हैदराबाद: सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम, महाकुंभ 2025 को लेकर न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में उत्सुकता है. यह एक ऐसा आयोजन है जो आध्यात्मिकता, संस्कृति और मानव एकता का प्रतीक है. अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए, लोग इंटरनेट पर विभिन्न माध्यमों से महाकुंभ के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं. इस खोज में, महाकुंभ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh.gov.in/ एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में उभर रही है.
वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, 4 जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से अधिक लोगों ने इस वेबसाइट पर आकर महाकुंभ से संबंधित जानकारी प्राप्त की है. इन देशों में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत सभी महाद्वीपों के लोग शामिल हैं, जो इसकी वैश्विक अपील को दर्शाता है. यह मात्र एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह मानवता की अमूर्त विरासत का एक हिस्सा है, जिसमें दुनिया भर के लोग रुचि रखते हैं.
आंकड़े बताते हैं महाकुंभ की वैश्विक लोकप्रियता
वेबसाइट को संभालने वाली तकनीकी टीम के अनुसार, 4 जनवरी तक कुल 33 लाख 5 हजार 667 उपयोगकर्ता वेबसाइट पर आ चुके हैं. ये उपयोगकर्ता भारत सहित दुनिया के 183 देशों और 6206 शहरों से हैं, जिन्होंने इस पर काफी समय बिताया है। शीर्ष 5 देशों की बात करें, तो भारत पहले स्थान पर है, जिसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी जैसे देशों से भी लाखों लोग प्रतिदिन वेबसाइट पर आ रहे हैं।
एक डिजिटल महाकुंभ
उत्तर प्रदेश सरकार इस महाकुंभ को 'डिजिटल महाकुंभ' के रूप में प्रस्तुत कर रही है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जिनमें यह आधिकारिक वेबसाइट भी शामिल है, जिसका उद्घाटन 6 अक्टूबर 2024 को प्रयागराज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। वेबसाइट पर महाकुंभ से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी जैसे कि परंपराएं, महत्व, आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ किए गए अध्ययनों की जानकारी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, प्रमुख आकर्षण, स्नान पर्व, सुरक्षा निर्देश, कलाकृतियों, यात्रा और निवास, गैलरी और प्रयागराज के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई है।
महाकुंभ की ओर बढ़ती जिज्ञासा
वेबसाइट के शुभारंभ के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग इस पर आ रहे हैं, और जैसे-जैसे महाकुंभ की तिथि नजदीक आ रही है, उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह दर्शाता है कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करने वाला एक सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक अनुभव है। यह आयोजन न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें लोग एकजुट होकर आध्यात्मिकता और संस्कृति का जश्न मनाते हैं।
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