शिमला: भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान एडवांस स्टडी ने 55वें स्थापना दिवस पर संस्थान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान जहां संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों पर चर्चा की गई. वहीं, संस्थान के पूर्व कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया.
इसके अलावा संस्थान की पत्रिका का विमोचन भी किया गया. साथ ही वेबिनार के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा कई शिक्षाविद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल भी जुड़े. इस वेबिनार में नई शिक्षा नीति पर चर्चा की गई और शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने संस्थान को स्थापना दिवस की बधाई दी और कहा कि संस्थान ने बीते 55 सालों में शोध कार्यों में अहम भूमिका निभाई है और अब समय आ गया है कि वह संकल्प लिया जाए कि आने वाले समय में संस्थान भारत को शोध व अनुसंधान में फिर से उसी स्थान पर ले जाए, जहां भारत को विश्व गुरु के नाम से पहचाना जाता था. यह समय आत्म विश्लेषण करने का है कि हमने पिछले बीते समय में क्या किया है और भविष्य के लिए सही रास्ता है और नई दिशा तय करने का है.
भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है भारत के शोध ग्रंथ, भारत के आयुर्विज्ञान यहां की भाषाएं भारत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाती है. उन्होंने देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन को याद करते हुए और कहा कि देश ऐसे राष्ट्रपति का सदैव आभारी रहेगा. जिन्होंने राष्ट्रपति निवास को उच्च शिक्षण संस्थान में बदलने का फैसला लिया और देश के शोधकर्ताओं को एक ऐसा स्थान दिया जहां पर सही तरीके से अपना शोध कार्य कर सकें.
नई शिक्षा नीति को लागू करने पर सीएम जयराम को बधाई
नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू करने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी धन्यवाद किया और नई शिक्षा नीति को पहले अपने राज्य में लागू करने पर बधाई दी. नहीं शिक्षा नीति से हिंदी भाषा को एक नई पहचान मिलेगी. उन्होंने कहा कि हमें अंग्रेजी से कोई विरोध नहीं है, लेकिन हमारी प्राथमिकता हिंदी होनी चाहिए साथ ही नई शिक्षा नीति की वजह से संस्कृत और अन्य भाषाओं के कद में भी बढ़ोतरी होगी.
इस मौके पर एडवांस स्टडी के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर परांजपे ने संस्थान की गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में शिक्षा मंत्री को अवगत करवाया और कहा कि संस्थान ने कई गोष्टीय और सेमिनार का आयोजन किया है. साथ ही उन्होंने आगामी समय में भी नए शोध कार्य करने की बात कही.
देश में 35 साल बाद आई नई शिक्षा नीति
इस अवसर पर हिंदी के साहित्यकार डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा प्रवक्ता के रूप में मौजूद रहे और कहा कि संस्थान अपना स्थापना दिवस मना रहा है. संस्थान शोध कार्य मे अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने इस मौके पर नई शिक्षा नीति नीति पर विचार रखे और कहा कि शिक्षा नीति में देश में 35 साल के बाद नई शिक्षा नीति आई है. इसका उद्देश्य युवाओं ऐसी शिक्षा देना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सके.
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