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खनेरी अस्पताल में नहीं मिल रहा PM-JAY का लाभ, बाहर से दवाईयां ले रहे मरीज

हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में सबसे बड़े अस्पताल खनेरी में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का आम लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. यहां दवाई लेने आने वाले लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है. लोगों का कहना है कि अधिकतर डॉकटर मरीजों को जो भी दवाईयां लिखते हैं वो यहां उपलब्ध ही नहीं होती.

Khaneri Hospital
खनेरी अस्पताल
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Published : Aug 7, 2020, 1:14 PM IST

रामपुर/शिमला: सरकारी अस्पताल खनेरी में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का आम लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. रामपुर स्थित इस अस्पताल में चार जिलों किन्नौर, शिमला, कुल्लू और मंडी के लोग अपना इलाज करवाने आते हैं.

यहां 2019 में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का स्टोर खोला गया था. अस्पताल में इलाज के लिए आए लोगों ने बताया कि यह स्टोर पूरी तरह से खाली पड़ा हुआ है. यह स्टोर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के धरातल पर है. यहां दवाई लेने आने वाले लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है.

वीडियो रिपोर्ट.

इलाज करवाने आए मरीजों ने बताया कि अधिकतर डॉक्टर मरीजों को जो भी दवाईयां लिखते हैं वो यहां स्टोर में उपबल्ध नहीं होती. लोगों को बाहरी दुकानों से महंगे दामों पर दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं. गरीब लोगों को यहां दवाईयों नहीं मिला पाती हैं और वह अपनी जेब से दवाईयां खरीदने में सक्षम नहीं होते, जिसके चलते उन्हें बिना दवाई की सुविधा के रहना पड़ता है.

स्टोर के संचालक नरेश कुमार ने बताया कि आरकेएस की पेमेंट वेंडरों को नहीं दी जा रही है. इसके कारण यहां दवाइयां नहीं आ रही है. इसके साथ आरकेएस को पैसों की कमी के चलते पेमेंट नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि हमें अलग से दवाइयां लेने की परमिशन नहीं दी जा रही है.

डॉ. गुमान नेगी ने बताया कि पिछले दिनों एसडीएम रामपुर सुरेंद्र मोहन ने जन औषधि स्टोर का निरीक्षण किया था. इस दौरान सभी समस्याओं को उनके सामने रखा गया था और इसका समाधान भी निकाला गया था. उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर में सुचारु रुप से दवाइयां मिलना शुरू हो जाएंगी.

बता दें कि प्रधानमंत्री जन औषधि की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 को की थी. इस योजना का उद्देश्य हर नागरिक को कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध करवाना है. इससे आम नागरिक को 70% कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध होगीं, लेकिन खनेरी अस्पताल में इसका स्टोर खाली पड़ा हुआ है और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भारी रोष है. ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर आरकेएस का पैसा कहां खर्च किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: ऑनलाइन पढ़ाई के लिए गरीब छात्रों को मिलेंगे मोबाइल

रामपुर/शिमला: सरकारी अस्पताल खनेरी में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का आम लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. रामपुर स्थित इस अस्पताल में चार जिलों किन्नौर, शिमला, कुल्लू और मंडी के लोग अपना इलाज करवाने आते हैं.

यहां 2019 में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का स्टोर खोला गया था. अस्पताल में इलाज के लिए आए लोगों ने बताया कि यह स्टोर पूरी तरह से खाली पड़ा हुआ है. यह स्टोर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के धरातल पर है. यहां दवाई लेने आने वाले लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है.

वीडियो रिपोर्ट.

इलाज करवाने आए मरीजों ने बताया कि अधिकतर डॉक्टर मरीजों को जो भी दवाईयां लिखते हैं वो यहां स्टोर में उपबल्ध नहीं होती. लोगों को बाहरी दुकानों से महंगे दामों पर दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं. गरीब लोगों को यहां दवाईयों नहीं मिला पाती हैं और वह अपनी जेब से दवाईयां खरीदने में सक्षम नहीं होते, जिसके चलते उन्हें बिना दवाई की सुविधा के रहना पड़ता है.

स्टोर के संचालक नरेश कुमार ने बताया कि आरकेएस की पेमेंट वेंडरों को नहीं दी जा रही है. इसके कारण यहां दवाइयां नहीं आ रही है. इसके साथ आरकेएस को पैसों की कमी के चलते पेमेंट नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि हमें अलग से दवाइयां लेने की परमिशन नहीं दी जा रही है.

डॉ. गुमान नेगी ने बताया कि पिछले दिनों एसडीएम रामपुर सुरेंद्र मोहन ने जन औषधि स्टोर का निरीक्षण किया था. इस दौरान सभी समस्याओं को उनके सामने रखा गया था और इसका समाधान भी निकाला गया था. उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर में सुचारु रुप से दवाइयां मिलना शुरू हो जाएंगी.

बता दें कि प्रधानमंत्री जन औषधि की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 को की थी. इस योजना का उद्देश्य हर नागरिक को कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध करवाना है. इससे आम नागरिक को 70% कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध होगीं, लेकिन खनेरी अस्पताल में इसका स्टोर खाली पड़ा हुआ है और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भारी रोष है. ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर आरकेएस का पैसा कहां खर्च किया जा रहा है.

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