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धांधलियों पर डेढ़ साल बाद जागी जयराम सरकार, आयुर्वेद विभाग के तीन अधिकारी निलंबित

2017 में 66 संस्थानों में 82, 2018 में 18 व 2019 में 2 बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं. अभी तक कुल 102 मशीनें खरीदी गई हैं. पिछली सरकार के हेल्थ डायरेक्टर ने मशीन खरीद के आदेश दिए थे. अस्पतालों ने अलग-अलग रेट पर मशीनों की खरीददारी की थी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है.

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Published : Jun 29, 2019, 5:37 PM IST

Updated : Jun 29, 2019, 8:03 PM IST

फाइल फोटो

शिमला: आयुर्वेद विभाग में उपकरणों की खरीद में घोटाले के आरोप में प्रदेश सरकार ने तीन अधिकारी निलंबित कर दिया है. साथ ही साथ स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने मामले की जांच के भी निर्देश दिए हैं. बता दें कि जयराम सरकार ने कांगड़ा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से खरीदी गई बायोमेट्रिक मशीनों और आयुर्वेद विभाग में विभिन्न उपकरणों की खरीद में की गई धांधलियों की जांच के आदेश दे दिए हैं.

शनिवार को सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान परमार ने कहा कि बॉयोमीट्रिक मशीनों की खरीद में हुई अनियमितताओं की जांच को लेकर विशेष सचिव स्वास्थ्य निपुण जिंदल की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है. बायोमेट्रिक मशीनों की खरीद का टेंडर पिछली सरकार के समय हुआ था. अधिकतर मशीनों की खरीद भी पिछली सरकार के समय ही हुई है. मामले में दोषी कर्मचारियों, अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा.

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2017 में 66 संस्थानों में 82, 2018 में 18 व 2019 में 2 बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं. अभी तक कुल 102 मशीनें खरीदी गई हैं. पिछली सरकार के हेल्थ डायरेक्टर ने मशीन खरीद के आदेश दिए थे. अस्पतालों ने अलग-अलग रेट पर मशीनों की खरीददारी की थी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है. जांच कमेटी को 15 दिनों के अंदर तथ्यात्मक आधार पर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए है. जरूरी जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आयुर्वेदिक विभाग में खरीदी गई मशीनरी को लेकर खरीद कमेटी बनाई गई है. उसी कमेटी की मंजूरी के बाद ही मशीनरी की खरीद की गई है. अब जेम के माध्यम से ही मशीनों की खरीद की जाएगी.

शिमला: आयुर्वेद विभाग में उपकरणों की खरीद में घोटाले के आरोप में प्रदेश सरकार ने तीन अधिकारी निलंबित कर दिया है. साथ ही साथ स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने मामले की जांच के भी निर्देश दिए हैं. बता दें कि जयराम सरकार ने कांगड़ा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से खरीदी गई बायोमेट्रिक मशीनों और आयुर्वेद विभाग में विभिन्न उपकरणों की खरीद में की गई धांधलियों की जांच के आदेश दे दिए हैं.

शनिवार को सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान परमार ने कहा कि बॉयोमीट्रिक मशीनों की खरीद में हुई अनियमितताओं की जांच को लेकर विशेष सचिव स्वास्थ्य निपुण जिंदल की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है. बायोमेट्रिक मशीनों की खरीद का टेंडर पिछली सरकार के समय हुआ था. अधिकतर मशीनों की खरीद भी पिछली सरकार के समय ही हुई है. मामले में दोषी कर्मचारियों, अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा.

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2017 में 66 संस्थानों में 82, 2018 में 18 व 2019 में 2 बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं. अभी तक कुल 102 मशीनें खरीदी गई हैं. पिछली सरकार के हेल्थ डायरेक्टर ने मशीन खरीद के आदेश दिए थे. अस्पतालों ने अलग-अलग रेट पर मशीनों की खरीददारी की थी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है. जांच कमेटी को 15 दिनों के अंदर तथ्यात्मक आधार पर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए है. जरूरी जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आयुर्वेदिक विभाग में खरीदी गई मशीनरी को लेकर खरीद कमेटी बनाई गई है. उसी कमेटी की मंजूरी के बाद ही मशीनरी की खरीद की गई है. अब जेम के माध्यम से ही मशीनों की खरीद की जाएगी.

Intro:शिमला। जय राम सरकार ने कांगड़ा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से खरीदी गई बायोमेट्रिक मशीनों और आयुर्वेद विभाग में विभिन्न उपकरणों की खरीद में कि गई धांधलियों की जांच के आदेश दे दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बायोमेट्रिक मशीनों की खरीद में धांधली जिम्मा विशेष सचिव स्वास्थ्य निपुण जिंदल को दिया है। इसके अलावा आयुर्वेद विभाग में उपकरणों में खरीद घोटाले की जांच के लिए भी कमेटी गठित कि है।


Body:स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि बायोमेट्रिक मशीनों की खरीद का टेंडर पिछली सरकार के समय हुआ था और अधिकतर मशीनों कि खरीद भी पिछली सरकार के समय ही हुई है। लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।


विपिन परमार ने कहा कि कांगड़ा में महालक्ष्मी इंटरप्राइजेज से ही बॉयोमेट्रिक मशीन निवर्तमान सरकार के दौरान ख़रीदी गई। जिनमें रेट भी अलग अलग है। जिसकी जांच चल रही है 15 दिनों के अंदर तथ्यात्मक रिपोर्ट के आदेश दिए गए है। 2017 में 66 संस्थानों में 82 लगी 2018 में 18 व 19 में 2 मशीन लगी कुल 102 मशीन ख़रीदी गई है। पिछली सरकार के हेल्थ डायरेक्टर ने मशीन खरीद के आदेश दिए थे। जरूरी जांच के बाद दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

Conclusion:आयुर्वेदिक विभाग में ख़रीदी गई मशीनरी को लेकर ख़रीद कमेटी बनाई गई है। उसी कमेटी की मंजूरी के बाद ही मशीनरी की खरीद की गई है। अब जेम के माध्यम से ही खरीद की जाएगी। यदि कहीं ख़रीद में गड़बड़ी हुई है तो दोषियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जाएगी। आयुर्वेदिक विभाग में प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए गए है।
Last Updated : Jun 29, 2019, 8:03 PM IST
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