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शिमला रेप केसः 22वें दिन भी SIT के हाथ खाली, न गाड़ी ट्रेस न हुई कोई गिरफ्तारी - SIT

एसआईटी अभी तक न तो गाड़ी को ट्रेस कर पाई है और न ही अपहरण और रेप करने वाले आरोपियों का सुराग लगा पाई है. एसआईटी की जांच सिर्फ अभी तक पीड़िता के बयान में ही उलझ कर रह गई है. एसआईटी के लिए यही जांच का विषय बना हुआ है कि आखिर पीड़िता के बयान क्यों मेल नहीं खा रहे है.

साक्ष्य जुटाने में जुटी पुलिस (फाइल फोटो)
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Published : May 22, 2019, 7:57 PM IST

शिमलाः शिमला में युवती के अपहरण कर दुष्कर्म मामले की एसआईटी जांच फॉरैंसिक रिपोर्ट पर अटक गई है. एसआईटी को फॉरैंसिक लैब से आने वाली रिपोर्ट का इंतजार है, क्योंकि अभी तक की जांच में एसआईटी के हाथ ऐसा कोई सुराग नहीं लग पाया है, जिसके दम पर एसआईटी युवती के अपहरण कर दुष्कर्म की इस अनसुलझी पहेली को सुलझा सके.

police team
साक्ष्य जुटाने में जुटी पुलिस (फाइल फोटो)

पुलिस की जांच के लिए गठित एसआईटी का दावा है कि जब तक मौके से लिए गए साक्ष्य के चिकित्सा परीक्षण कर रिपोर्ट फॉरैंसिक लैब से नहीं आ जाती तब तक इस मामले में जांच को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, लेकिन फिर भी एसआईटी की जांच चल रही है. एसआईटी इस मामले में रोज शक के आधार पर संधिग्धों से पूछताछ कर रही है.

इसके अलावा सीडीआर, सीसीटीवी फुटेज और डंप विश्लेषण किया जा चुका है. पीड़ित की दिशा के अनुसार उसकी उपस्थिति में एक स्कैच तैयार किया गया था. पीड़िता द्वारा बताए अनुसार जिस व्यक्ति का स्कैच तैयार किया गया, उसकी तलाश अलग-अलग दिशाओं में टीमें भेजी गई.

पढ़ेंः ढाबा मालिक के शव की पुलिस ने सुलझाई गुत्थी, 2 युवक रिमांड पर

एसआईटी इस मामले में पीड़िता के दोस्तों और घटना के प्रासंगिक समय के दौरान मौके पर मौजूद 6 गवाहों के बयान भी दर्ज कर चुकी है.

एसआईटी प्रमुख परवीर ठाकुर का कहना है कि महिलाओं के प्रति अपराध की संवेदनशीलता को देखते हुए इस मामले में नियमित मीडिया ब्रीफ संभव नहीं है. दरअसल अभी तक एसआईटी युवती के अपहरण कर दुष्कर्म मामले की जांच में अंधेरे में ही तीर मार रही है. एसआईटी 22 दिन से जांच कर रही है, लेकिन एसआईटी जांच का नतीजा अभी तक शून्य ही है.

एसआईटी अभी तक न तो गाड़ी को ट्रेस कर पाई है और न ही अपहरण और रेप करने वाले आरोपियों का सुराग लगा पाई है. एसआईटी की जांच सिर्फ अभी तक पीड़िता के बयान में ही उलझ कर रह गई है. एसआईटी के लिए यही जांच का विषय बना हुआ है कि आखिर पीड़िता के बयान क्यों मेल नहीं खा रहे है.

पुलिस में दी गई शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बीते 28 अप्रैल देर रात को एक कार में सवार 3 अज्ञात आरोपियों ने शिव मंदिर के पास से उसका अपहरण किया और एक युवक ने उसके साथ दुराचार किया, फिर नगन अवस्था में उसे गाड़ी से बाहर धकेल कर आरोपी फरार हो गए, जबकि पुलिस जांच में यह सामने आया कि शिव मंदिर के पास से युवती का गाड़ी में अपहरण नहीं हुआ है. युवती सीसीटीवी फुटेज में शिव मंदिर से गाहन गांव तक पैदल चलती नजर आ रही है. सीसीटीवी फुटेज देखने पर शिव मंदिर के पास गाड़ी में पीड़िता के अपहरण का पुलिस की एसआईटी को भी साक्ष्य नहीं मिला है.

ये भी पढ़ेंः पालमपुर में फिल्माए गए शेरशाह के सीन, शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर आधारित है फिल्म

इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने 30 अप्रैल को इस पूरे मामले की जांच पड़ताल के लिए एसआईटी का गठन किया था.

बता दें कि हरियाणा की 19 वर्षीय युवती ने बीते 28 अप्रैल रविवार देर रात ढली पुलिस में शिकायत दी थी कि जब वह मॉल रोड से भट्टाकुफर अकेली जा रही थी, तब ढली टनल के आगे शिव मंदिर के पास अज्ञात कार सवारों ने उसका अपहरण किया. एक कार सवार ने उसके साथ दुष्कर्म भी किया. इसके बाद कार सवार उसे बाहर धकेल कर फरार हो गए. अंधेरा होने के कारण वह कार का रंग नहीं देख पाई. पीड़िता का यह भी आरोप था कि घटना से पहले रविवार शाम वह छेडखानी के एक अन्य मामले की शिकायत करने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी गई थी, लेकिन चौकी में तैनात पुलिस वालों ने उसकी शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया था.

मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट के बाद भी सरकार खामोश

लक्कड़ बाजार पुलिस चैकी पर पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं करने के मामले पर लगे कथित आरोपों की जांच के लिए सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे. सरकार की तरफ से दिए गए आदेशों में 24 घंटे के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था. सरकार का कहना था कि न्यायायिक जांच में अगर पुलिस कर्मी दोषी पाए जाते हैं तो दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में जाई जाएगी, लेकिन मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट के बाद भी सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है.

ये भी पढ़ेंः 'मोदी' कारीगर बना रहे लड्डू, BJP ने दिया 10 क्विंटल मिठाई का ऑर्डर

शिमलाः शिमला में युवती के अपहरण कर दुष्कर्म मामले की एसआईटी जांच फॉरैंसिक रिपोर्ट पर अटक गई है. एसआईटी को फॉरैंसिक लैब से आने वाली रिपोर्ट का इंतजार है, क्योंकि अभी तक की जांच में एसआईटी के हाथ ऐसा कोई सुराग नहीं लग पाया है, जिसके दम पर एसआईटी युवती के अपहरण कर दुष्कर्म की इस अनसुलझी पहेली को सुलझा सके.

police team
साक्ष्य जुटाने में जुटी पुलिस (फाइल फोटो)

पुलिस की जांच के लिए गठित एसआईटी का दावा है कि जब तक मौके से लिए गए साक्ष्य के चिकित्सा परीक्षण कर रिपोर्ट फॉरैंसिक लैब से नहीं आ जाती तब तक इस मामले में जांच को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, लेकिन फिर भी एसआईटी की जांच चल रही है. एसआईटी इस मामले में रोज शक के आधार पर संधिग्धों से पूछताछ कर रही है.

इसके अलावा सीडीआर, सीसीटीवी फुटेज और डंप विश्लेषण किया जा चुका है. पीड़ित की दिशा के अनुसार उसकी उपस्थिति में एक स्कैच तैयार किया गया था. पीड़िता द्वारा बताए अनुसार जिस व्यक्ति का स्कैच तैयार किया गया, उसकी तलाश अलग-अलग दिशाओं में टीमें भेजी गई.

पढ़ेंः ढाबा मालिक के शव की पुलिस ने सुलझाई गुत्थी, 2 युवक रिमांड पर

एसआईटी इस मामले में पीड़िता के दोस्तों और घटना के प्रासंगिक समय के दौरान मौके पर मौजूद 6 गवाहों के बयान भी दर्ज कर चुकी है.

एसआईटी प्रमुख परवीर ठाकुर का कहना है कि महिलाओं के प्रति अपराध की संवेदनशीलता को देखते हुए इस मामले में नियमित मीडिया ब्रीफ संभव नहीं है. दरअसल अभी तक एसआईटी युवती के अपहरण कर दुष्कर्म मामले की जांच में अंधेरे में ही तीर मार रही है. एसआईटी 22 दिन से जांच कर रही है, लेकिन एसआईटी जांच का नतीजा अभी तक शून्य ही है.

एसआईटी अभी तक न तो गाड़ी को ट्रेस कर पाई है और न ही अपहरण और रेप करने वाले आरोपियों का सुराग लगा पाई है. एसआईटी की जांच सिर्फ अभी तक पीड़िता के बयान में ही उलझ कर रह गई है. एसआईटी के लिए यही जांच का विषय बना हुआ है कि आखिर पीड़िता के बयान क्यों मेल नहीं खा रहे है.

पुलिस में दी गई शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बीते 28 अप्रैल देर रात को एक कार में सवार 3 अज्ञात आरोपियों ने शिव मंदिर के पास से उसका अपहरण किया और एक युवक ने उसके साथ दुराचार किया, फिर नगन अवस्था में उसे गाड़ी से बाहर धकेल कर आरोपी फरार हो गए, जबकि पुलिस जांच में यह सामने आया कि शिव मंदिर के पास से युवती का गाड़ी में अपहरण नहीं हुआ है. युवती सीसीटीवी फुटेज में शिव मंदिर से गाहन गांव तक पैदल चलती नजर आ रही है. सीसीटीवी फुटेज देखने पर शिव मंदिर के पास गाड़ी में पीड़िता के अपहरण का पुलिस की एसआईटी को भी साक्ष्य नहीं मिला है.

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इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने 30 अप्रैल को इस पूरे मामले की जांच पड़ताल के लिए एसआईटी का गठन किया था.

बता दें कि हरियाणा की 19 वर्षीय युवती ने बीते 28 अप्रैल रविवार देर रात ढली पुलिस में शिकायत दी थी कि जब वह मॉल रोड से भट्टाकुफर अकेली जा रही थी, तब ढली टनल के आगे शिव मंदिर के पास अज्ञात कार सवारों ने उसका अपहरण किया. एक कार सवार ने उसके साथ दुष्कर्म भी किया. इसके बाद कार सवार उसे बाहर धकेल कर फरार हो गए. अंधेरा होने के कारण वह कार का रंग नहीं देख पाई. पीड़िता का यह भी आरोप था कि घटना से पहले रविवार शाम वह छेडखानी के एक अन्य मामले की शिकायत करने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी गई थी, लेकिन चौकी में तैनात पुलिस वालों ने उसकी शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया था.

मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट के बाद भी सरकार खामोश

लक्कड़ बाजार पुलिस चैकी पर पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं करने के मामले पर लगे कथित आरोपों की जांच के लिए सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे. सरकार की तरफ से दिए गए आदेशों में 24 घंटे के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था. सरकार का कहना था कि न्यायायिक जांच में अगर पुलिस कर्मी दोषी पाए जाते हैं तो दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में जाई जाएगी, लेकिन मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट के बाद भी सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है.

ये भी पढ़ेंः 'मोदी' कारीगर बना रहे लड्डू, BJP ने दिया 10 क्विंटल मिठाई का ऑर्डर

Intro:
शिमला में युवती के अपहरण कर दुष्र्कम मामले की जांच फोरैसिक

रिपोर्ट पर अटकी


एसआईटी को फोरैसिक लैब से आने वाली रिपोर्ट का इंतजार,अभी

तक सुराग नही


फोरैसिक लैब से आनी है मौके पर से लिए गए साक्ष्य के चिकित्सा

परीक्षण कर रिपोर्ट


एसआईटी की 22 दिन की जांच का नतीजा शून्य ,न गाड़ी हुई ट्रेस

नही कोई गिर तारी

पीडि़ता के ब्यान नही खा रहे मेल अब तक इसी में ही उलझ कर रह

गई एसआईटी


शिमला.


शिमला में युवती के अपहरण कर

दुष्र्कम मामले की एसआईटी  जांच फोरैसिक रिपोर्ट पर अटक

गई है । एसआईटी को फोरैसिक लैब से आने वाली रिपोर्ट का

इंतजार है क्योकिअभी तक की जांच में एसआईटी के हाथ ऐसा

कोई सुराग नही लग पाया है जिसके दम पर एसआईटी युवती के

अपहरण कर दुष्र्कम की इस अनसुलझी पहेली को सुलझा सके । पुलिस

की जांच के लिए गठित एसआईटी का दावा है कि जब तक


मौके पर से लिए गए साक्ष्य के चिकित्सा परीक्षण कर रिपोर्ट

फोंरैसिक लैब से नही आ जाती तब तक इस मामले में जांच को आगे

नही बढ़ाया जा सकता । लेकिन फिर भी एसआईटी की जांच चल रही

है । एसआईटी इस मामले में रोज शक के आधार पर संधिगधो से

पुछताछ कर रही है । इसके अलावा सीडीआर, सीसीटीवी फुटेज और

डंप विश्लेषण किया जा चुका है । पीडि़त की दिशा के अनुसार उसकी

उपस्थिति में एक स्केच तैयार किया गया था। पीडि़ता द्वारा बताए अनुसार

जिस  व्यक्ति का स्कैच तैयार किया गया उसकी तलाश के लिए अलग.अलग

दिशाओं में टीमें भेजी गईं। एसआईटी इस मामले में पीडि़ता के

दोस्तों और घटना के प्रासंगिक समय के दौरान मौके पर मौजूद छह

गवाहों के ब्यान भी दर्ज कर चुकी है ।


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एसआईटी प्रमुख परवीर

ठाकुर का कहना है कि महिलाओं के प्रति अपराध की संवेदनशीलता

को देखते हुए इस मामले में  नियमित मीडिया ब्रीफ संभव नहीं है।


दरअसल अभी तक एसआईटी युवती के अपहरण कर दुष्र्कम मामले की

जांच में अंधेरे में ही तीर मार रही है । एसआईटी 22 दिन से

जांच कर रही है,लेकिन एसआईटी जांच का नतीजा अभी तक शून्य ही

है । एसआईटी अभी तक न तो गाड़ी को  ट्रेस कर पाई है और न

ही अपहरण और रेप करने वाले आरोपियो का सुराग लगा पाई

है । एसआईटी की जांच सिर्फ अभी तक पीडि़ता के ब्यान में ही उलझ

कर रह गई है । एसआईटी के लिए यही जांच का विषय बना हुआ

है कि आखिर पीडि़ता के ब्यान क्यो मेल नही खा रहे है । चूंकि

पुलिस में दी गई शिकायत में पीडि़ता ने आरोप लगाया था कि बीते 28

अपै्रल  देर रात को एक कार में सवार तीन अज्ञात आरोपियों ने

शिव मंदिर के पास से उसका अपहरण किया और एक युवक ने उसके साथ

दुराचार किया फिर नगन अवस्था में उसे गाड़ी से बाहर धकेल कर

आरोपी फरार हो गए। जबकि पुलिस जांच में यह सामने आया कि शिव

मंदिर के पास से युवती का गाड़ी में अपहरण नही हुआ है। क्योकि

युवती सीसीटीवी फुटेज में शिव मंदिर से गाहन गांव तक पैदल चलती

नजर आ रही है । सीसीटीवी फुटेज देखने पर शिव मंदिर के पास

गाड़ी में पीडि़ता के अपहरण का पुलिस की एसआईटी को भी साक्ष्य नहीं

मिला है। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने 30 अपै्रल

को इस पूरे मामले की जांच पड़ताल के लिए एसआईटी का गठन किया

था।


यहा बता दे कि  हरियाणा की 19 वर्षीय युवती ने बीते 28 अपै्रल

रविवार देर रात ढली पुलिस में शिकायत दी थी कि जब वह मॉल रोड से

भट्टाकुफर अकेली जा रही थी, तब ढली टनल के आगे शिव मंदिर के पास

अज्ञात कार सवारों ने उसका अपहरण किया। एक कार सवार ने उसके

साथ दुष्कर्म भी किया। इसके बाद कार सवार उसे बाहर धकेल कर

फरार हो गए। अंधेरा होने के कारण वह कार का रंग नहीं देख

पाई। पीडि़ता का यह भी आरोप था कि घटना से पहले रविवार शाम वह

छेडख़ानी के एक अन्य मामले की शिकायत करने लक्कड़ बाजार पुलिस

चौकी गई थी, लेकिन चौकी में तैनात पुलिस वालों ने उसकी शिकायत दर्ज

करने से इंकार कर दिया था।




बाक्स


मैजिस्टेटी जांच की रिपोर्ट के बाद भी सरकार खामोश




लक्कड़ बाजार पुलिस चैकी पर पीडि़़ता की एफआईआर दर्ज नहीं करने

के मामले पर लगे कथित आरोपो की जांच के लिए सरकार ने

मैजिस्टेटी जांच के आदेश दिए थे ।


Conclusion:सरकार की तरफ से दिए गए

आदेशो में 24 घंटे के भीतर जांच पुरी कर रिपोर्ट सौंपने

को कहा गया था । सरकार का कहना था कि न्यायायिक जांच में अगर

पुलिस कर्मी दोषी पाए जाते है तो दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई

अमल में जाई जाएगी,लेकिन मैजिस्टेटी जांच की रिपोर्ट के बाद भी

सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है ।



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