Pradesh Elections videos)

ये भी पढ़ें: Nalagarh Assembly Seat: नालागढ़ से BJP से लखविंदर सिंह राणा और कांग्रेस से हरदीप बावा में मुकाबला, दलबदल का दिखेगा असर

नाहन: सिरमौर जिले की नाहन विधानसभा सीट लगातार तीसरी बार हॉट सीट बनी हुई है. यहां पर सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है. हिमाचल भाजपा के चाणक्य मानें जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. राजीव बिंदल यहां से लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. वहीं, कांग्रेस ने अजय सोलंकी को चुनाव में उतारा है. सोलंकी ने 2017 के चुनाव में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था जिसमें वह हार गए थे. 2 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार नाहन विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार 81.45 प्रतिशत मतदान रहा. ऐसे में अब जनता ने किस प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है ये तो 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. (Nahan Assembly Seat) (Congress and BJP Candidate in Nahan)

कौन है भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल- भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल अब तक 5 बार विधायक रहे चुके हैं. तीन मर्तबा सोलन व 2 बार नाहन से विधायक चुने गए. अब वह लगातार छठी बार चुनावी मैदान में हैं. 12 जनवरी 1955 को वैद्य बालमुकंद के घर में जन्में डॉ. राजीव बिंदल का जन्म सोलन में हुआ था. 2012 में सोलन से नाहन आए डॉ. बिंदल की शैक्षणिक योग्यता जीएएमएस (आयुर्वेदाचार्य) है. 67 वर्षीय डॉ. बिंदल के पिता स्व. वैद्य बालमुकंद भी क्षेत्र के जाने माने वैद्य एवं समाजसेवी रहे. आयुर्वेद व युनानी-चिकित्सा पद्धति के माध्यम से लाखों रोगियों को लाभ पहुंचाने वाले, अपने समय के श्रेष्ठ चिकित्सक रह चुके हैं.

डॉ. बिंदल को हिमाचल भाजपा में चाणक्य के तौर पर जाना जाता है. वह धूमल सरकार में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उनके नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं. चुनावी मैनेजमेंट के लिए भी पार्टी में उनकी एक अलग पहचान है. यही वजह है कि उन्हें न केवल हिमाचल बल्कि अन्य कई राज्यों में भी चुनावी प्रचार में अहम जिम्मेदारियां सौंपी जाती रही हैं. राजनीतिज्ञों की मानें तो बिंदल की खास बात यह है कि प्रतिदिन कोई भी समय हो, वह एक्टिव मोड़ में देखे जा सकते हैं. यहीं कुछ वजह है, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है. (who is Rajeev Bindal) (Himachal Pradesh elections result 2022)

राजीव बिंदल के पास है इतनी संपत्ति- इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग को सौंपे शपथ पत्र के मुताबिक डॉ. राजीव बिंदल 4.35 करोड़ की अचल संपत्ति के मालिक हैं. उनके पास 60 हजार कैश है. इसके अलावा बैंक डिपोजिट, एफडीआर, एलआईसी, गाड़ी और जेवरात की कीमत 93 लाख 93 हजार 783 रूपए है. जबकि डॉ. बिंदल पर 15 लाख 90 हजार 845 रूपए की देनदारियां हैं. इससे पहले वर्ष 2017 में उनके पास चल संपत्ति 80 लाख व अचल संपत्ति 4 करोड़ रूपए थी. (Voting in Nahan) (Rajeev Bindal VS Ajay Solanki)

कौन है कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी- कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी को 2022 में पार्टी ने लगातार दूसरी बार नाहन सीट से चुनावी मैदान में उतारा हैं. हालांकि वह पिछला चुनाव हार गए थे. 1971 में मदन पाल सिंह के घर में पैदा हुए अजय सोलंकी ने बीए प्रथम वर्ष तक की शिक्षा ग्रहण की है. 1991 में उन्होंने अपना राजनीतिक करियर छात्र संगठन एनएसएसयूआई से शुरू किया. 1992 से 1998 तक वह जिला यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे. (Candidate in Nahan) (who is Ajay Solanki)

2010 में सोलंकी को पार्टी ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव के पद की जिम्मेदारी सौंपी. 2013 से 2020 तक सोलंकी जिला सिरमौर कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं. 2021 से 2022 तक पार्टी ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वर्तमान में वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व नाहन से पार्टी के प्रत्याशी है. सोलंकी मिलनसार स्वभाव व तेजतर्रारी की वजह से क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. (Himachal Pradesh poll result) (Himachal Pradesh elections Exit Polls)

अजय सोलंकी के पास है इतनी संपत्ति- निर्वाचन आयोग को सौंपे शपथ पत्र के मुताबिक अजय सोंलकी के पास 50 हजार रूपए कैश है. जबकि 2 लाख 8 हजार 132 रूपए बैंक खाते व 29927 रूपए की एफडीआर भी उनके नाम हैं. इसके अलावा वह करीब 22 लाख रूपए की अचल संपत्ति के मालिक हैं. वहीं अजय सोलंकी पर कोई देनदारी नहीं है.

नाहन सीट पर 2022 में 81.45 प्रतिशत मतदान- 12 नवंबर को संपन्न हुई मतदान प्रक्रिया में सिरमौर जिला की पांच सीटों में से नाहन विधानसभा क्षेत्र मतदान प्रतिशतता में दूसरे नंबर पर रहा. इस चुनाव में यहां 81.45 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. नाहन विस में कुल 84545 मतदाता हैं, जिसमें 42936 पुरूष, 41607 महिला व 2 थर्ड जेंडर मतदान शामिल हैं. इस बार मतदान प्रक्रिया में कुल मतदाताओं में से 69121 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसमें एक थर्ड जेंडर के अलावा 35167 पुरूष व 33953 महिलाओं ने अपने मत डाले. फिलहाल भारतीय सेना के जवानों के पोस्टल बैलेट मत पत्र आना अभी शेष हैं. लिहाजा इस सीट पर मत प्रतिशतता 1 या 2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. इससे पहले 2017 के चुनाव में नाहन विधानसभा क्षेत्र में 82.61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.

ये रहे नाहन में स्टार प्रचारक- भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल के पक्ष में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, सांसद दीया कुमारी चुनावी प्रचार के लिए यहां पहुंचे थे. जबकि कांग्रेस की तरफ से मिश्रवाला में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ही जनसभा की. इसके अलावा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत केवल प्रैसवार्ता करने के लिए ही नाहन पहुंचे थे.

ये थे नाहन से जनता के मुद्दे- नाहन सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल पिछले 5 सालों में क्षेत्र में करवाए अभूतपूर्व विकास को लेकर चुनाव के दौरान जनता के बीच रहे, तो कांग्रेस प्रत्याशी विकास कार्यों को पूर्व की कांग्रेस सरकार की देन करार देते रहे. कांग्रेस चुनाव के लिए प्रदेश की जनता के लिए 10 गारंटियों के मुद्दे को भी यहां खूब भुनाते नजर आए. इसके अलावा हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के मामले में नाराज चल रहे गुर्जर समुदाय पर भी दोनों ही पार्टियों की नजरें टिकी रही.

हालांकि डॉ. बिंदल ने केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की जनसभा करवाकर गुर्जर समुदाय को उनके अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए आश्वास्त करने का प्रयास किया, तो वहीं इस समुदाय के वोट बैंक में सेंधमारी करने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम पार्टी आलाकमान को भेजा था. मगर उनका कालाअंब दौरा तय नहीं हुआ. पूरे चुनाव में मतदाता खुलकर कुछ नहीं बोले. अलबत्ता उन्होंने अपना फैंसला ईवीएम में बंद कर दिया है.

बिंदल छठी बार, तो सोलंकी दूसरी बार प्रत्याशी- भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल लगातार छठी मर्तबा विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं. नाहन से पहले वह तीन बार सोलन से विधायक रह चुके हैं. 2012 में डॉ. बिंदल सोलन से नाहन आए. इस सीट पर अब वह लगातार तीसरी बार पार्टी प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी लगातार दूसरी बार नाहन से डॉ. बिंदल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले चुनाव में सोलंकी को डॉ. राजीव बिंदल को शिकस्त मिली थी. (himachal assembly election 2022 result)

यह रहा अब तक का इतिहास- नाहन विधानसभा क्षेत्र के इतिहास पर एक नजर दौड़ाए तो हिमाचल प्रदेश के गठन से पहले टेरिटोरियल काउंसिल के जमाने में 1952, 1962 व 1967 में तपेंद्र सिंह ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 1957 में हितेंद्र सिंह ठाकुर यहां से विधायक बने. हिमाचल प्रदेश के गठन के बाद 1972 में सुंदर सिंह चौहान पहली बार यहां से विधायक चुने गए. 1977, 1982 व 1990 में श्यामा शर्मा, 1985 में कंवर अजय बहादुर सिंह, 1993, 1998 व 2007 में हिमाचल निर्माता के सपुत्र कुश परमार, 2003 में सदानंद चौहान यहां से विधायक रहे चुके हैं. इसके अलावा 2012 व 2017 में डॉ. राजीव बिंदल यहां से विधायक बने और 2022 में लगातार तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी के तौर पर हैट्रिक लगाने के मकसद से अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

70 सालों में अब तक नाहन सीट से 8 विधायक निर्वाचन हुए, जिसमें राजपूत, ब्राहमण व वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जनप्रतिनिधि ही चुने गए हैं. नाहन से सुंदर सिंह चौहान व श्यामा शर्मा जीतकर जहां राज्य मंत्री बने थे. 2017 में जयराम सरकार में डॉ. राजीव बिंदल विधानसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए. मगर कुछ ही समय बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपकर विधानसभा अध्यक्ष के पद से भारमुक्त कर दिया. हालांकि किन्हीं कारणों से कोरोना काल में डॉ. बिंदल को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था.

हिमाचल भाजपा के चाणक्य मानें जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. राजीव बिंदल यहां से लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. लिहाजा इस सीट पर भी चुनावी नतीजों के लिए सभी की नजरें टिकी हुई हैं. दरअसल हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के गृह जिले की नाहन सीट का इतिहास रोचक रहा है. अब तक यहां से कोई भी विधायक जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाया है. हिमाचल निर्माता के सपुत्र कुश परमार ही एकमात्र ऐसे विधायक रहे हैं, जो प्रदेश के गठन के बाद इस सीट पर तीन बार विधानसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. (Nahan Assembly Constituency)

लेकिन कुश परमार भी यहां से जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाए हैं. वहीं, प्रदेश के गठन से पहले तपेंद्र सिंह भी तीन बार विधायक रह चुके हैं. राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल गूंज रहा है कि क्या इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल के सर नाहन सीट से हैट्रिक लगाकर जीत का ताज सजेगा या फिर कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी बाजी मारकर इतिहास को बरकरार रखेंगे? अलबत्ता पिछले 70 सालों से यह सीट हैट्रिक का इंतजार कर रही हैं. (HP election 2022) (Himachal Pradesh Election news)

कुल मिलाकर नाहन सीट का इतिहास रोचक रहा है. इस सीट पर प्रत्याशियों का भाग्य यहां की जनता ईवीएम में कैद कर चुकी हैं. अब 8 दिसंबर को निकलने वाले चुनावी परिणाम ही यह तय करेंगे कि जनता नाहन से डॉ. राजीव बिंदल की हैट्रिक लगवाकर एक नया रिकार्ड बनाएगी या फिर अजय सोलंकी को विधानसभा में पहुंचाकर अब तक चल रहे राजनीति के इतिहास को बरकरार रखेगी. अलबत्ता दोनों के बीच यहां कांटे की टक्कर मानी जा रही है. (Himachal Pradesh Election date) (Himachal Pradesh Elections videos)

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