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Shimla Landslide: अंग्रेजों के जमाने में बनी शिमला की इस ऐतिहासिक इमारत को भी खतरा, तिरपालों से ढका गया लॉन

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित ऐतिहासिक एडवांस स्टडी के भवन को भी अब खतरा पैदा हो गया है. हालांकि अभी मूल भवन में कहीं भी कोई ज्यादा बड़ी दरारें नहीं आई हैं. यदि इसके आगे वाले हिस्से मलबा गिरना शुरू हुआ तो आने वाले दिनों में इसके मूल भवन को भी खतरा पैदा होने की आशंका है. पढ़ें पूरी खबरें... (Shimla Landslide) (Indian Institute of Advanced Studies).

Himachal Disaster News
डिजाइन फोटो.
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Published : Aug 18, 2023, 8:11 PM IST

Updated : Aug 18, 2023, 9:51 PM IST

एसडीएम शिमला भानु गुप्ता जानकारी देते हुए.

शिमला: राजधानी शिमला में बने एडवांस स्टडी के भवन को भी अब खतरा पैदा हो गया है. एक तरफ यहां बादल फटने के बाद शिव मंदिर तक मलबा पहुंचा और 21 लोगों को अपने साथ ले गया. दूसरी तरफ जहां पर एडवांस्ड स्टडी की एंट्री का गेट है, वहां पर भी जमीन एक मीटर के लगभग धंस गई है. एडवांस स्टडी के भवन को बचाने के लिए इसके अधिकारियों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से लेकर जिला प्रशासन, नगर निगम शिमला और जिला पुलिस शिमला को पत्र लिखा है. इसमें साफ कहा है कि इस भवन पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. इसको बचाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.

हालांकि अभी मूल भवन में कहीं भी कोई ज्यादा बड़ी दरारें नहीं आई हैं. यदि इसके आगे वाले हिस्से मलबा गिरना शुरू हुआ तो आने वाले दिनों में इसके मूल भवन को भी खतरा पैदा होने की आशंका है. इसको बचाने के लिए लीपापोती का काम शुरू कर दिया है. कहीं सीमेंट से लेकर काम किया जा रहा है, तो कहीं दरारों को भरने का काम किया जा रहा है. इस बारिश में लीपापोती किस कदर ऐतिहासिक भवनों को बचाने में सफल रहती है,ये तो आने वाला समय ही तय करेगा. एडवांस स्टडी के प्रवक्ता अखिलेश पाठक ने कहा कि इस मसले को लेकर केंद्रीय मंत्रालय से लेकर स्थानीय प्रशासन को पत्र भेज दिया है. ये पत्र एडवांस स्टडी के सचिव मेहर चंद नेगी की ओर से भेजा गया है.

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एडवांस्ड स्टडीज परिसर में दरारें.

अंग्रेजी हकूमत के समय में तैयार किया गया था: इस भवन को अंग्रेजों के समय में तैयार किया गया था. इस भवन को बनाने का काम 1884 में शुरू हुआ था, 1888 में से बनाकर तैयार हुआ. अंग्रेजी हुकूमत में यहां पर तेरह वायसराय यहां पर रहे थे. इसके बाद 1947 से लेकर 1965 तक इसे राष्ट्रपति भवन बनाया गया. राष्ट्रपति भवन को 1965 यहां से बदल दिया, इसके बाद ही इस एडवांस स्टडी का नाम दिया गया. यहां पर देशभर के बड़े शोधार्थी आकर शोध करते हैं.

एडवांस स्टडी से ही शिव मंदिर को गया था मलबा: शिव मंदिर में जो कहर बरपा है, इसकी शुरूआत एडवांस्ड स्टडी के भवन के परिसर के पिछती तरफ से ही हुआ था. एडवांस स्टडीज के अधिकारियों का कहना है कि यहां पर बादल फटा और इसके साथ ही डंगे का एक हिस्सा इसके नीते को इसके साथ चला गया. कई पेड़, सड़कें व रास्ते इसके साथ नीचे चलते रहे. वहां रेलवे ट्रैक पर कुछ समय के लिए यह मलवा रुका और चंद लम्हों में रेलवे ट्रैक पर बने पुल को तोड़ते हुए मंदिर में पूजा करते लोगों को अपने साथ ले गया.

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तिरपाल से ढकी गई दरारें.

पांच से छह साल पहले हुई थी मरम्मत: पांच से छह साल पहले इस भवन के रखरखाव का काम आर्केलाजिक सर्वे आफ इंडिया ने किया था. इसकी मरम्मत भवन के अगली तरफ से की गई थी, अब फिर से ये धंसना शुरू हो गया है. जहां अब एक मीटर से ज्यादा भवन धंस गया है. इस भवन को बचाने का काम शुरू किया था, लेकिन अब इस बारिश के कर में यह काम भी ठीक नहीं पा रहा है

एडवांस स्टडी से भी कटेंगे तीन पेड़: एडवांस स्टडी में भी तीन पेड़ काटे जाने हैं. इसको लेकर एडवांस स्टडी की ओर से एसडीएम के पास आवेदन कर दिया है. अब वन विभाग की ओर से पूरी औपचारिकताएं करने के बाद ही इन तीन पेड़ों को काटा जा सके.

शुक्रवार को मौके का एसडीएम शिमला भानु गुप्ता ने जायजा लिया और बताया कि जमीन धंसने के साथ भवन के परिसर में भी दरारें आ गई हैं. जिसको लेकर नगर निगम शिमला को सूचित कर दिया गया है और विशेषज्ञ की टीम यहां का दौरा करेगी उसके बाद पता चलेगा कि भवन को कितना खतरा है. SDM ने बताया कि वाटर टैंक फटने की बात सामने आई थी जिसमें सच्चाई नहीं है. मौके पर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया है. बता दें कि 14 अगस्त को समरहिल में शिव मंदिर मलबे में दब गया था और इसमें अब तक 15 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं और लोगों के दबे होने की भी आशंका है. जिसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन भी जारी है. ये लैंडस्लाइड एडवांस स्टडी से हुआ था और वहां से भारी मलबा मंदिर पर आ गिरा था. इससे अब एडवांस स्टडी के भवन को खतरा पैदा हो गया हैं. परिसर में दरारें आने लगी हैं.

ये भी पढ़ें- Shimla Shiv Temple Landslide: मलबे में मिला एक और शव, पांचवें दिन भी रेस्क्यू जारी, अब तक 15 लाशें बरामद

एसडीएम शिमला भानु गुप्ता जानकारी देते हुए.

शिमला: राजधानी शिमला में बने एडवांस स्टडी के भवन को भी अब खतरा पैदा हो गया है. एक तरफ यहां बादल फटने के बाद शिव मंदिर तक मलबा पहुंचा और 21 लोगों को अपने साथ ले गया. दूसरी तरफ जहां पर एडवांस्ड स्टडी की एंट्री का गेट है, वहां पर भी जमीन एक मीटर के लगभग धंस गई है. एडवांस स्टडी के भवन को बचाने के लिए इसके अधिकारियों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से लेकर जिला प्रशासन, नगर निगम शिमला और जिला पुलिस शिमला को पत्र लिखा है. इसमें साफ कहा है कि इस भवन पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. इसको बचाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.

हालांकि अभी मूल भवन में कहीं भी कोई ज्यादा बड़ी दरारें नहीं आई हैं. यदि इसके आगे वाले हिस्से मलबा गिरना शुरू हुआ तो आने वाले दिनों में इसके मूल भवन को भी खतरा पैदा होने की आशंका है. इसको बचाने के लिए लीपापोती का काम शुरू कर दिया है. कहीं सीमेंट से लेकर काम किया जा रहा है, तो कहीं दरारों को भरने का काम किया जा रहा है. इस बारिश में लीपापोती किस कदर ऐतिहासिक भवनों को बचाने में सफल रहती है,ये तो आने वाला समय ही तय करेगा. एडवांस स्टडी के प्रवक्ता अखिलेश पाठक ने कहा कि इस मसले को लेकर केंद्रीय मंत्रालय से लेकर स्थानीय प्रशासन को पत्र भेज दिया है. ये पत्र एडवांस स्टडी के सचिव मेहर चंद नेगी की ओर से भेजा गया है.

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एडवांस्ड स्टडीज परिसर में दरारें.

अंग्रेजी हकूमत के समय में तैयार किया गया था: इस भवन को अंग्रेजों के समय में तैयार किया गया था. इस भवन को बनाने का काम 1884 में शुरू हुआ था, 1888 में से बनाकर तैयार हुआ. अंग्रेजी हुकूमत में यहां पर तेरह वायसराय यहां पर रहे थे. इसके बाद 1947 से लेकर 1965 तक इसे राष्ट्रपति भवन बनाया गया. राष्ट्रपति भवन को 1965 यहां से बदल दिया, इसके बाद ही इस एडवांस स्टडी का नाम दिया गया. यहां पर देशभर के बड़े शोधार्थी आकर शोध करते हैं.

एडवांस स्टडी से ही शिव मंदिर को गया था मलबा: शिव मंदिर में जो कहर बरपा है, इसकी शुरूआत एडवांस्ड स्टडी के भवन के परिसर के पिछती तरफ से ही हुआ था. एडवांस स्टडीज के अधिकारियों का कहना है कि यहां पर बादल फटा और इसके साथ ही डंगे का एक हिस्सा इसके नीते को इसके साथ चला गया. कई पेड़, सड़कें व रास्ते इसके साथ नीचे चलते रहे. वहां रेलवे ट्रैक पर कुछ समय के लिए यह मलवा रुका और चंद लम्हों में रेलवे ट्रैक पर बने पुल को तोड़ते हुए मंदिर में पूजा करते लोगों को अपने साथ ले गया.

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तिरपाल से ढकी गई दरारें.

पांच से छह साल पहले हुई थी मरम्मत: पांच से छह साल पहले इस भवन के रखरखाव का काम आर्केलाजिक सर्वे आफ इंडिया ने किया था. इसकी मरम्मत भवन के अगली तरफ से की गई थी, अब फिर से ये धंसना शुरू हो गया है. जहां अब एक मीटर से ज्यादा भवन धंस गया है. इस भवन को बचाने का काम शुरू किया था, लेकिन अब इस बारिश के कर में यह काम भी ठीक नहीं पा रहा है

एडवांस स्टडी से भी कटेंगे तीन पेड़: एडवांस स्टडी में भी तीन पेड़ काटे जाने हैं. इसको लेकर एडवांस स्टडी की ओर से एसडीएम के पास आवेदन कर दिया है. अब वन विभाग की ओर से पूरी औपचारिकताएं करने के बाद ही इन तीन पेड़ों को काटा जा सके.

शुक्रवार को मौके का एसडीएम शिमला भानु गुप्ता ने जायजा लिया और बताया कि जमीन धंसने के साथ भवन के परिसर में भी दरारें आ गई हैं. जिसको लेकर नगर निगम शिमला को सूचित कर दिया गया है और विशेषज्ञ की टीम यहां का दौरा करेगी उसके बाद पता चलेगा कि भवन को कितना खतरा है. SDM ने बताया कि वाटर टैंक फटने की बात सामने आई थी जिसमें सच्चाई नहीं है. मौके पर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया है. बता दें कि 14 अगस्त को समरहिल में शिव मंदिर मलबे में दब गया था और इसमें अब तक 15 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं और लोगों के दबे होने की भी आशंका है. जिसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन भी जारी है. ये लैंडस्लाइड एडवांस स्टडी से हुआ था और वहां से भारी मलबा मंदिर पर आ गिरा था. इससे अब एडवांस स्टडी के भवन को खतरा पैदा हो गया हैं. परिसर में दरारें आने लगी हैं.

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Last Updated : Aug 18, 2023, 9:51 PM IST
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