शिमलाः कोरोना वायरस को रोकने लिए सभी देश अपने अपने तरीके से सावधानी बरत रहे हैं. जिसके चलते भारत मे भी देशभर के सभी राज्यों को 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया हैं.
लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने वाले लोग को वायरस के चलते डिप्रेशन, टेंशन और कन्फ्यूजन न हो इसके लिए आईजीएमसी के विशेषज्ञ डॉक्टर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक जानकारी पहुंचा रहे हैं. आईजीएमसी के मेडिकल विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. विमल भारती भी लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 से बचने के उपाय बता रहे हैं.
डॉ. भारती के मुताबिक घरों में रहने वाले लोगों को कोरोना वायरस के लक्षण से घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसे दिनों में लोग टेंशन, डिप्रेशन और कन्फ्यूजन के शिकार हो जाते हैं.
इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को खान पान से लेकर हाईजीन का विशेष ध्यान रखना है, जिससे किसी तरह का संक्रमण उनको हानि न पहुंचा सके.
कोरोना वायरस के लक्ष्ण भी दूसरे वायरस की तरह हैं, जिसमें खांसी, जुखाम, गले मे दर्द, जोड़ों में दर्द और सिर दर्द होती है. जो अन्य वायरस जैसे राइनो और इन्फ्लूएंजा वायरस में भी दिखाई देते हैं.
इसके उपचार के लिए अपनी देखभाल करें और खान पान से लेकर हाइजीन बढ़ाने वाली चीजें खाएं. उन्होंने बताया कि यदि आपकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है और किसी तरह के संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में नहीं आए हैं, तो घबराने की कोई जरुरत नहीं है.
डॉ. भारती का कहना कि घर मे रहने वाले 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी डरने की कोई जरुरत नहीं है. बस उन्हें भी अपनी देखभाल खुद करनी होगी.
डॉ. भारती ने बताया कि हार्ट पेशेंट, ब्रोंकिल अस्थमा, किडनी और लिवर के रोगियों को अपने पैरामीटर को नियंत्रण में रखना जरुरी है, ताकि वे भी इस वायरस का डटकर मुकाबला कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हमें साफ-सफाई, बार-बार साबुन से हाथ धोना और लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखना जरूरी है.
डॉ. भारती ने लोगों से अपील की है कि वे सरकार के नियमों और दिए जाने वाले दिशा निर्देशों का पालन करने ताकि वायरस के प्रकोप से बचा जा सके.
पढ़ेंः कोविड-19 संकट: राहत बनकर आए राजस्व घाटा अनुदान के 952 करोड़, कर्ज लेने से बच गया हिमाचल