शिमला: प्रदेश में भारी बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इस साल प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी हुई है. एक बार फिर सूबे में भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले कई सालों की तुलना में ज्यादा बर्फबारी हुई है. उन्होंने कहा कि हालांकि बर्फबारी से प्रदेश में नुकसान हुआ है लेकिन किसी भी तरह के जानी नुकसान की खबर नहीं है. सीएम ने कहा कि बर्फबारी से निपटने के लिए अधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं और एडवायजरी भी जारी कर दी गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांगी और लाहौल में ग्लेशियर गिरने से नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि घरों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा बर्फबारी से हुए नुकसान के आकलन के लिए समीक्षा बैठक कर ली गई है और प्रभावित क्षेत्रों में राशन पर्याप्त मात्रा में पहुंचाया गया है.
मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में 11 से 16 फरवरी तक बारिश और बर्फबारी की संभावना है. इस दौरान लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. बता दें कि भारी बर्फबारी के बाद लाहौल घाटी में ग्लेशियर गिरने से नुकसान हुआ है. घाटी के गोशाल गांव के पास ग्लेशियर गिरने से चार ढाबे और एक पुल तबाह हो गया. घाटी में कई जगहों पर ग्लेशियर गिरने से चंद्रा और भागा नदी का बहाव भी कई जगह रुक गया है. कई गांव का आपस से संपर्क भी कट गया है. केलांग कस्बे में कई दुकानें बर्फ के आगोश में समाई हैं और घाटी में पेयजल संकट गहरा गया है.
बिजली गुल, पानी के लिए लंबा सफर
लाहौल घाटी समेत कुल्लू, चंबा के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों को बर्फबारी के कारण समस्या का सामना करना पड़ रहा है. लाहौल के शिप्टिंग गांव के लोगों को करीब डेढ़ किमी दूर बरगुल गांव पहुंच कर पानी लाना पड़ रहा है. भारी बर्फबारी के कारण लाहौल के सभी गांव आपस में कट गए हैं. केलांग को छोड़ कर पूरी घाटी में फोन और इंटरनेट सेवा ठप है. बिजली गुल होने से केलांग स्थित दूरभाष केंद्र जनरेटर से चलाया जा रहा है. केलांग में सुबह 12 बजे से रात 11 बजे के बीच लोग फोन कर पा रहे हैं. घाटी के मलाणा गांव में बिजली-पानी की समस्या पैदा हो गई है.
बर्फबारी से 547 सड़कें बंद
बारिश और भारी बर्फबारी ने मंडी जोन की 225, शिमला जोन की 183 और कांगड़ा जोन की 136 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. सड़कों को बहाल करने के लिए पीडब्ल्यूडी कई जगहों पर करीब 355 मशीनरी का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी के कारण सड़कों को बहाल करने में परेशानी आ रही है.
बर्फबारी ने तोड़े दशकों के रिकॉर्ड
हिमाचल में हुई इस बार की बर्फबारी ने कई सालों के रिकॉर्ड तोड़े हैं. निचले क्षेत्रों के कई जगहों में कई सालों बाद बर्फबारी हुई है. मंडी जिला के घुमारवीं, सुंदरनगर में कई सालों बाद बर्फ के फाहे गिरे. इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों के निचले क्षेत्रों में बर्फबारी होने से ठंड बढ़ी हैं.
लोगों को घरों में रहने की हिदायत
हिमखंड गिरने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को घरों से दूर न जाने की हिदायत दी है. बीते एक माह में हिमाचल में सात बार भारी बर्फबारी हो चुकी है. बर्फबारी से प्रदेश की सड़कों को अब तक 146 करोड़ की क्षति पहुंची है. बीते दिनों में लाहौल घाटी में ग्लेशियर गिरने से 4 लोग दब गए थे, जिन्हें बाद में सुरक्षित निकाल लिया गया. रविवार को घाटी के गोशाल में हिमखंड गिरने से कई दुकानों को क्षति पहुंची है.
बर्फबारी से खिले बागबानों के चेहरे
इस साल हुई भारी बर्फबारी के बाद बागबानों के चेहरे पर रौनक देखने को मिल रही है. पिछले साल कम बर्फबारी से सेब की फसल अच्छी नहीं हुई थी, लेकिन इस बार अच्छी बर्फबारी ने बागबानों में उम्मीद जगाई है. निचले इलाकों में हुई बारिश और बर्फबारी किसानों के लिए मुसीबत बनकर आई है.