शिमला: जिला शिमला में हो रही बारिश ने शहर के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. परियोजनाओं में गाद (Silt) आने से पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है. बीते तीन दिन से कई क्षेत्रों में पानी की सप्लाई (Water Supply) दी जा रही ही. गिरी परियोजना (Giri Project) में गाद के चलते पम्पिंग नहीं हो पा रही है. लगातार हो रही बारिश के चलते पेयजल परियोजनाओं में गाद (Silt in Drinking Water Projects) आ गई है. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से पंपिग लगातार प्रभावित हो रही है.
जल परियोजनाओं में आई गाद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार को शहर में सिर्फ 27 एमएलडी पानी पहुंच पाया. ऐसे में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 20 एमएलडी की गुम्मा पेयजल योजना से बुधवार को महज 18 एमएलडी पानी ही शहर को मिल पाया, जबकि दूसरी मुख्य परियोजना गिरि से भी पानी की सप्लाई कम आई. जहां से सिर्फ 22 एमएलडी की जगह शहर को सिर्फ 7 एमएलडी पानी मिला.
बारिश के चलते जहां गिरि परियोजना में गाद की मात्रा 900 एनटीयू के पार पहुंच चुकी है, तो वहीं गुम्मा में भी 800 एनटीयू गाद आने के चलते पंपिग नहीं हो पाई. इसके अलावा बिलजी कट के चलते भी सप्लाई पर असर पड़ा है. बिजली न होने के चलते मंगलवार और बुधवार को गुम्मा से पानी पंप नहीं किया जा सका. जल निगम की मानें तो अगर बारिश का दौर ऐसे ही जारी रहा, तो शहर वासियों को आने वाले कुछ दिन पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ सकती है.
बुधवार को पानी की सप्लाई कम होने के आधे से ज्याद शहर में पानी की सप्लाई नहीं दी जा सकी. सिर्फ अस्पतालों और मुख्य दफ्तरों में ही बुधवार को सप्लाई दी गई. एसजेपीएनएल (शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड) के एजीएम हरमेश भाटिया ने बताया कि मंगलवार देर रात हुई बारिश के चलते शहर में सप्लाई प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि बारिश के चलते पिछले कुछ समय से सप्लाई पर असर पड़ा है. बारिश का दौर जारी रहा, तो आने वाले दिनों में पानी की सप्लाई पर काफी असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जल निगम लोगों को पानी देने का पूरा प्रयास कर रहा है और सप्लाई के शेड्यूल अभी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शहरवासियों को एक दिन छोड़कर ही सप्लाई दी जाएगी.
पेयजल सप्लाई में कट लगने से शहर के कई होटल कारोबारियों को दिक्कत झेलनी पड़ सकती है. सरकार की बंदिशें के बाद भी बीते वीकेंड शहर के ज्यादातर होटलों में पर्यटकों की ऑक्यूपेंसी ठीक रही. ऐसे में पानी की खपत भी ज्यादा है. वहीं, आने वाले वीकेंड पर भी शहर में कई पर्यटक पहुंचेगे. ऐसे में पानी की कमी से होटल कारोबारी परेशानी झेल सकते हैं. हालांकि, कंपनी सप्लाई देने पर पर्याप्त पानी देती है, लेकिन दो तीन दिन कट लगने से होटलों का स्टोरेज भी खत्म होने लगता है.
बता दें कि राजधानी शिमला में गिरी परियोजना से 7.92 एमएलडी पानी मिला है. गुम्मा परियोजना से 9.37 एमएलडी, चुरट परियोजना से 3.40 एमएलडी पानी और कोटी बरांडी परियोजना से 4.66 एमएलडी पानी मिला है. इसके अलावा सियोग परियोजना से 1.46, चैड़ परियोजना से 0.20 एमएलडी पानी मिला है. इन सभी परियोजनाओं से कुल 27.0 एमएलडी पानी ही शिमला को मिल पाया है.
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