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मोदी सरकार से सुक्खू सरकार की पुकार, हिमाचल के हक के लिए साथ देंगे अब शांता कुमार - Shanan Project

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पड़ोसी राज्यों के साथ लंबित मामले केंद्र के सामने मामला उठा रही है और हिमाचल के हकों को वापस लाने की कोशिशों में लगी हुई है. जिसे लेकर अब पूर्व सीएम और भजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार का साथ भी सुक्खू सरकार को मिल गया है. शांता कुमार ने सीएम सुक्खू के प्रयासों की सराहना की है.

Shanta Kumar supports Sukhu Govt for Rights of Himachal.
हिमाचल के हितों के संघर्ष में सुक्खू सरकार को मिला शांता कुमार का साथ.
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Published : Jul 5, 2023, 7:45 PM IST

Updated : Jul 5, 2023, 9:05 PM IST

शिमला: पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा के साथ लंबित मसलों पर सुक्खू सरकार केंद्र के सामने मामला उठा रही है. शानन बिजलीघर व बिजली परियोजनाओं में रॉयल्टी के मसले पर सुक्खू सरकार को भाजपा नेता व पूर्व सीएम शांता कुमार का भी साथ मिल रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व सीएम व भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने हिमाचल के हितों की पैरवी करते हुए कहा कि वो राज्य के हक के लिए प्रदेश सरकार के साथ हैं.

सुक्खू सरकार को मिला शांता कुमार का साथ: पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा कि इस समय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल की कांग्रेस सरकार केंद्र से राज्य के हक को लेकर बात कर रही है. राज्य सरकार केंद्र से हिमाचल के हितों की रक्षा का आग्रह कर रही है. शांता कुमार ने कहा कि वे भी इसमें राज्य सरकार के साथ हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य ही है कि केंद्र की योजनाओं में हिमाचल प्रदेश को अपने हक नहीं मिले हैं.

दशकों से लड़ी जा रही हिमाचल के हकों की लड़ाई: उल्लेखनीय है कि हिमाचल सरकार चंडीगढ़ में हिस्सेदारी सहित बीबीएमबी परियोजनाओं में रॉयल्टी व जमीन के मुआवजे आदि के लिए दशकों से संघर्ष कर रही है. अब इस कड़ी में शानन बिजलीघर परियोजना भी शामिल हो गई है. मार्च 2024 में शानन प्रोजेक्ट की लीज अवधि पूरी होने जा रही है. राज्य सरकार इस बिजलीघर को पंजाब से वापिस लेकर हिमाचल को सौंपने में केंद्र की मदद का आग्रह कर रही है. इसी विषय पर शांता कुमार ने हिमाचल सरकार के प्रयासों की पैरवी की है और उनका साथ देने की बात कही है.

1977 में पहली बार उठा था हिमाचल के हकों का मामला: शांता कुमार ने कहा कि वर्ष 1977 में अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने केंद्र सरकार से बात की थी. केंद्र की मोरारजी सरकार से बात करने पर प्रधानमंत्री ने इस मामले में सहानुभूति प्रकट की और तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाया था. शांता कुमार ने बताया कि उस दौरान शानन प्रोजेक्ट व हिमाचल का 7.19 प्रतिशत अधिकार का मामला उठाया गया था. उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री ने एक कमेटी गठित करने का भरोसा दिया था. उस समय भी हिमाचल ने आग्रह किया था कि जब तक कमेटी नहीं बनती हमें तब तक अस्थाई रूप में बिजली का हिस्सा मिलना चाहिए. शांता कुमार के अनुसार तब हरियाणा के सीएम चौधरी देवीलाल ने इसका विरोध किया था, लेकिन पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल हिमाचल के समर्थन में थे. बादल के समर्थन के कारण ही ब्यास सतलुज परियोजना से हिमाचल प्रदेश को 15 मेगावाट बिजली मिलने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया था.

हिमाचल के हकों के लिए दिल्ली में किया था धरना: शांता कुमार ने बताया कि 1990 में दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर हिमाचल के अधिकार लेने के लिए उन्होंने फिर से संघर्ष किया था. तब पांच हजार जन प्रतिनिधि पंच पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्य, विधायक और सांसदों को लेकर दिल्ली तक ऐतिहासिक हिमाचल अधिकार यात्रा आयोजित की गई थी. दिल्ली में धरना भी दिया गया था. उस धरने में प्रदेश के नेताओं के साथ पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और कृष्ण लाल शर्मा विशेष रूप से साथ देने आए थे.

सुक्खू सरकार के संघर्ष में शामिल हुए शांता कुमार: शांता कुमार ने बताया कि हिमाचल को 15 मेगावाट बिजली वर्ष 2011 तक मिलती रही. यह सारा मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और अदालत ने हिमाचल की इस मांग को स्वीकार किया. साथ ही पहले का बचा हुआ बकाया देने का भी फैसला किया. अब सुक्खू सरकार इस मामले में काम कर रही है. उन्होंने हिमाचल के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे इस मामले में औपचारिकताएं पूरी करें और राज्य की बकाया धनराशि वापिस लेने का प्रयास करें. शांता कुमार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि 1978 और 1990 में हिमाचल के अधिकार के लिए जो संघर्ष शुरू किया गया था, उसके पूरा होने के अब आसार हैं. इसके लिए वे राज्य सरकार के साथ भरपूर सहयोग करेंगे.

ये भी पढ़ें: पूर्व CM के बयान पर बोले सीएम सुक्खू - शांता कुमार वरिष्ठ और अनुभवी नेता वह सब जानते हैं

ये भी पढ़ें: Shanan Power Project : 99 साल शानन प्रोजेक्ट का इंतजार, अब किसी भी कीमत पर 200 करोड़ सालाना कमाई वाली कामधेनु नहीं छोड़ेगी हिमाचल सरकार

ये भी पढे़ं: हिमाचल के हक पर पड़ोसी राज्यों की कुंडली, क्या अदालत की चौखट पर पहुंचेगा पंजाब के साथ जुड़ा शानन प्रोजेक्ट मामला?

शिमला: पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा के साथ लंबित मसलों पर सुक्खू सरकार केंद्र के सामने मामला उठा रही है. शानन बिजलीघर व बिजली परियोजनाओं में रॉयल्टी के मसले पर सुक्खू सरकार को भाजपा नेता व पूर्व सीएम शांता कुमार का भी साथ मिल रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व सीएम व भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने हिमाचल के हितों की पैरवी करते हुए कहा कि वो राज्य के हक के लिए प्रदेश सरकार के साथ हैं.

सुक्खू सरकार को मिला शांता कुमार का साथ: पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा कि इस समय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल की कांग्रेस सरकार केंद्र से राज्य के हक को लेकर बात कर रही है. राज्य सरकार केंद्र से हिमाचल के हितों की रक्षा का आग्रह कर रही है. शांता कुमार ने कहा कि वे भी इसमें राज्य सरकार के साथ हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य ही है कि केंद्र की योजनाओं में हिमाचल प्रदेश को अपने हक नहीं मिले हैं.

दशकों से लड़ी जा रही हिमाचल के हकों की लड़ाई: उल्लेखनीय है कि हिमाचल सरकार चंडीगढ़ में हिस्सेदारी सहित बीबीएमबी परियोजनाओं में रॉयल्टी व जमीन के मुआवजे आदि के लिए दशकों से संघर्ष कर रही है. अब इस कड़ी में शानन बिजलीघर परियोजना भी शामिल हो गई है. मार्च 2024 में शानन प्रोजेक्ट की लीज अवधि पूरी होने जा रही है. राज्य सरकार इस बिजलीघर को पंजाब से वापिस लेकर हिमाचल को सौंपने में केंद्र की मदद का आग्रह कर रही है. इसी विषय पर शांता कुमार ने हिमाचल सरकार के प्रयासों की पैरवी की है और उनका साथ देने की बात कही है.

1977 में पहली बार उठा था हिमाचल के हकों का मामला: शांता कुमार ने कहा कि वर्ष 1977 में अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने केंद्र सरकार से बात की थी. केंद्र की मोरारजी सरकार से बात करने पर प्रधानमंत्री ने इस मामले में सहानुभूति प्रकट की और तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाया था. शांता कुमार ने बताया कि उस दौरान शानन प्रोजेक्ट व हिमाचल का 7.19 प्रतिशत अधिकार का मामला उठाया गया था. उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री ने एक कमेटी गठित करने का भरोसा दिया था. उस समय भी हिमाचल ने आग्रह किया था कि जब तक कमेटी नहीं बनती हमें तब तक अस्थाई रूप में बिजली का हिस्सा मिलना चाहिए. शांता कुमार के अनुसार तब हरियाणा के सीएम चौधरी देवीलाल ने इसका विरोध किया था, लेकिन पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल हिमाचल के समर्थन में थे. बादल के समर्थन के कारण ही ब्यास सतलुज परियोजना से हिमाचल प्रदेश को 15 मेगावाट बिजली मिलने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया था.

हिमाचल के हकों के लिए दिल्ली में किया था धरना: शांता कुमार ने बताया कि 1990 में दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर हिमाचल के अधिकार लेने के लिए उन्होंने फिर से संघर्ष किया था. तब पांच हजार जन प्रतिनिधि पंच पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्य, विधायक और सांसदों को लेकर दिल्ली तक ऐतिहासिक हिमाचल अधिकार यात्रा आयोजित की गई थी. दिल्ली में धरना भी दिया गया था. उस धरने में प्रदेश के नेताओं के साथ पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और कृष्ण लाल शर्मा विशेष रूप से साथ देने आए थे.

सुक्खू सरकार के संघर्ष में शामिल हुए शांता कुमार: शांता कुमार ने बताया कि हिमाचल को 15 मेगावाट बिजली वर्ष 2011 तक मिलती रही. यह सारा मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और अदालत ने हिमाचल की इस मांग को स्वीकार किया. साथ ही पहले का बचा हुआ बकाया देने का भी फैसला किया. अब सुक्खू सरकार इस मामले में काम कर रही है. उन्होंने हिमाचल के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे इस मामले में औपचारिकताएं पूरी करें और राज्य की बकाया धनराशि वापिस लेने का प्रयास करें. शांता कुमार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि 1978 और 1990 में हिमाचल के अधिकार के लिए जो संघर्ष शुरू किया गया था, उसके पूरा होने के अब आसार हैं. इसके लिए वे राज्य सरकार के साथ भरपूर सहयोग करेंगे.

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Last Updated : Jul 5, 2023, 9:05 PM IST
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